रायपुर: कोरोना संक्रमण से बचने और इसके नियंत्रण के लिए पूरे देश में लॉकडाउन किया गया. एक तरफ जहां पूरी दुनिया करीब ढाई महीने से अपने घरों में बंद रही, वहीं सफाईकर्मी कोरोना वॉरियर्स की तरह लगातार अपनी सेवाएं देते रहे. डॉक्टर्स और पुलिस के अलावा अगर किसी ने इस संकट के दौर में सबसे ज्यादा मेहनत की है, तो वे हैं सफाईकर्मी.
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के बिरगांव नगर निगम में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के बीच बिना डरे, बिना रूके और बिना थके महिला सफाईकर्मी दिन-रात अपनी सेवाएं दे रहीं हैं. ETV भारत की टीम जब इनसे मिलने और इनकी स्थिति जानने पहुंची, तो कुछ अच्छे, कुछ बुरे हालातों को बताते हुए इनकी आंखें नम हो गईं.
200 महिलाओं के अलग-अलग समूह
नगर निगम बिरगांव में महिला सफाईकर्मियों का समूह है, जिसका नाम उजाला संघ है. सफाई संघ की एक महिला बताती है कि संघ में 200 महिलाएं काम करती हैं, जो 7 सेंटर के 40 वार्डों में अपनी सेवाएं दे रही हैं. सभी रिक्शा लेकर अलग-अलग गली-मोहल्लों में जाती हैं और कचरा इक्ट्ठा करती हैं.
नहीं डरा पाया कोरोना का खतरा
महिलाएं बताती हैं कि इस संकट के बीच वे डरती रहीं, अपने परिवार की सुरक्षा के लिए. इसका जिक्र उन्होंने निगम से भी किया लेकिन घर तो हर हाल में चलाना था लिहाजा डर छोड़ काम पर निकल पड़ीं.
काम के दौरान आती हैं कई चुनौतियां
उन्होंने बताया कि जब वे कचरा लेने घर-घर जाती हैं, तो उनके सामने कितनी चुनौतियां होती हैं. जिला प्रशासन ने स्वच्छता अभियान के तहत आदेश जारी किया है कि गीला और सूखा कचरा अलग-अलग रखा जाना है, इसके बावजूद लोग दोनों तरह के कचरे को एक साथ देते हैं. इससे सफाईकर्मियों की परेशानी बढ़ जाती है और उन्हें कचरे को अलग करने में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है.
महिलाओं ने बताया कि उन्हें कई दिनों तक सुरक्षा के कोई संसाधन नहीं दिए गए थे. वे सभी अपना काम करने के बाद वापस घर जाने के वक्त इस डर में रहती थीं कि कहीं संक्रमण का खतरा न हुआ हो. अपने बच्चों के पास जाने के लिए भी खुद को घर के बाहर से ही सैनिटाइज कर घर में घुसा करती थीं.
निगम की लापरवाही!
सफाईकर्मियों का कहना है कि निगम उन्हें काम का रोजाना सिर्फ 200 रुपए देता है, जबकि सरकार ने 400 रुपए देने का फैसला लिया है. इसकी वजह से उन्हें परिवार चलाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. रोजाना अपनी सेवाएं देने के बाद भी उन्हें उनकी मेहनत का पैसा नहीं दिया जाता.
उन्होंने बताया कि पहले और दूसरे चरण के लॉकडाउन के दौरान उन्हें वेतन भी नहीं दिया गया, जिसकी वजह से उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ा. अनलॉक-1 के दौरान हाल ही में उन्हें मास्क और सैनिटाइजर उपलब्ध कराया गया है, जिससे उन्हें थोड़ी मदद मिल जाती है.
'नहीं छोड़ेंगा काम करना'
उनका कहना है कि संकट का समय जितने भी दिन चलेगा वह अपनी सेवाएं देती रहेंगी और काम करती रहेंगी. वे कहती हैं कि इतने बदबूदार कचरे को रोजाना जमा करने के बाद, उसे अलग करने, डंप करने से लेकर सभी काम करने के बाद ही अपने घरों को जाती हैं.
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रायपुर से सटे नगर निगम बिरगांव के कैलाश नगर में कोरोना केस मिलने के बाद से इस इलाके को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है. बैरिकेडिंग लगाकर इस इलाके को पूरी तरह बंद कर दिया गया है. इन सबके बावजूद ये सफाईकर्मी हर सुबह अपना काम करने यहां पहुंच जाती हैं और ईमानदारी से अपना काम करती हैं. ETV भारत इनकी जिंदादिली और संकट की घड़ी में इनके योगदान को सलाम करता है.