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CANCER AWARENESS DAY: रूटीन चेकअप और स्वस्थ खानपान से कैंसर को दी जा सकती है मात: शारदा सिंह

हर साल 7 नवंबर को राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस (Cancer Awareness Day) मनाया जाता है. ये दिन लोगों को कैंसर के प्रति जागरूक करने के लिए मनाया जाता है. इस मौके पर ETV भारत आपको राजधानी की एक ऐसी महिला के बारे में बता रहा है, जिन्होंने कैंसर को मात दी है.

National Cancer Awareness Day
कैंसर विजेता शारदा सिंह से खास बात
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Published : Nov 7, 2020, 8:33 PM IST

रायपुर: कैंसर अवेयरनेस डे पर ETV भारत आपको राजधानी की रहने वाली एक ऐसी महिला से मिलाने जा रहा है. जिन्होंने न केवल कैंसर को मात दी, बल्कि आज वे एक खुशहाल जिंदगी जी रही हैं. रायपुर की रहने वाली शारदा सिंह को यूट्रस कैंसर (गर्भाशय कैंसर) था. वह बताती हैं कि वे शुरू से ही रूटीन चेकअप करवाती रही हैं. रूटीन चेकअप की वजह से ही उन्हें बहुत पहले ही यह पता चल गया कि उन्हें कैंसर हुआ है. उन्हें किसी डॉक्टर ने रूटीन चेकअप के दौरान ये हिंट किया था कि उन्हें ऐसी कोई समस्या हो सकती है. लेकिन उन्होंने इसे सीरियसली नहीं लिया. जब घर में उन्होंने इस बात को बताया तो घरवालों ने फोर्स किया. उसके बाद जाकर उन्होंने टेस्ट करवाया तो उन्हें कैंसर था.

कैंसर विजेता शारदा सिंह से खास बात

शारदा बतातीं हैं कि उन्हें बहुत पहले ही प्राथमिक स्टेज में ही ये पता चल गया था कि उन्हें कैंसर है. इसलिए उन्होंने जल्द अपना इलाज कराना शुरू किया. उन्होंने दिल्ली एम्स में अपना ट्रीटमेंट करवाया. वे बतातीं हैं कि जब उन्हें पहले दिन ये पता चला कि उन्हें कैंसर है, तो कहीं न कहीं वह बेहद डर गई थी. वो 2 दिन तक रोती रहीं और घर में ज्यादा किसी से बात नहीं की. लेकिन उनकी फैमिली में पहले भी एक सदस्य को कैंसर हो चुका था. इसलिए वे इतनी ज्यादा नर्वस नहीं हुई. उन्होंने डॉक्टर की सलाह ली और तुरंत अपना इलाज करवाया.

खुद को करें मोटिवेट

शारदा बतातीं हैं कि वे खुद को मोटिवेट करने के लिए अपने दोस्तों से बात करती थीं. इसके अलावा उनके परिवार के जिस सदस्य को पहले कैंसर था, वे उनके एक्सपीरियंस के बारे में भी जानती थी. वे बताती हैं कि वह बहुत शुक्रगुजार हैं अपने दोस्तों की और अपने ग्रुप की. जिन्होंने उनके मुश्किल वक्त में उनका साथ दिया.

पढ़ें: राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस आज, जानें बीमारी की मुख्य श्रेणियां

घबराने की जरुरत नहीं: शारदा

कैंसर को लेकर शारदा कहती हैं कि हम सब को ये पता होना चाहिए कि किसी भी चीज को अगर हल करना है, तो सबसे पहले उसके लिए शांत दिमाग से सोचना होगा. कैंसर हो चुका है उसको लेकर ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है. जरूरी है कि हम सब सही समय से इलाज करवाएं. जो होना होगा वो तो होगा ही. लेकिन हम खुद को मोटिवेट करें, किसी चीज से डरें ना और सही समय पर अच्छा इलाज करवाएं.

क्यों मनाया जाता है कैंसर अवेयरनेस डे ?

हर साल 7 नवंबर को भारत में राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस (Cancer Awareness Day) मनाया जाता है. यह दिन इसलिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह लोगों को कैंसर के गंभीर खतरे के बारे में शिक्षित करता है, उन्हें जागरूक करता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक कैंसर दूसरी सबसे घातक बीमारी है. जो लोगों की मौत का कारण बनती है. कैंसर से मर रहे लोगों की हालत भारत के लिए एक गंभीर खतरा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने पहली बार सितंबर 2014 में राष्ट्रीय कैंसर अवेयरनेस डे की घोषणा की थी. जिसके बाद से हर साल 7 नवंबर को कैंसर अवेयरनेस डे मनाया जाता है.

