रायपुर : छत्तीसगढ़ के सुकमा में पोटाकेबिन की एक छात्रा दुष्कर्म की शिकार बनीं थी. मामले को लेकर पूरे प्रदेश में हंगामा हुआ.इस घृणित कृत्य को लेकर बीजेपी ने पांच सदस्यीय दल बनाकर सुकमा भेजा था.जहां दल ने निरीक्षण के बाद सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे. इस मामले में भाजपा प्रदेश प्रवक्ता और विधायक रंजना साहू ने गुरुवार को भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में प्रेस वार्ता ली. सरकार से पारदर्शी जांच करते हुए पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग की. इन आरोपों के बाद अब कांग्रेस का बड़ा बयान सामने आया है. कांग्रेस ने सुकमा रेप मामले में बीजेपी पर राजनीति करने का आरोप लगाया है.
जानिए रंजना साहू ने क्या कहा: जांच दल की संयोजक और विधायक रंजना साहू ने बताया कि छात्रावास की स्थिति दयनीय है. वहां एक कमरे में 40-50 बच्चियों के रहने, सोने, खाने- पीने और पढ़ने की व्यवस्था रखी गई है. जिस शिक्षिका को इन बच्चियों की सुरक्षा के लिए ड्यूटी पर होना था, वह भी नहीं थी. छात्रावास में एक भी सीसीटीवी कैमरा नहीं दिखा. कोरोना काल से पत्र व्यवहार करने के बावजूद अब तक वहां किसी महिला होमगार्ड को तैनात नहीं किया गया. कुल मिलाकर आदिवासी बच्चियां पूरी तरह असुरक्षित हाथों में है.
राजनीतिक षड्यंत्र के तहत इस मामले को दबाने और आरोपियों को संरक्षित करने का प्रयास किया जा रहा है. छात्रावास की अधीक्षिका और सहायक अधीक्षिका का केवल निलंबन ही पर्याप्त नहीं. उन पर भी एफआईआर हो और उन्हें भी गिरफ्तार किया जाए. -रंजना साहू, प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा
भावुक हुईं रंजना साहू: घटना के बारे में जानकारी देते समय जांच दल की संयोजक रंजना साहू भावुक हो गईं. रुंधे गले से बताया कि यह घटना दरिंदगी और हैवानियत की इंतिहा है. पीड़ित बच्ची घटना के बाद दर्द से परेशान हैं और लघु शंका निवारण तक करने में उसको बेहद परेशानी हो रही है. प्रदेश सरकार की आंखों की शर्म मर चुकी है.
कांग्रेस ने लगाया झूठ बोलने का आरोप: कांग्रेस ने सुकमा में हुए रेप को मणिपुर की घटना से जोड़ा है. कांग्रेस के मुताबिक मणिपुर की घटना से लोगों का ध्यान हटाने के लिए छत्तीसगढ़ में राजनीति की जा रही है.कांग्रेस के मुताबिक इस मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया. पॉस्को एक्ट के तहत आश्रम की अधीक्षिका पर कार्रवाई की गई. लेकिन रमन सरकार में झलियामारी कांड जैसी कई बड़ी घटनाएं हुई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. सिर्फ कांग्रेस के आंदोलन के बाद ही एफआईआर दर्ज हो सकी थी.
भाजपा जांच दल के नाम से जो राजनीति की है उसका मूल मकसद था मणिपुर के बीरेंद्र सरकार की नाकाम को छिपाना है. केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार स्थिति को नियंत्रित करने में असफल रही है. लोगों के जान माल की सुरक्षा की गारंटी देने में फेल हो गई है .ऐसे में भाजपा अपने बचाव दल को आगे करके मोदी सरकार की और मणिपुर सरकार की नाकामी पर पर्दाफाश नहीं होने देना चाहती है. छत्तीसगढ़ में कानून का राज है. जो अपराधी हैं, वह पकड़े जाएंगे और पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाया जाएगा. -धनंजय सिंह ठाकुर, प्रदेश प्रवक्ता, कांग्रेस
क्या था पूरा मामला : एर्राबोर थाना क्षेत्र के अंतर्गत कन्या आवासीय विद्यालय में पढ़ने वाली छह साल की छात्रा के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया था.आश्रम अधीक्षिका की रिपोर्ट के बाद अज्ञात आरोपी के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया था. पीड़िता छात्रा की मेडिकल रिपोर्ट में रेप की पुष्टि हुई थी. पुलिस ने जब जांच की तो इस रेप केस में आश्रम में काम करने वाली एक महिला भृत्य के पति को हिरासत में लिया.जिसने पूछताछ में अपना जुर्म कबूल कर लिया.वहीं इस मामले में कन्या आवासीय विद्यालय की अधीक्षिका हिना खान पर भी कार्रवाई की गई है. सुकमा कलेक्टर एस. हरीश ने लापरवाही के आरोप में अधीक्षिका पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए. वहीं दोनों आरोपियों के खिलाफ पॉस्को एक्ट के तहत कार्रवाई की गई.