रायपुर: कोरोना काल में लगभग सभी व्यवसायिक गतिविधियां थम गई है. व्यापार जगत में लॉकडाउन का खासा असर देखने को मिल रहा है. लॉकडाउन के बाद बाजार तो खुल गए हैं, लेकिन ग्राहक अब भी बाजार से दूरी बनाये हैं. जिसका असर रोजगार और व्यापार पर साफ दिख रहा है.
देश में सेकंड हैंड गाड़ियों का भी एक बड़ा बाजार हुआ करता था, जो इन दिनों लगभग बंद होने की कगार पर है. ऑटो डीलर मुस्तफा बताते हैं, 'लॉकडाउन के बाद से गाड़ियों की बिक्री प्रभावित हुआ है. लॉकडाउन के बाद एक भी गाड़ियां नहीं बिक पाई है.' मुस्तफा कहते हैं, 'पहले गाड़ियों की जैसे बिक्री होती थी अब महीने में मुश्किल से एक गाड़ी ही बिक पा रही है. शोरूम में भी गाड़ियों की बिक्री नहीं हो रही है. जिसके चलते जो गाड़ी एक्सचेंज के लिए आती थी, वह भी नहीं आ रही है.' ऑटो डीलर बताते हैं, 'कस्टमर दुकान तो आते हैं, लेकिन सिर्फ दाम पूछ कर चले जाते हैं.'
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दूसरा व्यवसाय करने को मजबूर
गाड़ियों की बिक्री नहीं होने के कारण डीलर अब दूसरा विकल्प ढूंढने लगे हैं. मुस्तफा ने बताया की उन्होंने ऑटो डीलिंग के साथ अब दूसरा काम भी शुरू किया है, ताकि घर चलाने के लिए कुछ आमदनी हो जाए.
आधा हुआ टारगेट
राज मोटर्स के प्रोपराइटर अब्दुल फरीदखान ने बताया की पहले के मुकाबले गाड़ियों की बिक्री आधी हो गई है. राजधानी में लगातर कोरोना के मामले बढ़ने के बाद लोग बाजारों में आने से कतरा रहे हैं. महीने में पहले 10 गाड़ी बेचने का टारगेट हुआ करता था, लेकिन लॉकडाउन की वजह से अब वह टारगेट आधा हो गया है.