रायपुर: कहा जाता है कि आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है. राष्ट्रिय विज्ञान दिवस पर हम आपको ऐसे नन्हे वैज्ञानिक से मिला रहे हैं, जिसने किसानों को खेती में मदद पहुंचाने के लिए एक डिवाइस का आविष्कार किया है.
हमारे कृषि प्रधान देश में किसानों को लेकर आए दिन नई-नई तकनीक का आविष्कार किया जा रहा है. रायपुर के वाईकोन स्कूल में में पढ़ने वाले छात्र अमिताभ दास ने इस डिवाइस का मॉडल तैयार किया है, जिसे जिला स्तर पर पुरस्कार भी मिल चुका है और इस मॉडल का चयन प्रदेश स्तर के लिए किया गया है. इस डिवाइस का नाम 'सीड गन' है. इसकी मदद से किसान अपने खेतों में बेहद कम समय में बुआई कर सकता है.
समय के साथ पैसे की होगी बचत
जब हमने छात्र अमिताभ दास से पूछा कि इस तरह का मॉडल तैयार करने का विचार उनके मन में कहां से आया तो उसका जवाब बेहद दिलचस्प था. अमिताभ का कहना था कि 'हमारे देश में 60 प्रतिशत लोग किसान हैं और कृषि उपकरण महंगे होते हैं, इसलिए मैंने इस डिवाइस को बनाया है, जिससे किसान इसे खरीद पाएंगे और पैसे के साथ-साथ समय की भी बचत होगी.'
किसानों को मिलेगी मदद
वोइकॉन स्कूल की प्रिंसिपल ने भी अमिताभ की तारिफ की और बताया कि इस डिवाइस का उपयोग करने से किसानों को आसानी होगी. प्रिंसिपिल ने कहा कि 'कम मेहनत में ज्यादा और जल्दी काम होगा'.
आज विज्ञान अपने पैर अंतरिक्ष तक पसार चुका है और ऐसे में स्कूली छात्र को साइंस और टेक्नोलॉजी से जुड़ने के लिए खास प्रयास की जरूरत है, ताकि आने वाले समय में हमारा देश इस दिशा में और तरक्की कर सके. इसे लेकर ज्यादातर स्कूल जागरूक भी हैं और यह कई तरह के पहल कर बच्चों को साइंस की एक्टिविटी से जोड़ रहे हैं.
इतनी कम उम्र में विज्ञान को कृषि से जोड़कर देखना और उसको लेकर उपकरण तैयार करना यह बताता है कि इन बच्चों में विज्ञान के बीज रोपित हो चुके हैं. उम्मीद है आने वाले समय में यह वृक्ष बनकर जरूर तैयार होगा.