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HEROS: दोस्त की कार को एबुलेंस बनाया, फ्री में कोरोना मरीजों को पहुंचा रहे अस्पताल

छत्तीसगढ़ में कोरोना का संक्रमण (corona virus) तेजी से बढ़ता जा रहा है. हालात ऐसे हो गए हैं कि कोरोना मरीजों (corona patient) को अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस (ambulance) तक नहीं मिल पा रही है. ऐसे में रायपुर के दो युवा अपनी जान को जोखिम में डालकर कोविड पेशेंट को अस्पताल (covid hospital) पहुंचाने का काम कर रहे हैं. फेमस रंगोली आर्टिस्ट प्रमोद साहू ने अपनी कार को एंबुलेंस में बदल दिया है. इसी कार से दो युवा अपनी जान की परवाह किए बिना कोरोना मरीजों को घर से अस्पताल और हॉस्पिटल से घर पहुंचा रहे हैं.

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कोरोना मरीजों के लिए कार को बनाई एंबुलेंस
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Published : Apr 19, 2021, 11:10 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ता जा रहा है. हालात ऐसे हो गए हैं कि कोरोना मरीजों (corona patient) को अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस (ambulance) तक नहीं मिल पा रही है. राजधानी रायपुर (raipur) का हाल बुरा है. मरीज को अस्पताल तक पहुंचने और फिर बेड पाने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है. लेकिन इस बुरे दौर में कुछ लोग उम्मीद की किरण की तरह हैं. ETV भारत रायपुर के उन दो हीरोज से आपको मिलवा रहा है, जो अपनी जान की परवाह किए बिना कोरोना संक्रमित मरीजों की जान बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.

HEROS: दोस्त की कार को एबुलेंस बनाया, फ्री में कोरोना मरीजों को पहुंचा रहे अस्पताल

अगर आपको रंगोली पसंद है तो फेमस रंगोली आर्टिस्ट प्रमोद साहू (rangoli artist pramod sahu)का नाम जानते होंगे. अपनी कला से जमीन पर रंग भरने वाले प्रमोद ने लोगों की जिंदगी न उजड़ने पाए इसके लिए अपनी कार (car) को एंबुलेंस (ambulance) में बदल दिया. रायपुर के दो युवा रविंद्र क्षत्री और अरविंद सोनवानी कार से कोविड पेशेंट (covid patients) को नि:शुल्क अस्पताल से घर और घर से अस्पताल ले जाने का काम करते हैं. अरविंद के दोस्त की मां को वक्त पर एंबुलेंस नहीं मिल पाई थी और उन्होंने दम तोड़ दिया था. जिसके बाद उन्होंने ठान लिया था कि जिसकी जैसे मदद हो पाएगी करेंगे.

कार को बनाई एंबुलेंस

सुमित फाउंडेशन (sumit foundation raipur) के रविंद्र सिंह क्षत्री ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस साल की स्थिति बेहद डरावनी है. मरीज इतनी ज्यादा संख्या में हर रोज आ रहे हैं कि एंबुलेंस तक कम पड़ गई है. ऐसे में वे कोविड पेशेंट को घर से हॉस्टिपल और हॉस्पिटल से घर ड्रॉप कर रहे हैं. वहीं जरूरत पड़ने पर मेडिकल स्टाफ को भी ड्रॉपिंग-पिकअप दे रहे हैं.

रंगोली आर्टिस्ट प्रमोद साहू ने अपनी गाड़ी दी

रविंद्र क्षत्री ने बताया कि इस काम के लिए उनके दोस्त रंगोली आर्टिस्ट प्रमोद साहू ने अपनी गाड़ी दी. उसके बाद उन्होंने ये नेक काम शुरू किया. रविंद्र ने बताया कि उन्हें गाड़ी चलाना नहीं आती. ऐसे में उनके मित्र अरविंद सोनवानी आगे आए. दोनों मिलकर कोविड पेशेंट को अस्पताल पहुंचा रहे हैं.

छत्तीसगढ़ : कोरोना संकट में अन्नदूत बनकर बस्तर के युवा पेश कर रहे मिसाल

लोगों की कर रहे मदद

रविंद्र क्षेत्री और अरविंद सोनवानी ने बताया कि रायपुर और उसके आसपास के 100 किलोमीटर के दायरे में नि:शुल्क कोविड मरीजों का लाने-ले जाने का काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि वे सुबह 9 बजे से लेकर रात 2 बजे तक पेशेंट की मदद करते हैं. अभी तक 30 पेशेंट को घर से अस्पताल और अस्पताल से घर पहुंचा चुके हैं.

