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Sita Navami : जानिए क्यों मनाई जाती है सीता नवमी

आज सीता नवमी है. सीता के बिना राम का नाम अधूरा है. माता सीता को भारतवर्ष में सहनशीलता और पवित्रता की देवी माना गया है. सीता ने अपने जीवनकाल में काफी कष्ट सहे. घोर परीक्षाओं को झेलकर अपनी पवित्रता का प्रमाण दिया.माता सीता की हिंदू धर्म में राम के साथ पूजा की जाती है.उत्तर भारत में सीता नवमी के दिन विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है.

Significance of Sita Navami in Hinduism
सीता देवी की पूजा
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Published : Apr 16, 2023, 5:09 AM IST

Updated : Apr 29, 2023, 10:12 AM IST

रायपुर : सीता नवमी एक हिंदू त्योहार है. जो भगवान राम की पत्नी देवी सीता को समर्पित है. सीता नवमी वैशाख के हिंदू महीने में शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि (नौवें दिन) को मनाई जाती है. देवी सीता हिंदुओं में पूजनीय हैं. उनकी जीवन गाथा हिंदू महाकाव्य, रामायण में देखने को मिलती है. सीता नवमी के अवसर पर, देवी सीता के भक्त पूजा अर्चना करते हैं और उनका आशीर्वाद लेने के लिए पूजा करते हैं. कई लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं और उनके सम्मान में भजन और मंत्र पढ़ते हैं. आज 29 अप्रैल को सीता नवमी मनाई जा रही है.

कहां मनाई जाती है सीता नवमी : सीता नवमी का उत्सव उत्तरी भारत में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड राज्यों में सीता नवमी मनाई जाती है. देश के कुछ हिस्सों में इस दिन जुलूस निकाले जाते हैं. इस अवसर पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.सीता नवमीं एक महत्वपूर्ण त्योहार है. जो देवी सीता के दिव्य गुणों और भक्ति, पवित्रता और शक्ति के प्रतीक के रूप में उनकी भूमिका को प्रदर्शित करता है.

ये भी पढ़ें- छत्तीसगढ़ में भी माता सीता के साथ आए थे श्रीराम

सीता का बलिदान : माता सीता अपनी असाधारण सुंदरता, अनुग्रह और अपने पति भगवान राम के प्रति समर्पण के लिए जानी जाती हैं. भगवान राम के साथ सीता ने वनवास की लंबी अवधि बिताई. इस दौरान राक्षस रावण ने उनका अपहरण किया. अपहरण के बाद भी वो अपने मार्ग से नहीं डगमगाई. यातनाओं के सहते हुए अपने पति राम का लंका में इंतजार किया. इस दौरान माता सीता को कई तरह के क्लेश और परीक्षाओं से गुजरना पड़ा.वहीं अयोध्या वापसी के बाद उनके चरित्र पर उंगली उठाई गई. लिहाजा गर्भावस्था में सीता वापस वन में चली गईं.जहां उन्होंने लवकुश नाम के दो पुत्रों को जन्म दिया.

रायपुर : सीता नवमी एक हिंदू त्योहार है. जो भगवान राम की पत्नी देवी सीता को समर्पित है. सीता नवमी वैशाख के हिंदू महीने में शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि (नौवें दिन) को मनाई जाती है. देवी सीता हिंदुओं में पूजनीय हैं. उनकी जीवन गाथा हिंदू महाकाव्य, रामायण में देखने को मिलती है. सीता नवमी के अवसर पर, देवी सीता के भक्त पूजा अर्चना करते हैं और उनका आशीर्वाद लेने के लिए पूजा करते हैं. कई लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं और उनके सम्मान में भजन और मंत्र पढ़ते हैं. आज 29 अप्रैल को सीता नवमी मनाई जा रही है.

कहां मनाई जाती है सीता नवमी : सीता नवमी का उत्सव उत्तरी भारत में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड राज्यों में सीता नवमी मनाई जाती है. देश के कुछ हिस्सों में इस दिन जुलूस निकाले जाते हैं. इस अवसर पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.सीता नवमीं एक महत्वपूर्ण त्योहार है. जो देवी सीता के दिव्य गुणों और भक्ति, पवित्रता और शक्ति के प्रतीक के रूप में उनकी भूमिका को प्रदर्शित करता है.

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सीता का बलिदान : माता सीता अपनी असाधारण सुंदरता, अनुग्रह और अपने पति भगवान राम के प्रति समर्पण के लिए जानी जाती हैं. भगवान राम के साथ सीता ने वनवास की लंबी अवधि बिताई. इस दौरान राक्षस रावण ने उनका अपहरण किया. अपहरण के बाद भी वो अपने मार्ग से नहीं डगमगाई. यातनाओं के सहते हुए अपने पति राम का लंका में इंतजार किया. इस दौरान माता सीता को कई तरह के क्लेश और परीक्षाओं से गुजरना पड़ा.वहीं अयोध्या वापसी के बाद उनके चरित्र पर उंगली उठाई गई. लिहाजा गर्भावस्था में सीता वापस वन में चली गईं.जहां उन्होंने लवकुश नाम के दो पुत्रों को जन्म दिया.

Last Updated : Apr 29, 2023, 10:12 AM IST
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