रायपुर: तखतपुर में 50 से अधिक गोवंश की मौत को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह ने भूपेश सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. रमन सिंह ने रोका-छेका और गोधन न्याय योजना पर राज्य सरकार से सवाल किए हैं. उन्होंने कहा कि गौठानों में न पानी है और न ही चारे की व्यवस्था है. बिलासपुर के तखतपुर में 50 से ज्यादा मवेशियों की मौत इसी का नतीजा है.
50 से ज्यादा गोवंश को एक कमरे में रोका-छेका योजना के तहत लाकर भखा-प्यासा रख दिया गया. इस घटना के दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए और जिनके मशेवियों की मौत हुई, उन्हें सरकार को मुआवजा देना चाहिए. रमन सिंह ने कहा कि राज्य सरकार सचेत हो जाए, कागजों की योजना को जमीन पर लाए. रमन सिंह ने कहा कि पंचायत स्तर के नेताओं को बिना प्रशिक्षण दिए काम पर लगा दिया गया, गायों के लिए न ही चारे और न ही पानी की व्यवस्था की गई है.
उन्होंने कहा कि बिलासपुर संभाग में तखतपुर ब्लॉक के ग्राम मेड़पार बाजार में एक जर्जर भवन परिसर में रखे गए 120 में से 50 से ज्यादा मवेशियों की मौत हो गई. 50 से ज्यादा मवेशियों की हालत गंभीर है. यह घटना को प्रदेश सरकार की कलंकपूर्ण कार्यप्रणाली को उजागर कर रही है.
पढ़ें-कोरोना काल में जरूरतमंदों को राशन कार्ड के जरिए निःशुल्क दिया जाएगा चावल और चना
रमन सिंह ने आगे कहा कि मवेशियों की मौत से यह साफ हो गया है कि नरवा-गरुवा-घुरवा-बारी का नारा देने और गोधन न्याय योजना का ढोल पीटने वाली प्रदेश की कांग्रेस सरकार गौठानों की कोई पुख्ता इंतजाम तक नहीं कर पा रही है. जिनपर गौठानों के संचालन का जिम्मा थोप दिया गया है, वे भी कुछ कर पाने में खुद को असहाय पा रहे हैं.
'प्रदेश सरकार सिर्फ वाहवाही कराने में मशगूल'
उन्होंने आगे कहा कि मवेशियों की मौतों का यह सिलसिला प्रदेश सरकार को काफी महंगा पड़ेगा. अपनी वाहवाही कराने में मशगूल प्रदेश सरकार ने रोका-छेका योजना का नारा तो दे दिया पर उसके लिए आवश्यक संसाधनों को जुटाने पर ध्यान ही नहीं है. आधी-अधूरी तैयारियों के साथ प्रदेश सरकार झूठे आंकड़ों के सहारे नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने का सिर्फ जुबानी जमाखर्च कर रही है.