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'हम हार कर घर में बैठ जाएंगे तो हम कुछ नहीं कर पाएंगे, हमें आगे बढ़ना है तो हमें घर से बाहर निकलना पड़ेगा' - तलवारबाजी रोहिणी साहू

बिलासपुर की रहने वाली रोहिणी साहू (Rohini Sahu) को खेल के क्षेत्र में गुंडाधुर सम्मान से सम्मानित किया गया. रोहिणी ने हरियाणा में हुए नेशनल पैरा ओलंपिक (National Para Olympics) में व्हीलचेयर से तलवार बाजी करते हुए एक दिन में ही 6 पदक जीत कर इतिहास रचा था. ईटीवी भारत (ETV BHARAT) ने तलवारबाजी रोहिणी साहू से खास बातचीत की.

rohini sahu
रोहिणी साहू से खास बातचीत
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Published : Nov 2, 2021, 11:14 AM IST

Updated : Nov 2, 2021, 11:53 AM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस (Chhattisgarh State Foundation Day) के मौके पर उत्कृष्ट कार्य करने वाली विभूतियों को राज्य अलंकरण पुरस्कार से सम्मानित किया गया. बिलासपुर की रहने वाली रोहिणी साहू (Rohini Sahu) को खेल के क्षेत्र में गुंडाधुर सम्मान से सम्मानित किया गया. रोहिणी ने हरियाणा में हुए नेशनल पैरा ओलंपिक (National Para Olympics) में व्हीलचेयर से तलवार बाजी करते हुए एक दिन में ही 6 पदक जीत कर इतिहास रचा था. इस प्रतियोगिता में रोहिणी को 1 स्वर्ण पदक, 1 रजत पदक और 4 कांस्य पदक मिला था. ETV भारत (ETV BHARAT) ने तलवारबाज रोहिणी साहू (Rohini Sahu) से खास बातचीत की.

तलवारबाजी रोहिणी साहू से खास बातचीत

सवाल: आपको गुंडाधुर राज्य अलंकरण सम्मान से सम्मानित किया है, कैसा महसूस कर रही हैं ?

जवाब: मैं बहुत अच्छा महसूस कर रही हूं, इतनी खुशी हो रही है कि मेरे पास कहने के लिए कुछ शब्द नहीं है.

सवाल: आप किस तरह का खेल खेलती है?

जवाब: मार्च 2021 में पैरा ओलंपिक गेम के दौरान तलवारबाजी स्पर्धा में भाग लिया था. उसमें मुझे 6 मेडल 1 दिन में मिले थे. इसी बेस पर मुझे यह अवार्ड मिला है.

सवाल: आप स्पोर्टस में कैसे आई?

जवाब: शुरुआत से ही मुझे स्पोर्टस में रुचि थी, लेकिन मुझे कोई प्लेटफार्म नहीं मिला पा रहा था. रायपुर में पैरा ओलंपिक गेम चल रहा था जहां मैं स्विमिंग कंपटीशन देखने के लिए पहुंची थी, उसी दौरान मेरी मुलाकात डीआर साहू से हुई. उन्होंने मुझे इस खेल के बारे में जानकारी दी और 2014 में मैंने इस स्पोर्टस को ज्वाइन किया और बाद में मुझे सिल्वर मैडल भी मिला.

यह भी पढ़ें: धर्मांतरण आस्था पर चोट करती है इसलिए लोग इसे बर्दाश्त नहीं करते- बृजमोहन अग्रवाल


सवाल: आप रहने वाली कहां से हैं क्या करती है?

जवाब: मैं एक गरीब परिवार से आती हूं. बिलासपुर के गांव से हूं. बिलासपुर में किराए के मकान में अपने परिवार के साथ रहती हूं और एक प्राइवेट जॉब करती हूं. जॉब के साथ-साथ अपने स्पोर्टस में भी समय देती हूं.

सवाल: दिव्यांगजन जो हताशा महसूस करते हैं उन्हें क्या संदेश देना चाहेंगे ?

जवाब: हम हार कर घर में बैठ जाएंगे तो हम कुछ नहीं कर पाएंगे, हमें आगे बढ़ना है तो हमें घर से बाहर निकलना पड़ेगा. अपनी ताकत को बढ़ाना पड़ेगा और हिम्मत के साथ आगे बढ़ना पड़ेगा. जिससे हमें अपनी मंजिल मिलेगी और हम अपने मुकाम को हासिल कर पाएंगे.

सवाल: भविष्य की अभी क्या योजना है?

जवाब: वर्ल्ड कप चैंपियनशिप इटली के लिए मेरा चयन हुआ है. पैरालंपिक वर्ल्ड कप चैंपियनशिप में छत्तीसगढ़ से 2 लोगों का चयन हुआ है. अभी हरियाणा में हमारी ट्रेनिंग चल रही है. 15 नवंबर को इटली के लिए हमारी टीम जाएगी.

