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शारदीय नवरात्रि: आज से मां शक्ति की आराधना, जानिए घट और मूर्ति स्थापना का मुहूर्त

शनिवार से नवरात्रि का पर्व शुरू हो रहा है. नवरात्रि के इन नौ दिन में माता की आराधना कैसे होती है, किन बातों का ख्याल रखना चहिए, साथ ही पूजा और कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त क्या है जानिए ETV भारत की खास रिपोर्ट में.

sharadiya navratri 2020
शारदीय नवरात्रि
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Published : Oct 16, 2020, 7:48 PM IST

Updated : Oct 17, 2020, 1:32 AM IST

रायपुर: शारदीय नवरात्र की शुरुआत शनिवार से होने जा रही है, जिसकी तैयारियां हर जगह देखने को मिलने लगी हैं. प्रदेश भर में शारदीय नवरात्र की तैयारी काफी जोर-शोर से चल रही है, हालांकि कोरोना काल में इस बार नवरात्रि काफी सावधानी के साथ मनाई जा रही है, फिर भी सरकार ने बहुत कुछ छूट दी है. शारदीय नवरात्र में अक्सर देखा जाता है कि, जगह-जगह पंडाल लगते हैं, नवरात्रि में देवी की पूजा की जाती है. 9 दिन के दौरान हर कोई माता की पूजा में लीन रहता है, ऐसे में सबके मन में सवाल रहता है कि, नवरात्रि के नौ दिन कैसे करें मां की पूजा, किन बातों का रखें ख्याल, क्या हैं पूजा और कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त, तो चलिए हम आपको बतातें हैं कि इस बार शुभ मुहूर्त क्या है और कैसे करें माता की पूजा-अर्चना.

शारदीय नवरात्रि

घट स्थापना का शुभ मुहूर्त

पंडितों के मुताबिक इस बार नवरात्र आज से शुरू हो रही है, जिसके लिए घट स्थापन का समय ठीक सुबह 8 बजे से लेकर 10 बजे तक है. एक अभिजित मुहूर्त सुबह 11:30 से 12 के बीच है और दोपहर 2 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक स्थापना का विशेष मुहूर्त है.

कैसे करें घट स्थापना ?

जो लोग इस नवरात्र में आदि शक्ति मां दुर्गा की स्थापना करना चाह रहे हैं, वो घर में पहले तो एक सुंदर पटा पर लाल कपड़ा बिछाएं, एक लोटे में चावल भरके और लाल कपड़े में नारियल बांधकर वहां स्थापित करें और देवी की प्रतिमा रखें. वहां धूप, दीप, नैवेद्य के साथ विधि-विधान से माता की पूजा करें.

नौ दिन में नौ देवियों की पूजा

नवरात्रि के 9 दिनों में 9 देवियों की पूजा की जाती है. नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की स्थापना होती है. दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन चंद्रघंटा, चौथे दिन कुष्मांडा, पांचवें दिन स्कंदमाता, छठवें दिन कात्यायनी, सातवें दिन कालरात्रि, आठवें दिन महागौरी के रूप में मां के पूजन के बाद नौवें दिन सभी देवियों का एक रूप बनता है और उस दिन विशेष रूप से उनका पूजन होता है.

इस नवरात्र इस राशि वाले करें ये काम

  • पंडितों के मुताबिक मेष, वृष, मिथुन, और कर्क राशि वाले माता का मात्र दर्शन का लाभ ही ले लें, तो पुण्य लाभ मिलेगा. या घर में स्थापना करें. उन्हें पुण्य लाभ मिलेगा. सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक राशि वालों के लिए नवरात्रि सामान्य रहेगी, इन्हें भी मात्र दर्शन लाभ लेने से पुण्य मिलेगा.
  • विशेषकर मकर राशि और कुंभ राशि वालों के लिए जरूरी है कि, घर में मूर्ति की स्थापना करें, घट स्थापन करें, व्रत रखें और 9 दिन तक उपवास करें. नवमी या अष्टमी के दिन कन्याओं को भोजन कराएं तो विशेष फल प्राप्त होगी. मकर और कुंभ राशि वाले जातकों में शनि की साढ़ेसाती भी चल रही है. मां की आराधना और पूजन करने से शनि की साढ़ेसाती दूर होगी.
  • मीन राशि वालों के लिए नवरात्र शुभ रहेगा, वो दर्शन लाभ लें, माता की पूजा अर्चना कर प्रसाद चढ़ाएं, इतने में ही उन्हें पुण्य का लाभ मिल जाएगा. किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी.

इन बातों का रखें ध्यान

नवरात्रि के समय में जो लोग शराब पीते हैं, उन्हें शराब का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए. अंडा, मांस, मुर्गी का सेवन नहीं करना चाहिए. इस नवरात्रि में यदि संभव हो तो दाढ़ी बाल भी न बनवाएं. हर दिन प्रातः काल उठकर स्नान करें और देवी जी के मंदिर में जाकर चावल और लाल फूल अवश्य चढ़ाएं.

