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SPECIAL: टिकट आरक्षित केंद्र चलाने वालों की हालत खस्ता, दुकान का किराया चुकाना भी हुआ मुश्किल - chhattisgarh updated news

ट्रेन कम चलने के कारण रायपुर में टिकट बुकिंग काउंटर चलाने वालों की हालत खराब हो गई है. अब दिन भर में करीब 15 टिकट भी मुश्किल से ही बुक हो रहे हैं.

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टिकट आरक्षित केंद्र चलाने वालों की हालत खस्ता
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Published : Sep 23, 2020, 12:43 PM IST

Updated : Sep 23, 2020, 1:31 PM IST

रायपुर: कोरोना वायरस के कारण पहले के मुकाबले अब ट्रेन काफी कम चल रही हैं. जिसका सबसे बड़ा असर ट्रेन टिकट बुकिंग करनेवालों पर भी पड़ा है. अब न तो लोग पहले जैसे यात्रा कर रहे हैं और न ही ट्रेनों की बुकिंग हो रही है. जिससे टिकट बुकिंग करने वालों की रोजी-रोटी चलना भी मुश्किल हो गई हैं.

टिकट आरक्षित केंद्र चलाने वालों की हालत खस्ता

पहले रोजाना करीबन 120 ट्रेन रायपुर होकर गुजरती थी लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से अब ऐसे हालात है की सिर्फ 7 से 8 ट्रेन ही रायपुर से होकर गुजर रही हैं. ऐसे में रेलवे से जुड़े सभी लोगों की आर्थिक स्थिति काफी खराब चल रही हैं. जिसमें ऑटोवाले, टिकट बुक करने वाले, स्टेशन के बाहर छोटे-मोटे दुकानदार सभी शामिल हैं.

टिकट बुकिंग संचालकों की नहीं चल रही दुकान

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टिकट आरक्षित केंद्र चलाने वालों की हालत खस्ता

टिकट बुकिंग करने वाले जयंती भाई ठक्कर का कहना है कि पहले रोजाना करीब 180 लोग टिकट बुक करवाने उनके काउंटर पर आते थे लेकिन आज के हालात है कि दिनभर में 15 से 20 लोग भी टिकट करवाने नहीं पहुंच रहे हैं. उनका कहना है कि पिछले 7 महीने में हालात खराब हो गए है.

दुकान का किराया देना भी हुआ मुश्किल

टिकट बुकिंग संचालक दिलीप कुमार तिवारी ने बताया कि जनरल टिकट काउंटर में पहले रोजाना 300 से 400 लोग टिकट बुक करवाते थे, लेकिन अब हालत ये है कि दिनभर दुकान में बैठे रहने के बाद भी कोई टिकट बुक करवाने नहीं आता. लगभग 3 से 4 महीने हो गए है लेकिन परिस्थितियां नहीं बदल रही है. उन्होंन कहा कि जब तक रेलवे ज्यादा ट्रेन नहीं चलाएगा तब तक लोग टिकट बुक नहीं करवाएंगे. उनका कहना है कि उनकी आर्थिक स्थिति दिन ब दिन खराब होती चली जा रही है. दुकान का किराया देना भी मुश्किल होता जा रहा है.

टिकट बुकिंग संचालकों का कहना हैं कि शुरुआती ढाई महीने तो दुकान बंद रही. अब कुछ ट्रेन शुरू होने के बाद दुकानें खोल रहे है लेकिन कमाई बिल्कुल ही जीरो है.

पढ़ें: राशन कार्ड के जरिए किस तरह होगा 'आरक्षण' का निर्धारण, देखें हमारी खास रिपोर्ट

शहर में 5 ऑथराइज टिकट काउंटर

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टिकट आरक्षित केंद्र चलाने वालों की हालत खस्ता

आंकड़े की बात की जाए तो राजधानी रायपुर में रेलवे स्टेशन को छोड़ रेलवे से ऑथराइज शहर में कुल 5 टिकट काउंटर हैं. इसमें सबसे ज्यादा अग्रसेन चौक व फाफाडीह चौक पर लोग टिकट बुक करवाने आते हैं.लॉकडाउन के पहले सामान्य दिनों में रोजाना कुल 1000 से ज्यादा टिकट बुकिंग इन पांच टिकट आरक्षण केंद्र में होती थी, लेकिन अब 1 दिन में 60 से 70 टिकट ही सिर्फ बुक हो पाती हैं. राजधानी में जो टिकट काउंटर है उनमें टिकट बुकिंग संचालक को एक जनरल टिकट बुक करने पर ₹22.50 मिलता है और एसी टिकट बुक करने पर ₹30 मिलते हैं.

कोरोना के लगातार बढ़ रहे आंकड़े को देखते हुए पूरे देश में 25 मार्च से लॉकडाउन की घोषणा की गई थी जो कि लगभग ढाई महीने चली. जिसके बाद अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हुई और बस, ट्रेन और फ्लाइट चलने की इजाजत दी गई. 12 मई से पूरे देश में श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई गई, जिसके बाद 1 जून से पूरे देश में 100 जोड़ी ट्रेन शुरू की गई, इसके साथ ही 12 मई से राजधानी एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन राजधानी रायपुर से चलने लगी. 1 सितंबर से रायपुर में और ट्रेनें शुरू की गई. अभी राजधानी रायपुर होते हुए कुल 11 जोड़ी ट्रेनें गुजर रही है. जिसमें लगभग रोजाना 8 ट्रेन सिर्फ रायपुर से होकर गुजर रही है.