सवाल: जो खिलाड़ी खेल खेल रहे हैं उन्हें क्या कहना चाहेंगे?

जवाब: यही कहना चाहती हूं कि कभी भी हार ना माने. कोशिश करने से किसी की हार नहीं होती है, लगातार कोशिश करेंगे तो अपने को आगे ले जा सकते है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस (Chhattisgarh State Foundation Day) के मौके पर उत्कृष्ट कार्य करने वाली विभूतियों को राज्य अलंकरण पुरस्कार से सम्मानित किया गया. बिलासपुर की रहने वाली रोहिणी साहू (Rohini Sahu) को खेल के क्षेत्र में गुंडाधुर सम्मान से सम्मानित किया गया. रोहिणी ने हरियाणा में हुए नेशनल पैरा ओलंपिक (National Para Olympics) में व्हीलचेयर से तलवार बाजी करते हुए एक दिन में ही 6 पदक जीत कर इतिहास रचा था. इस प्रतियोगिता में रोहिणी को 1 स्वर्ण पदक, 1 रजत पदक और 4 कांस्य पदक मिला था. ETV भारत (ETV BHARAT) ने तलवारबाज रोहिणी साहू (Rohini Sahu) से खास बातचीत की.

तलवारबाजी रोहिणी साहू से खास बातचीत

सवाल: आपको गुंडाधुर राज्य अलंकरण सम्मान से सम्मानित किया है, कैसा महसूस कर रही हैं ?

जवाब: मैं बहुत अच्छा महसूस कर रही हूं, इतनी खुशी हो रही है कि मेरे पास कहने के लिए कुछ शब्द नहीं है.

सवाल: आप किस तरह का खेल खेलती है?

जवाब: मार्च 2021 में पैरा ओलंपिक गेम के दौरान तलवारबाजी स्पर्धा में भाग लिया था. उसमें मुझे 6 मेडल 1 दिन में मिले थे. इसी बेस पर मुझे यह अवार्ड मिला है.

सवाल: आप स्पोर्टस में कैसे आई?

जवाब: शुरुआत से ही मुझे स्पोर्टस में रुचि थी, लेकिन मुझे कोई प्लेटफार्म नहीं मिला पा रहा था. रायपुर में पैरा ओलंपिक गेम चल रहा था जहां मैं स्विमिंग कंपटीशन देखने के लिए पहुंची थी, उसी दौरान मेरी मुलाकात डीआर साहू से हुई. उन्होंने मुझे इस खेल के बारे में जानकारी दी और 2014 में मैंने इस स्पोर्टस को ज्वाइन किया और बाद में मुझे सिल्वर मैडल भी मिला.

यह भी पढ़ें: धर्मांतरण आस्था पर चोट करती है इसलिए लोग इसे बर्दाश्त नहीं करते- बृजमोहन अग्रवाल


सवाल: आप रहने वाली कहां से हैं क्या करती है?

जवाब: मैं एक गरीब परिवार से आती हूं. बिलासपुर के गांव से हूं. बिलासपुर में किराए के मकान में अपने परिवार के साथ रहती हूं और एक प्राइवेट जॉब करती हूं. जॉब के साथ-साथ अपने स्पोर्टस में भी समय देती हूं.

सवाल: दिव्यांगजन जो हताशा महसूस करते हैं उन्हें क्या संदेश देना चाहेंगे ?

जवाब: हम हार कर घर में बैठ जाएंगे तो हम कुछ नहीं कर पाएंगे, हमें आगे बढ़ना है तो हमें घर से बाहर निकलना पड़ेगा. अपनी ताकत को बढ़ाना पड़ेगा और हिम्मत के साथ आगे बढ़ना पड़ेगा. जिससे हमें अपनी मंजिल मिलेगी और हम अपने मुकाम को हासिल कर पाएंगे.

सवाल: भविष्य की अभी क्या योजना है?

जवाब: वर्ल्ड कप चैंपियनशिप इटली के लिए मेरा चयन हुआ है. पैरालंपिक वर्ल्ड कप चैंपियनशिप में छत्तीसगढ़ से 2 लोगों का चयन हुआ है. अभी हरियाणा में हमारी ट्रेनिंग चल रही है. 15 नवंबर को इटली के लिए हमारी टीम जाएगी.

सवाल: जो खिलाड़ी खेल खेल रहे हैं उन्हें क्या कहना चाहेंगे?

जवाब: यही कहना चाहती हूं कि कभी भी हार ना माने. कोशिश करने से किसी की हार नहीं होती है, लगातार कोशिश करेंगे तो अपने को आगे ले जा सकते है.

Last Updated : Nov 2, 2021, 11:53 AM IST
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