दोस्त की मां को नहीं मिल पाई थी एंबुलेंस

गाड़ी को ड्राइव करने वाले अरविंद सोमवंशी वीडियो ब्लॉगर हैं. उन्होंने बताया कि उनकी दोस्त की मां काफी बीमार थी. वे कोरोना संक्रमित नहीं थीं. इसके बाद भी उन्हें अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिल पा रही थी. एंबुलेंस ना मिलने के कारण उनका निधन हो गया था. इससे वे काफी व्यथित हुए. उसके बाद उन्होंने फैसला लिया कि वे कोविड मरीजों को पहुंचाने का काम करेंगे.

परिवार से दूर कोरोना वॉरियर्स

अरविंद सोनवानी ने बताया कि वे अपनी सुरक्षा का ध्यान रख रहे हैं. रोजाना कई मरीजों को घर से अस्पताल और अस्पताल से घर पहुंचाने के बाद वे जब अपने घर पहुंचते हैं तो अलग से आइसोलेट होकर रहते हैं. पिछले कई दिनों से वे परिवार के लोगों के साथ में नहीं रह रहे हैं.

गाड़ी में ऑक्सीजन सिलेंडर मौजूद

कोरोना मरीजों में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने पर उन्हें ऑक्सीजन युक्त एंबुलेंस की आवश्यकता होती है. ऐसे में रविंद्र और अरविंद ने अपनी कार में ऑक्सीजन सिलेंडर रखए हुए हैं, जिससे मरीजों को ऑक्सीजन स्पोर्ट पर ले जाया जा सके.

एंबुलेंस के लिए कर रहे चंदा इकट्ठा

रविंद्र क्षत्री ने बताया कि अभी कार के जरिए ही लोगों की मदद कर पा रहे हैं. किसी मरीज को अस्पताल ले जाने के लिए एक एंबुलेंस की आवश्यकता होती है. खासकर गंभीर कंडीशन के मरीज सामान्य कार में बैठकर नहीं जा सकते. ऐसे में उनकी संस्था क्राउडफंडिंग भी कर रही है. एंबुलेंस खरीदने के लिए अब तक एंबुलेंस 2 लाख रुपए जमा कर लिए हैं. लोगों से मदद की अपील की जा रही है, जिससे कमजोर वर्ग के लोग जो एंबुलेंस का खर्च वहन नहीं कर पाते उनकी वे मदद कर सकें.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ता जा रहा है. हालात ऐसे हो गए हैं कि कोरोना मरीजों (corona patient) को अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस (ambulance) तक नहीं मिल पा रही है. राजधानी रायपुर (raipur) का हाल बुरा है. मरीज को अस्पताल तक पहुंचने और फिर बेड पाने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है. लेकिन इस बुरे दौर में कुछ लोग उम्मीद की किरण की तरह हैं. ETV भारत रायपुर के उन दो हीरोज से आपको मिलवा रहा है, जो अपनी जान की परवाह किए बिना कोरोना संक्रमित मरीजों की जान बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.

HEROS: दोस्त की कार को एबुलेंस बनाया, फ्री में कोरोना मरीजों को पहुंचा रहे अस्पताल

अगर आपको रंगोली पसंद है तो फेमस रंगोली आर्टिस्ट प्रमोद साहू (rangoli artist pramod sahu)का नाम जानते होंगे. अपनी कला से जमीन पर रंग भरने वाले प्रमोद ने लोगों की जिंदगी न उजड़ने पाए इसके लिए अपनी कार (car) को एंबुलेंस (ambulance) में बदल दिया. रायपुर के दो युवा रविंद्र क्षत्री और अरविंद सोनवानी कार से कोविड पेशेंट (covid patients) को नि:शुल्क अस्पताल से घर और घर से अस्पताल ले जाने का काम करते हैं. अरविंद के दोस्त की मां को वक्त पर एंबुलेंस नहीं मिल पाई थी और उन्होंने दम तोड़ दिया था. जिसके बाद उन्होंने ठान लिया था कि जिसकी जैसे मदद हो पाएगी करेंगे.

