रायपुर: नियमितीकरण की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ के संविदा कर्मचारी नवा रायपुर के तूता धरनास्थल पर 10 जुलाई से आंदोलन पर हैं. मंगलवार को संविदा कर्मचारियों ने हनुमान चालीसा का पाठ किया. सरकार का ध्यान आकर्षित करने के कई जतन किए गए. बावजूद इसके अब तक कोई ठोस पहल नहीं हो पाई है. आंदोलन के अगले चरण में संविदा कर्मचारी 26 जुलाई को तूता धरनास्थल से मंत्रालय तक घुटनों के बल और दंडवत प्रणाम करके संवाद रैली निकालेंगे. इस रैली के जरिए संविदा कर्मचारी सरकार से बातचीत का रास्ता निकालने की कोशिश करेंगे.
राहुल गांधी को खून से लिख चुके खत: संविदा कर्मचारी अपनी 1 सूत्रीय मांग नियमितीकरण की मांग को लेकर पूरे प्रदेश में जिला स्तर पर 3 जुलाई से प्रदर्शन शुरू किया. इसके बाद 10 जुलाई से नया रायपुर में प्रदर्शन कर रहे हैं. 11 जुलाई को सरकार ने स्वास्थ्य विभाग में काम करने वाले कर्मचारियों पर एस्मा लगा दिया गया. एस्मा लगाए जाने के विरोध में संविदा कर्मचारियों ने जल सत्याग्रह, जेल भरो आंदोलन और 19 जुलाई से आमरण अनशन के साथ ही नियमितीकरण की मांग को लेकर राहुल गांधी को खून से खत लिखकर सरकार को मनाने की कोशिश की. बावजूद इसके सरकार ने संविदा कर्मचारियों की एक न सुनी.
बीते 3 जुलाई से प्रदेश भर के संविदा कर्मचारी अनिश्चितकालीन आंदोलन पर हैं. आमरण अनशन पर बैठने से प्रदेश के संविदा कर्मचारियों की तबीयत भी बिगड़ रही है. सरकार ने अब तक कोई पहल नहीं की है. सरकार के संवादहीनता की कारण गतिरोध पैदा हो गया है. सरकार संविदा कर्मचारियों से संवाद करके नियमितीकरण का अपना वादा पूरा करे. -कौशलेश तिवारी, प्रदेश अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ
तमाम प्रयास करके हार चुके संविदा कर्मचारियों अब संवाद रैली से उम्मीद लगाए बैठे हैं. घुटनों के बल तूता धरनास्थल से मंत्रालय तक जाने से सरकार पसीजेगी या चुनावी साल में भी संविदा कर्मचारियों के हाथ निराशा ही लगेगी, यह तो आने वाला समय ही बताएगा.