रायपुर : छत्तीसगढ़ को राज्य बनने के बाद से ही सरप्लस इलेक्ट्रिसिटी वाले राज्य (Chhattisgarh Surplus Electricity State) का दर्जा मिला हुआ है. प्रदेश में बिजली की उत्पादन क्षमता खपत से ज्यादा ही रहती है. हालांकि खेती किसानी के वक्त बिजली की खपत ज्यादा बढ़ जाती है, उस समय राज्य को अन्य विद्युत उत्पादकों से बिजली खरीदना भी पड़ता है. दीपावली जैसे त्योहारों में जहां हर घर में बिजली की खपत बढ़ जाती है, पूरा शहर रोशनी से जगमगा उठता है ऐसे समय में अमूमन इस बात को लेकर लोगो में ये चिंता बनी रहती है कि क्या त्योहार में बिजली कटौती (Power Cut) की नौबत तो नहीं आ जाएगी? लेकिन हम आपको बता दें कि आप को इसकी चिंता करने की जरूरत नहीं है.
बिजली की सामान्य उपलब्धता करीब 4500 मेगावाट
वर्तमान में प्रदेश के ताप विद्युत संयंत्रों, केंद्रीय विद्युत संयंत्रों और निजी स्वतंत्र उत्पादकों से प्रदेश में कुल बिजली की आवंटित क्षमता 5491 मेगावाट है. इसमें सामान्य उपलब्धता करीब 4500 मेगावाट है. जानकारों के मुताबिक प्रदेश में विद्युत की मांग 4500 मेगावाट के ही आसपास रहती है. इस वजह से दीपावली के दिन भी बिजली कटौती जैसी नौबत प्रदेश में देखने को नहीं मिलेगी.
कुछ बड़े उद्योगों में उत्पादन कम तो कुछ इकाई होती हैं बंद
विद्युत विभाग के अधिकारियों ने बताया कि दीपावली जैसे त्योहारी सीजन में कुछ बड़े उद्योगों में उत्पादन कम हो जाते हैं तो कुछ इकाइयों को बंद भी कर दिया जाता है. इससे बिजली की बचत होती है और उसी अनुपात में घरेलू बिजली की खपत बढ़ जाती है. तो प्रदेश के लोगों को इस बात की चिंता नहीं होनी चाहिए कि दीपावली में उनके घर की रोशनी कम होने वाली है.