रायपुर: प्रदेश में लगातार कोरोना का संक्रमण फैलता जा रहा है. ऐसे में फ्रंट लाइन वॉरियर्स के तौर पर काम कर रहे स्वास्थ्यकर्मी, पुलिसकर्मी और सफाईकर्मी भी अब संक्रमण का शिकार हो रहे हैं. पुरानी बस्ती थाना के प्रभारी राजेश सिंह भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए थे. अब वे ठीक होकर वापस ड्यूटी पर लौटे हैं. ETV भारत से निरीक्षक राजेश सिंह ने खास बात करते हुए अपने अनुभव साझा किए.
राजेश सिंह ने बताया कि 25 जून को उन्होंने कोरोना का टेस्ट कराया था. जिसमें उनकी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. इसके साथ ही उनके दोनों बच्चे और परिवार के सदस्यों की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई. उस दौरान वे 5 दिनों के लिए रायपुर के एम्स में भर्ती थे. 5 दिन बाद जब उनका कोरोना टेस्ट किया गया तो उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई. जिसके बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया.
प्रोटोकॉल के तहत एडमिट हुए राजेश
अस्पताल से आने के बाद राजेश 14 दिनों तक होम क्वॉरेंटाइन में थे. उसके बाद उन्होंने ड्यूटी ज्वाइन की और थाने का कार्यभार संभाला. राजेश ने बताया कि उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को किसी भी तरह के लक्षण नहीं थे, लेकिन रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद प्रोटोकॉल के चलते वे अस्पताल में भर्ती थे.
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डरने की बजाए रखें सावधानी
राजेश सिंह ने बताया कि लोगों को कोरोना से डरने की बजाए सावधानी रखने की ज्यादा जरूरत है. संक्रमण से बचने के लिए जो गाइडलाइन दी गई है उसका पालन करना चाहिए. राजेश सिंह ने बताया कि उनके परिवार में सिर्फ उनकी पत्नी ही निगेटिव थी और वह अकेले ही घर पर थी. इस दौरान उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ा, क्योंकि आस-पड़ोस के लोग उनसे दूरी बनाए हुए थे.
मरीजों का बढ़ाएं हौसला
राजेश ने लोगों से अपील की, कि कोरोना संक्रमित लोगों को अपराधी न समझें. जिस तरह से जब कोई पॉजिटिव निकलता है, उस दौरान लोगों की भ्रांतियां होती है कि वह अपनी गलती के चलते कोरोना संक्रमित हुए हैं और उन्हें हौसला देने के बजाए लोग अपराध बोध जैसी चीजें फील करवाते हैं. तो ऐसे में लोगों को मानसिक रूप से उनका हौसला बढ़ाना चाहिए, न की किसी अपराध बोध या अपराधी के रूप में देखना चाहिए.