रायपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अब देशभर में किसानों पर केंद्रित अभियान शुरू करने जा रहा है. भूमि-सुपोषण नाम से यह अभियान 13 अप्रैल से शुरू होगा. इसमें RSS के लोग किसानों, किसान संगठनों और कृषि क्षेत्र में काम कर रही संस्थाओं को सामाजिक रूप से जोड़ने की कोशिश करेंगे. छत्तीसगढ़ में RSS के प्रांत संघ चालक डॉ. पूर्णेन्दू सक्सेना ने बताया कि परिवार प्रबोधन, गौ-सेवा, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक समरसता की गतिविधियाें को आगे बढ़ाया जाएगा. भूमि सुपोषण नाम से नया अभियान शुरू होगा.
जैविक खेती को बढ़ावा देने भी अभियान
डॉ. सक्सेना ने कहा कि प्राकृतिक खेती को लेकर विभिन्न प्रांतों में उनकी गतिविधियां पहले से चल रही हैं. नए सुपोषण अभियान के जरिए उसी को आगे बढ़ाया जाएगा. इस अभियान में मिट्टी के आवश्यक तत्वों की कमी को दूर करने के लिये काम किया जाएगा. इस क्षेत्र में काम कर चुकी संस्थाएं और संगठन भी इसमें अभियान का हिस्सा होंगे. संघ पदाधिकारियों ने बताया कि यह अभियान एक सामाजिक अभियान के तौर पर चलाया जाएगा. छत्तीसगढ़ प्रांत के संघ चालक डॉ. पूर्णेन्दू सक्सेना ने बताया 19 और 20 मार्च को बेंगलुरु में हुई संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में पारित प्रस्तावों और फैसलों की जानकारी दी गई.
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'कोरोना की दूसरी लहर के लिए तैयार'
डॉ. पूर्णेंन्दू सक्सेना ने बताया, कोरोना की दूसरी लहर फिर से सेवा कार्यों की जरूरत पड़ सकती है. उसके लिये उनका संगठन तैयार है. उनके पास अब पिछले वर्ष का अनुभव भी है. कोरोना के चलते संघ की गतिविधियां फिर से वर्चुअल मोड पर जा रही हैं. इसकी वजह से पहले से तय अखिल भारतीय स्तर की एक बैठक और एक प्रशिक्षण शिविर को टाल दिया गया है.
किसानों को कृषि बिल की सही जानकारी दी जाएगी
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का आनुषांगिक संगठन भारतीय किसान संघ किसानों और कृषि कानूनों के मुद्दे पर पहले से सक्रिय है. भारतीय किसान संघ ने केंद्र सरकार के कृषि संबंधी कानूनों का विरोध किया था. बाद में वह केवल न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी की शर्त पर कानून का समर्थन करने को तैयार हो गया.