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अमित जोगी जाति प्रमाण पत्र: SC/ST आयोग के पूर्व अध्यक्ष नंदकुमार साय ने किया फैसले का स्वागत

अमित जोगी के जाति पर आयोग के फैसले का नंदकुमार साय ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा है कि ऐसे और भी लोग जो अवैध तरीके से प्रमाण पत्र बनाकर जनजाति वर्ग के हितों को हड़पने का काम करते हैं उनकी भी जांच होनी चाहिए.

Amit Jogi Caste Certificate case
नंदकुमार साय
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Published : Oct 17, 2020, 9:34 PM IST

Updated : Oct 17, 2020, 9:45 PM IST

रायपुर: अमित जोगी और ऋचा जोगी के जाति प्रमाण पत्र के फैसले को लेकर एससी/एसटी आयोग के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी के वरिष्ठ आदिवासी नेता नंदकुमार साय ने बड़ा बयान दिया है. नंद कुमार साय ने कहा है कि उच्च स्तरीय छानबीन समिति ने अमित जोगी और ऋचा जोगी जाति प्रमाण पत्र निरस्त किया है. इस फैसले का वे स्वागत करते हैं.

SC/ST आयोग के पूर्व अध्यक्ष नंदकुमार साय ने किया फैसले का स्वागत

जोगी शासन काल में नेता प्रतिपक्ष रह चुके नंदकुमार साय ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी जिस तरह से नकली प्रमाण पत्र बनाकर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आसीन थे, उसके विरोध में वे कोर्ट में लंबी लड़ाई लड़े हैं. उन्होंने कहा कि, आज जब यह फैसला आया है, उन्हें बहुत प्रसन्नता हुई है.

पढ़ें-अमित जोगी और ऋचा जोगी का नामांकन रद्द , बीजेपी ने कांग्रेस पर साधा निशाना

नंदकुमार साय ने कहा कि वे लगातार कहते रहे हैं कि अजीत जोगी अनुसूचित जनजाति वर्ग के हैं हीं नहीं. उनके पुत्र अमित और बहू ऋचा जोगी भी प्रयाय कर रहे थे कि वे अनुसूचित जनजाति वर्ग में आते हैं. अब उच्च स्तरीय समिति ने जो फैसला दिया है वो सम्मानजनक है. इस फैसले के आने से अनुसूचित जाति वर्ग के हितों की रक्षा होगी. नंदकुमार साय ने कहा कि ऐसे और भी लोग जो अवैध तरीके से प्रमाण पत्र बनाकर जनजाति वर्ग के हितों को हड़पने का काम करते हैं उनकी भी जांच होनी चाहिए.

रायपुर: अमित जोगी और ऋचा जोगी के जाति प्रमाण पत्र के फैसले को लेकर एससी/एसटी आयोग के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी के वरिष्ठ आदिवासी नेता नंदकुमार साय ने बड़ा बयान दिया है. नंद कुमार साय ने कहा है कि उच्च स्तरीय छानबीन समिति ने अमित जोगी और ऋचा जोगी जाति प्रमाण पत्र निरस्त किया है. इस फैसले का वे स्वागत करते हैं.

SC/ST आयोग के पूर्व अध्यक्ष नंदकुमार साय ने किया फैसले का स्वागत

जोगी शासन काल में नेता प्रतिपक्ष रह चुके नंदकुमार साय ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी जिस तरह से नकली प्रमाण पत्र बनाकर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आसीन थे, उसके विरोध में वे कोर्ट में लंबी लड़ाई लड़े हैं. उन्होंने कहा कि, आज जब यह फैसला आया है, उन्हें बहुत प्रसन्नता हुई है.

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नंदकुमार साय ने कहा कि वे लगातार कहते रहे हैं कि अजीत जोगी अनुसूचित जनजाति वर्ग के हैं हीं नहीं. उनके पुत्र अमित और बहू ऋचा जोगी भी प्रयाय कर रहे थे कि वे अनुसूचित जनजाति वर्ग में आते हैं. अब उच्च स्तरीय समिति ने जो फैसला दिया है वो सम्मानजनक है. इस फैसले के आने से अनुसूचित जाति वर्ग के हितों की रक्षा होगी. नंदकुमार साय ने कहा कि ऐसे और भी लोग जो अवैध तरीके से प्रमाण पत्र बनाकर जनजाति वर्ग के हितों को हड़पने का काम करते हैं उनकी भी जांच होनी चाहिए.

Last Updated : Oct 17, 2020, 9:45 PM IST
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