रायपुर: कैंसर अवेयरनेस डे पर ETV भारत आपको राजधानी की रहने वाली एक ऐसी महिला से मिलाने जा रहा है. जिन्होंने न केवल कैंसर को मात दी, बल्कि आज वे एक खुशहाल जिंदगी जी रही हैं. रायपुर की रहने वाली शारदा सिंह को यूट्रस कैंसर (गर्भाशय कैंसर) था. वह बताती हैं कि वे शुरू से ही रूटीन चेकअप करवाती रही हैं. रूटीन चेकअप की वजह से ही उन्हें बहुत पहले ही यह पता चल गया कि उन्हें कैंसर हुआ है. उन्हें किसी डॉक्टर ने रूटीन चेकअप के दौरान ये हिंट किया था कि उन्हें ऐसी कोई समस्या हो सकती है. लेकिन उन्होंने इसे सीरियसली नहीं लिया. जब घर में उन्होंने इस बात को बताया तो घरवालों ने फोर्स किया. उसके बाद जाकर उन्होंने टेस्ट करवाया तो उन्हें कैंसर था.

कैंसर विजेता शारदा सिंह से खास बात

शारदा बतातीं हैं कि उन्हें बहुत पहले ही प्राथमिक स्टेज में ही ये पता चल गया था कि उन्हें कैंसर है. इसलिए उन्होंने जल्द अपना इलाज कराना शुरू किया. उन्होंने दिल्ली एम्स में अपना ट्रीटमेंट करवाया. वे बतातीं हैं कि जब उन्हें पहले दिन ये पता चला कि उन्हें कैंसर है, तो कहीं न कहीं वह बेहद डर गई थी. वो 2 दिन तक रोती रहीं और घर में ज्यादा किसी से बात नहीं की. लेकिन उनकी फैमिली में पहले भी एक सदस्य को कैंसर हो चुका था. इसलिए वे इतनी ज्यादा नर्वस नहीं हुई. उन्होंने डॉक्टर की सलाह ली और तुरंत अपना इलाज करवाया.

खुद को करें मोटिवेट

शारदा बतातीं हैं कि वे खुद को मोटिवेट करने के लिए अपने दोस्तों से बात करती थीं. इसके अलावा उनके परिवार के जिस सदस्य को पहले कैंसर था, वे उनके एक्सपीरियंस के बारे में भी जानती थी. वे बताती हैं कि वह बहुत शुक्रगुजार हैं अपने दोस्तों की और अपने ग्रुप की. जिन्होंने उनके मुश्किल वक्त में उनका साथ दिया.

पढ़ें: राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस आज, जानें बीमारी की मुख्य श्रेणियां

घबराने की जरुरत नहीं: शारदा

कैंसर को लेकर शारदा कहती हैं कि हम सब को ये पता होना चाहिए कि किसी भी चीज को अगर हल करना है, तो सबसे पहले उसके लिए शांत दिमाग से सोचना होगा. कैंसर हो चुका है उसको लेकर ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है. जरूरी है कि हम सब सही समय से इलाज करवाएं. जो होना होगा वो तो होगा ही. लेकिन हम खुद को मोटिवेट करें, किसी चीज से डरें ना और सही समय पर अच्छा इलाज करवाएं.

क्यों मनाया जाता है कैंसर अवेयरनेस डे ?

हर साल 7 नवंबर को भारत में राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस (Cancer Awareness Day) मनाया जाता है. यह दिन इसलिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह लोगों को कैंसर के गंभीर खतरे के बारे में शिक्षित करता है, उन्हें जागरूक करता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक कैंसर दूसरी सबसे घातक बीमारी है. जो लोगों की मौत का कारण बनती है. कैंसर से मर रहे लोगों की हालत भारत के लिए एक गंभीर खतरा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने पहली बार सितंबर 2014 में राष्ट्रीय कैंसर अवेयरनेस डे की घोषणा की थी. जिसके बाद से हर साल 7 नवंबर को कैंसर अवेयरनेस डे मनाया जाता है.

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