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सारकेगुड़ा फर्जी मुठभेड़ः रमन के खिलाफ थाने में शिकायत, सिंहदेव बोले- उतने दोषी, जितना टीम का कप्तान

प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने सारकेगुड़ा मुठभेड़ मामले में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के खिलाफ थाने में मामला दर्ज होने को उचित ठहराया है.

Singhdev justifies FIR on Raman Singh in Sarakeguda case
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Published : Dec 6, 2019, 4:55 PM IST

Updated : Dec 6, 2019, 5:53 PM IST

रायपुरः सारकेगुड़ा मामले में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के खिलाफ थाने में मामला दर्ज होने को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने उचित ठहराया है. सिंहदेव ने कहा कि सारकेगुड़ा फर्जी मुठभेड़ के मामले में तत्कालीन सीएम रमन सिंह उतने ही दोषी हैं जितना टीम का कप्तान दोषी होता है.


सिंहदेव ने कहा-

  • टीम की हार या जीत के लिए जिस तरह कप्तान को जिम्मेदार ठहराया जाता है, रमन इस घटना के लिए उतने ही जिम्मेदार हैं, हालांकि मंत्री ने कहा कि वे कितने दोषी ये जांच का विषय है और जांच के बाद ही स्पष्ट होगा.
  • अब तक जो तथ्य सामने आए हैं उससे साफ है कि पुलिस और सीआरपीएफ ने बल का प्रयोग किया. दूसरी तरफ से गोली चलाने के प्रमाण नहीं मिले हैं.
  • सिंहदेव ने ये भी कहा की जिन्हें नक्सली घोषित किया गया वे नक्सली नही थे, गांव के लोग थे जो धान की पूजा के लिए एकत्र हुए थे. नक्सल इनपुट 16 किलोमीटर दूर का मिला था और 3 किलोमीटर की दूरी पर यह वारदात हुई.

यह है मामला
28 जून 2012 को बीजापुर व बासागुड़ा से निकले कोबरा बटालियन व सीआरपीएफ जवानों ने सारकेगुड़ा गांव में ग्रामीणों पर गोलियां चलाईं जिसमें 17 ग्रामीण मारे गए. ग्रामीण फर्जी मुठभेड़ की जांच की मांग लेकर मानवाधिकार आयोग तक पहुंचे. तब विपक्ष में रही कांग्रेस ने मुद्दे को आगे बढ़ाया. भाजपा सरकार ने न्यायिक आयोग का गठन किया. आयोग की रिपोर्ट में मुठभेड़ को फर्जी बताया गया है. मीडिया में रिपोर्ट लीक होने के बाद बवाल मचा हुआ है. रिपोर्ट विधानसभा में भी पेश की जा चुकी है.

रायपुरः सारकेगुड़ा मामले में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के खिलाफ थाने में मामला दर्ज होने को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने उचित ठहराया है. सिंहदेव ने कहा कि सारकेगुड़ा फर्जी मुठभेड़ के मामले में तत्कालीन सीएम रमन सिंह उतने ही दोषी हैं जितना टीम का कप्तान दोषी होता है.


सिंहदेव ने कहा-

  • टीम की हार या जीत के लिए जिस तरह कप्तान को जिम्मेदार ठहराया जाता है, रमन इस घटना के लिए उतने ही जिम्मेदार हैं, हालांकि मंत्री ने कहा कि वे कितने दोषी ये जांच का विषय है और जांच के बाद ही स्पष्ट होगा.
  • अब तक जो तथ्य सामने आए हैं उससे साफ है कि पुलिस और सीआरपीएफ ने बल का प्रयोग किया. दूसरी तरफ से गोली चलाने के प्रमाण नहीं मिले हैं.
  • सिंहदेव ने ये भी कहा की जिन्हें नक्सली घोषित किया गया वे नक्सली नही थे, गांव के लोग थे जो धान की पूजा के लिए एकत्र हुए थे. नक्सल इनपुट 16 किलोमीटर दूर का मिला था और 3 किलोमीटर की दूरी पर यह वारदात हुई.

यह है मामला
28 जून 2012 को बीजापुर व बासागुड़ा से निकले कोबरा बटालियन व सीआरपीएफ जवानों ने सारकेगुड़ा गांव में ग्रामीणों पर गोलियां चलाईं जिसमें 17 ग्रामीण मारे गए. ग्रामीण फर्जी मुठभेड़ की जांच की मांग लेकर मानवाधिकार आयोग तक पहुंचे. तब विपक्ष में रही कांग्रेस ने मुद्दे को आगे बढ़ाया. भाजपा सरकार ने न्यायिक आयोग का गठन किया. आयोग की रिपोर्ट में मुठभेड़ को फर्जी बताया गया है. मीडिया में रिपोर्ट लीक होने के बाद बवाल मचा हुआ है. रिपोर्ट विधानसभा में भी पेश की जा चुकी है.

Intro:सरगुजा

सारकेगुड़ा मामले में पूर्व रमन सिंह के खिलाफ थाने में शिकायत किये जाने का मामला,

मंत्री टीएस सिंह देव ने दिया बयान-

-रमन सिंह उतने ही दोषी जितना टीम का कप्तान.

-अब तक जो तथ्य सामने आए उनमे पुलिस और सीआरपीएफ ने ज्यादा बल का किया प्रयोग।

-मौके पर एक भी गोली चलने के नही मिले प्रमाण।

-जिन्हें नक्सली घोषित किया गया वे नही थे नक्सली।

-रमन सिंह कितने दोषी ये जांच के बाद होगा स्पष्ट।Body:देश दीपक सरगुजाConclusion:
Last Updated : Dec 6, 2019, 5:53 PM IST
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