कार को बनाई एंबुलेंस

सुमित फाउंडेशन (sumit foundation raipur) के रविंद्र सिंह क्षत्री ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस साल की स्थिति बेहद डरावनी है. मरीज इतनी ज्यादा संख्या में हर रोज आ रहे हैं कि एंबुलेंस तक कम पड़ गई है. ऐसे में वे कोविड पेशेंट को घर से हॉस्टिपल और हॉस्पिटल से घर ड्रॉप कर रहे हैं. वहीं जरूरत पड़ने पर मेडिकल स्टाफ को भी ड्रॉपिंग-पिकअप दे रहे हैं.

रंगोली आर्टिस्ट प्रमोद साहू ने अपनी गाड़ी दी

रविंद्र क्षत्री ने बताया कि इस काम के लिए उनके दोस्त रंगोली आर्टिस्ट प्रमोद साहू ने अपनी गाड़ी दी. उसके बाद उन्होंने ये नेक काम शुरू किया. रविंद्र ने बताया कि उन्हें गाड़ी चलाना नहीं आती. ऐसे में उनके मित्र अरविंद सोनवानी आगे आए. दोनों मिलकर कोविड पेशेंट को अस्पताल पहुंचा रहे हैं.

छत्तीसगढ़ : कोरोना संकट में अन्नदूत बनकर बस्तर के युवा पेश कर रहे मिसाल

लोगों की कर रहे मदद

रविंद्र क्षेत्री और अरविंद सोनवानी ने बताया कि रायपुर और उसके आसपास के 100 किलोमीटर के दायरे में नि:शुल्क कोविड मरीजों का लाने-ले जाने का काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि वे सुबह 9 बजे से लेकर रात 2 बजे तक पेशेंट की मदद करते हैं. अभी तक 30 पेशेंट को घर से अस्पताल और अस्पताल से घर पहुंचा चुके हैं.

दोस्त की मां को नहीं मिल पाई थी एंबुलेंस

गाड़ी को ड्राइव करने वाले अरविंद सोमवंशी वीडियो ब्लॉगर हैं. उन्होंने बताया कि उनकी दोस्त की मां काफी बीमार थी. वे कोरोना संक्रमित नहीं थीं. इसके बाद भी उन्हें अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिल पा रही थी. एंबुलेंस ना मिलने के कारण उनका निधन हो गया था. इससे वे काफी व्यथित हुए. उसके बाद उन्होंने फैसला लिया कि वे कोविड मरीजों को पहुंचाने का काम करेंगे.

परिवार से दूर कोरोना वॉरियर्स

अरविंद सोनवानी ने बताया कि वे अपनी सुरक्षा का ध्यान रख रहे हैं. रोजाना कई मरीजों को घर से अस्पताल और अस्पताल से घर पहुंचाने के बाद वे जब अपने घर पहुंचते हैं तो अलग से आइसोलेट होकर रहते हैं. पिछले कई दिनों से वे परिवार के लोगों के साथ में नहीं रह रहे हैं.

गाड़ी में ऑक्सीजन सिलेंडर मौजूद

कोरोना मरीजों में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने पर उन्हें ऑक्सीजन युक्त एंबुलेंस की आवश्यकता होती है. ऐसे में रविंद्र और अरविंद ने अपनी कार में ऑक्सीजन सिलेंडर रखए हुए हैं, जिससे मरीजों को ऑक्सीजन स्पोर्ट पर ले जाया जा सके.

एंबुलेंस के लिए कर रहे चंदा इकट्ठा

रविंद्र क्षत्री ने बताया कि अभी कार के जरिए ही लोगों की मदद कर पा रहे हैं. किसी मरीज को अस्पताल ले जाने के लिए एक एंबुलेंस की आवश्यकता होती है. खासकर गंभीर कंडीशन के मरीज सामान्य कार में बैठकर नहीं जा सकते. ऐसे में उनकी संस्था क्राउडफंडिंग भी कर रही है. एंबुलेंस खरीदने के लिए अब तक एंबुलेंस 2 लाख रुपए जमा कर लिए हैं. लोगों से मदद की अपील की जा रही है, जिससे कमजोर वर्ग के लोग जो एंबुलेंस का खर्च वहन नहीं कर पाते उनकी वे मदद कर सकें.

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