इस दिन करें व्रत

जो श्रद्धालु उपवास कर सकते हैं वो 9 दिन का उपवास करें और अगर 9 दिन का नहीं करना चाहते हैं, तो प्रतिपदा, पंचमी और अष्टमी का उपवास करें और ज्यादा करना चाहें तो प्रतिपदा, तृतीया, पंचमी, सप्तमी, अष्टमी को व्रत रख सकते हैं. अगर किसी को दिक्कत हो रही है, तो सिर्फ प्रतिपदा और अष्टमी का व्रत अवश्य रखें.

रायपुर: शारदीय नवरात्र की शुरुआत शनिवार से होने जा रही है, जिसकी तैयारियां हर जगह देखने को मिलने लगी हैं. प्रदेश भर में शारदीय नवरात्र की तैयारी काफी जोर-शोर से चल रही है, हालांकि कोरोना काल में इस बार नवरात्रि काफी सावधानी के साथ मनाई जा रही है, फिर भी सरकार ने बहुत कुछ छूट दी है. शारदीय नवरात्र में अक्सर देखा जाता है कि, जगह-जगह पंडाल लगते हैं, नवरात्रि में देवी की पूजा की जाती है. 9 दिन के दौरान हर कोई माता की पूजा में लीन रहता है, ऐसे में सबके मन में सवाल रहता है कि, नवरात्रि के नौ दिन कैसे करें मां की पूजा, किन बातों का रखें ख्याल, क्या हैं पूजा और कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त, तो चलिए हम आपको बतातें हैं कि इस बार शुभ मुहूर्त क्या है और कैसे करें माता की पूजा-अर्चना.

शारदीय नवरात्रि

घट स्थापना का शुभ मुहूर्त

पंडितों के मुताबिक इस बार नवरात्र आज से शुरू हो रही है, जिसके लिए घट स्थापन का समय ठीक सुबह 8 बजे से लेकर 10 बजे तक है. एक अभिजित मुहूर्त सुबह 11:30 से 12 के बीच है और दोपहर 2 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक स्थापना का विशेष मुहूर्त है.

कैसे करें घट स्थापना ?

जो लोग इस नवरात्र में आदि शक्ति मां दुर्गा की स्थापना करना चाह रहे हैं, वो घर में पहले तो एक सुंदर पटा पर लाल कपड़ा बिछाएं, एक लोटे में चावल भरके और लाल कपड़े में नारियल बांधकर वहां स्थापित करें और देवी की प्रतिमा रखें. वहां धूप, दीप, नैवेद्य के साथ विधि-विधान से माता की पूजा करें.

नौ दिन में नौ देवियों की पूजा

नवरात्रि के 9 दिनों में 9 देवियों की पूजा की जाती है. नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की स्थापना होती है. दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन चंद्रघंटा, चौथे दिन कुष्मांडा, पांचवें दिन स्कंदमाता, छठवें दिन कात्यायनी, सातवें दिन कालरात्रि, आठवें दिन महागौरी के रूप में मां के पूजन के बाद नौवें दिन सभी देवियों का एक रूप बनता है और उस दिन विशेष रूप से उनका पूजन होता है.

इस नवरात्र इस राशि वाले करें ये काम

  • पंडितों के मुताबिक मेष, वृष, मिथुन, और कर्क राशि वाले माता का मात्र दर्शन का लाभ ही ले लें, तो पुण्य लाभ मिलेगा. या घर में स्थापना करें. उन्हें पुण्य लाभ मिलेगा. सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक राशि वालों के लिए नवरात्रि सामान्य रहेगी, इन्हें भी मात्र दर्शन लाभ लेने से पुण्य मिलेगा.
  • विशेषकर मकर राशि और कुंभ राशि वालों के लिए जरूरी है कि, घर में मूर्ति की स्थापना करें, घट स्थापन करें, व्रत रखें और 9 दिन तक उपवास करें. नवमी या अष्टमी के दिन कन्याओं को भोजन कराएं तो विशेष फल प्राप्त होगी. मकर और कुंभ राशि वाले जातकों में शनि की साढ़ेसाती भी चल रही है. मां की आराधना और पूजन करने से शनि की साढ़ेसाती दूर होगी.
  • मीन राशि वालों के लिए नवरात्र शुभ रहेगा, वो दर्शन लाभ लें, माता की पूजा अर्चना कर प्रसाद चढ़ाएं, इतने में ही उन्हें पुण्य का लाभ मिल जाएगा. किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी.

इन बातों का रखें ध्यान

नवरात्रि के समय में जो लोग शराब पीते हैं, उन्हें शराब का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए. अंडा, मांस, मुर्गी का सेवन नहीं करना चाहिए. इस नवरात्रि में यदि संभव हो तो दाढ़ी बाल भी न बनवाएं. हर दिन प्रातः काल उठकर स्नान करें और देवी जी के मंदिर में जाकर चावल और लाल फूल अवश्य चढ़ाएं.

इस दिन करें व्रत

जो श्रद्धालु उपवास कर सकते हैं वो 9 दिन का उपवास करें और अगर 9 दिन का नहीं करना चाहते हैं, तो प्रतिपदा, पंचमी और अष्टमी का उपवास करें और ज्यादा करना चाहें तो प्रतिपदा, तृतीया, पंचमी, सप्तमी, अष्टमी को व्रत रख सकते हैं. अगर किसी को दिक्कत हो रही है, तो सिर्फ प्रतिपदा और अष्टमी का व्रत अवश्य रखें.

Last Updated : Oct 17, 2020, 1:32 AM IST
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