अब कुछ ही दिनों में त्योहारी सीजन शुरू होने वाला है. ऐसे में रेलवे कई और ट्रेने चलाने की योजना बना रहा है. ऐसे में देखने वाली बात होगी कि क्या यात्रियों की संख्या इन ट्रेनों में बढ़ेगी या लोग डर के कारण यात्रा करने से कतराएंगे.

रायपुर: कोरोना वायरस के कारण पहले के मुकाबले अब ट्रेन काफी कम चल रही हैं. जिसका सबसे बड़ा असर ट्रेन टिकट बुकिंग करनेवालों पर भी पड़ा है. अब न तो लोग पहले जैसे यात्रा कर रहे हैं और न ही ट्रेनों की बुकिंग हो रही है. जिससे टिकट बुकिंग करने वालों की रोजी-रोटी चलना भी मुश्किल हो गई हैं.

टिकट आरक्षित केंद्र चलाने वालों की हालत खस्ता

पहले रोजाना करीबन 120 ट्रेन रायपुर होकर गुजरती थी लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से अब ऐसे हालात है की सिर्फ 7 से 8 ट्रेन ही रायपुर से होकर गुजर रही हैं. ऐसे में रेलवे से जुड़े सभी लोगों की आर्थिक स्थिति काफी खराब चल रही हैं. जिसमें ऑटोवाले, टिकट बुक करने वाले, स्टेशन के बाहर छोटे-मोटे दुकानदार सभी शामिल हैं.

टिकट बुकिंग संचालकों की नहीं चल रही दुकान

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टिकट आरक्षित केंद्र चलाने वालों की हालत खस्ता

टिकट बुकिंग करने वाले जयंती भाई ठक्कर का कहना है कि पहले रोजाना करीब 180 लोग टिकट बुक करवाने उनके काउंटर पर आते थे लेकिन आज के हालात है कि दिनभर में 15 से 20 लोग भी टिकट करवाने नहीं पहुंच रहे हैं. उनका कहना है कि पिछले 7 महीने में हालात खराब हो गए है.

दुकान का किराया देना भी हुआ मुश्किल

टिकट बुकिंग संचालक दिलीप कुमार तिवारी ने बताया कि जनरल टिकट काउंटर में पहले रोजाना 300 से 400 लोग टिकट बुक करवाते थे, लेकिन अब हालत ये है कि दिनभर दुकान में बैठे रहने के बाद भी कोई टिकट बुक करवाने नहीं आता. लगभग 3 से 4 महीने हो गए है लेकिन परिस्थितियां नहीं बदल रही है. उन्होंन कहा कि जब तक रेलवे ज्यादा ट्रेन नहीं चलाएगा तब तक लोग टिकट बुक नहीं करवाएंगे. उनका कहना है कि उनकी आर्थिक स्थिति दिन ब दिन खराब होती चली जा रही है. दुकान का किराया देना भी मुश्किल होता जा रहा है.

टिकट बुकिंग संचालकों का कहना हैं कि शुरुआती ढाई महीने तो दुकान बंद रही. अब कुछ ट्रेन शुरू होने के बाद दुकानें खोल रहे है लेकिन कमाई बिल्कुल ही जीरो है.

पढ़ें: राशन कार्ड के जरिए किस तरह होगा 'आरक्षण' का निर्धारण, देखें हमारी खास रिपोर्ट

शहर में 5 ऑथराइज टिकट काउंटर

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टिकट आरक्षित केंद्र चलाने वालों की हालत खस्ता

आंकड़े की बात की जाए तो राजधानी रायपुर में रेलवे स्टेशन को छोड़ रेलवे से ऑथराइज शहर में कुल 5 टिकट काउंटर हैं. इसमें सबसे ज्यादा अग्रसेन चौक व फाफाडीह चौक पर लोग टिकट बुक करवाने आते हैं.लॉकडाउन के पहले सामान्य दिनों में रोजाना कुल 1000 से ज्यादा टिकट बुकिंग इन पांच टिकट आरक्षण केंद्र में होती थी, लेकिन अब 1 दिन में 60 से 70 टिकट ही सिर्फ बुक हो पाती हैं. राजधानी में जो टिकट काउंटर है उनमें टिकट बुकिंग संचालक को एक जनरल टिकट बुक करने पर ₹22.50 मिलता है और एसी टिकट बुक करने पर ₹30 मिलते हैं.

कोरोना के लगातार बढ़ रहे आंकड़े को देखते हुए पूरे देश में 25 मार्च से लॉकडाउन की घोषणा की गई थी जो कि लगभग ढाई महीने चली. जिसके बाद अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हुई और बस, ट्रेन और फ्लाइट चलने की इजाजत दी गई. 12 मई से पूरे देश में श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई गई, जिसके बाद 1 जून से पूरे देश में 100 जोड़ी ट्रेन शुरू की गई, इसके साथ ही 12 मई से राजधानी एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन राजधानी रायपुर से चलने लगी. 1 सितंबर से रायपुर में और ट्रेनें शुरू की गई. अभी राजधानी रायपुर होते हुए कुल 11 जोड़ी ट्रेनें गुजर रही है. जिसमें लगभग रोजाना 8 ट्रेन सिर्फ रायपुर से होकर गुजर रही है.

अब कुछ ही दिनों में त्योहारी सीजन शुरू होने वाला है. ऐसे में रेलवे कई और ट्रेने चलाने की योजना बना रहा है. ऐसे में देखने वाली बात होगी कि क्या यात्रियों की संख्या इन ट्रेनों में बढ़ेगी या लोग डर के कारण यात्रा करने से कतराएंगे.

Last Updated : Sep 23, 2020, 1:31 PM IST
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