रायपुर : छत्तीसगढ़ में 27 और 28 अक्टूबर को विधानसभा का विशेष सत्र का आयोजन हो सकता है. 2 दिनों के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की कवायद जारी है. इस सत्र में नए कानूनों को मंजूरी भी दी जा सकती है.
राज्य सरकार ने विधानसभा के विशेष सत्र शुरू करने के लिए फाइल राजभवन को भेज दिया है. इस पर संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने बयान देते हुए कहा है कि मजदूरों, किसानों और उपभोक्ताओं के हितों के संरक्षण के लिए सरकार कानून बनाएगी. इसे विधानसभा से मंजूरी दी जाएगी. राज्य के नए कृषि कानून को भी विधानसभा से पास कराया जा सकता है. मजदूरों की छंटनी को रोकने के लिए श्रम विभाग की ओर से भी नए कानून की तैयारी है.
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दिवाली के पहले विशेष सत्र के संकेत
छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार, केंद्र सरकार की कृषि कानून का विरोध कर रही है. लेकिन केंद्र सरकार पीछे हटने को तैयार नहीं थी. ऐसे में कयास लगाए जा रहे थे कि राज्य सरकार विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर नए कानूनों के विपरित खुद का कानून बना सकती है. कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने दिवाली के पहले विशेष सत्र बुलाए जाने के संकेत दिए थे.
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भूपेश सरकार का विरोध
कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा था कि इस दिवाली के पहले विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जा सकता है. इसके लिए सभी विभागों ने तैयारी शुरू कर दी गई है. इस सत्र में केंद्र सरकार के पारित नए कृषि कानूनों को रोकने के लिए राज्य सरकार का अपना कानून बनाया जा सकता है. केंद्र सरकार के बनाए नए कृषि कानूनों के खिलाफ छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार लगातार विरोध कर रही है.
'प्रदेश सरकार को ऐसा कोई अधिकार नहीं'
छत्तीसगढ़ के संसदीय और कृषि मंत्री रविंद्र चौबे भले ही केंद्र सरकार की ओर से लाए गए कानून के विरोध में प्रदेश सरकार की ओर से नया बिल लाने की वकालत कर रहे हों, लेकिन केंद्र सरकार के केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव कुमार बालियान ने साफ तौर पर कहा है कि देश के सर्वोच्च सदन में पारित किए गए कानूल को लेकर छत्तीसगढ़ राज्य का किसी कानून लाने प्रदेश सरकार को ऐसा कोई अधिकार नहीं है. कृषि उत्पाद का इंटरेस्ट मूवमेंट संविधान के सेंट्रल लिस्ट में है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं.