रायपुर: एशिया के सबसे बड़े मानव निर्मित जंगल सफारी में अब रंग-बिरंगे पक्षियों की चहचहाहट सुनाई देगी. अलग-अलग प्रजाति के इन पक्षियों को जंगल सफारी में रखा जाएगा. यह पक्षी विहार करीब 10 एकड़ में बनाया जाएगा, जिसमें 5 एकड़ में जलीय और 5 एकड़ में जमीन पर रहने वाले पक्षियों को रखा जाएगा.ये पक्षी उड़कर कहीं भाग न जाए इसके लिए सफारी प्रबंधन बाकायदा पक्षी विहार के ऊपर जाली लगाएगा. उम्मीद की जा रही है कि 2023 में इस पक्षी विहार का लुत्फ पर्यटक उठा पाएंगे.
नेशनल जू अथॉरिटी से मिली अनुमति
जंगल सफारी के प्रबंधन के अधिकारियों की मानें तो पक्षी विहार के निर्माण के लिए नेशनल जू अथॉरिटी द्वारा अनुमति मिल गई है. इसके लिए सफारी प्रबंधन ने राज्य सरकार से 12 करोड़ रुपये की मांग की थी, जिसे 2022-23 के बजट में राज्य सरकार द्वारा स्वीकृति मिल गई है. बहुत जल्द अब जंगल सफारी में रंग-बिरंगे पक्षियों कि चहचहाहट सुनाई देगी. इसके साथ ही कई प्रजातियों के पक्षियों को पर्यटक देख सकेंगे. विभागीय अधिकारियों की मानें तो जल्द ही इसके निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा.
43 प्रकार के रखे जाएंगे पक्षी
सफारी प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार 5 एकड़ में ऐसे पक्षियों को रखा जाएगा, जो उड़ सकेंगे. इनके लिए लोहे की जाली बनाई जाएगी. जिससे वह उड़कर बाहर ना जा सके. वहीं, 5 एकड़ में ऐसे पक्षियों को रखा जाएगा, जो भूमि पर रहते हैं. अधिकारियों के मुताबिक इन दोनों जगहों पर 43 प्रकार की अलग-अलग प्रजाति के पक्षियों को रखा जाएगा. इस विषय में जंगल सफारी प्रभारी पर्यवेक्षक अधिकारी फिरोज खान ने बताया कि, जंगल सफारी में विभिन्न प्रकार के एनिमल्स रखे गए हैं. उसी के साथ 2022-23 के लिए पक्षी विहार का प्रस्ताव शासन के पास भेजा गया था. जिसकी अनुमति हमें प्राप्त हो चुकी है, जिसमें जलीय पक्षी और जमीनी पक्षियों को रखा जाएगा. पर्यटक बहुत जल्द इन पक्षियों को देख इसके बारे में समझ भी सकते हैं. इसे हम 10 एकड़ में बनाने की तैयारी कर रहे हैं.
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सफारी के अंदर 131 एकड़ का खंडवा जलाशय
एशिया के सबसे बड़े मानव निर्मित जंगल सफारी लगभग 320 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है. वर्तमान में सफारी में टाइगर, हिरण और लायन सहित अन्य वन्यजीव सफारी की शोभा बढ़ा रहे हैं. इसमें 131 एकड़ में खंडवा जलाशय फैला हुआ है, जो सफारी की सुंदरता को और भी अधिक बढ़ा रहा है. कोरोना काल के दौरान जंगल सफारी में पर्यटकों की संख्या नाम मात्र की थी, लेकिन संक्रमण कम होते ही पर्यटकों की संख्या बढ़ने लग गई है. वर्तमान में शनिवार और रविवार को 2,000 से अधिक पर्यटक आ रहे हैं. रोजाना 700 से 800 पर्यटक पहुंच रहे हैं.
कोरोना के चलते पर्यटकों की संख्या में आई कमी
जंगल सफारी की संचालक एम मर्शिवेला ने बताया कि, सफारी में पर्यटकों का किराया 100 रुपये है. जू का 50 रुपया है. 12 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए सफारी का किराया 50 रुपये और जू का 25 रुपये है. जबकि 0 से 12 वर्ष के बच्चों की एंट्री फ्री है. सफारी की संचालक एम मर्शिवेला कहती हैं कि, कोविड के कारण जंगल सफारी में पर्यटकों की संख्या में गिरावट आई है. कोरोना को लेकर सफारी में एहतियात बरती जा रही है. बिना टेस्ट रिपोर्ट के पर्यटकों का सफारी में प्रवेश निषेध है.
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सफारी में 4 बाड़े
सफारी में वन्यजीवों के लिए चार अलग-अलग बाड़े बनाए गए हैं. जहां एक सुरक्षित बस के जरिए सफारी में खूंखार जंगली जानवरों को नजदीक से देखा जा सकेगा. ऐसा लगेगा मानों जंगल में वन्यजीव घूम रहें हैं. यहां पहला गेट पार करने पर शाकाहारी वन्य प्राणी सफारी, जो कि 30 हेक्टेयर क्षेत्र में है. यहां चीतल, सांभर, बुलबुल, बर्क बियर और ब्लैक बक शामिल हैं. दूसरे बाड़े में आपको खुले में भालू दिखेंगे. वर्तमान में 7 भालू सफारी में है. भालू सफारी 20 हेक्टेयर क्षेत्र में है. तीसरे गेट के बाद 20 हेक्टेयर के जंगल में कहीं से भी टाइगर आपको विचरण करते दिख जाएंगे. इसके बाद अंत में 20 हेक्टेयर में शेर की मौजूदगी है. नंदन वन जू में 11 बाड़ों में वन्यजीवों को रखा गया है. यहां 6 रॉयल बंगाल टाइगर, एक व्हाइट टाइगर, 7 एशियन लॉयन, 21 नीलगाय, 46 काला हिरण समेत अन्य जीव रखे गए हैं, जिन्हें पर्यटक आसानी से देख सकते हैं.