रायपुर: नए साल के काउंटडाउन के साथ एक तरफ जश्न और बधाइयों का सिलसिला शुरू हो चुका है, तो वहीं साइबर ठगों की नजर भी मोबाइल पर भेजे जाने वाले मैसेजेस पर टिक गई है. न्यू ईयर या किसी भी त्यौहारी सीजन पर लोग एक दूसरे को बधाई संदेश भेजते हैं. कई बार इस बधाई संदेश के साथ लिंक भी फॉरवर्ड करते हैं. जिसको क्लिक कर नए-नए डिजाइन के बधाई संदेश लोगों को मिलते हैं. कई बार ऐसे लिंक पर क्लिक करने से मोबाइल का निजी डेटा भी लीक होने का खतरा बना रहता है.
बधाई संदेश की आड़ में मोबाइल का निजी डेटा लीक होने का खतरा
बधाई संदेश के साथ कई बार लोग गूगल लिंक भी एक दूसरे को फॉरवर्ड करते हैं. जिसमें व्यक्ति क्लिक कर नई तरह के या ग्राफिकल बधाई संदेश मिलते हैं. इन लिंक के साथ ऐसे वायरस भी साइबर ठग फॉरवर्ड करते हैं, जो मोबाइल के निजी डाटा को चोरी कर लेते हैं.
पढ़ें: ऑनलाइन ट्रांजेक्शन फेल होने के बाद न करें ये गलती
साइबर एक्सपर्ट से जानिए
साइबर एक्सपर्ट मोनाली गुहा ने बताया कि त्योहारी सीजन पर कई बार लोग व्हाट्सएप पर मैसेज पर ऐसे लिंक फॉरवर्ड कर देते हैं जिसमें लिखा रहता है कि इस लिंक पर क्लिक करने से ग्रीटिंग कार्ड या डिजिटल कार्ड दिखने लगेंगे. लोगों को यह कहा जाता है कि आप इस लिंक पर क्लिक कर अपना नाम ऐड करेंगे, तो आपको भी इस तरीके के ग्रीटिंग कार्ड्स मिल जाएंगे. साइबर एक्सपर्ट ने बताया कि इस तरह के लिंक काफी खतरनाक होते है. इनके लिंक पर क्लिक करने से संबंधित शख्स का डाटा अवलेबेल फॉर ऑल हो जाता है.
ऐसे मैसेज से किस तरह बचे
कोई व्यक्ति अगर लिंक फॉरवर्ड करते है, तो आप उस पर क्लिक बिल्कुल ना करें.
भेजने वाले को भी समझाएं कि ऐसे लिंक फॉरवर्ड ना करें, इससे उनका निजी डेटा लीक करने का खतरा बढ़ जाता है.
मैसेज में लिखा रहता है कि इस लिंक पर क्लिक कर आप इसी तरह के नए ग्रीटिंग कार्ड बना सकते हैं उस पर क्लिक बिल्कुल ना करें.
डाटा लिंक होने पर या ठगी होने पर तत्काल पुलिस स्टेशन में संपर्क करें.