रायपुर: छत्तीसगढ़ में आज राष्ट्रीय खेल दिवस पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. छत्तीसगढ़ में खेलों को बढ़ावा देने के लिए साल 2022 में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरुआत की गई थी. इस ओलंपिक में पूरी तरह से पारंपरिक खेलों को शामिल किया गया है. उम्र के आधार पर तीन वर्ग बनाए गए हैं. राष्ट्रीय खेल दिवस के साथ ही प्रदेश में आज केरल का प्रमुख त्योहार ओणम भी मनाया जा रहा है. छत्तीसगढ़ में काफी संख्या में मलयाली लोग रहते हैं.
छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में ये खेल शामिल: इस साल 17 जुलाई से छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरुआत की गई. एकल और दलीय दो श्रेणी में खेलों का आयोजन किया जा रहा है.एकल श्रेणी में बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा, 100 मीटर दौड़, लम्बी कूद, रस्सी कूद और कुश्ती शामिल है. ग्रुप में गिल्ली डंडा, पिट्टठुल, संखली, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी और बांटी (कंचा) जैसे खेल शामिल हैं. इन खेलों का संचालन जोन, विकासखण्ड और संभागस्तरीय हो रहा है. आगामी 10 सितम्बर से 20 सितम्बर तक संभागस्तरीय और राज्य स्तर पर 25 सितम्बर से 27 सितम्बर तक छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ओणम और राष्ट्रीय खेल दिवस पर प्रदेशवासियों को बधाई दी. सीएम ने खेल दिवस पर हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को याद किया और ओणम पर्व पर मलयाली समुदाय को बधाई और शुभकामनाएं दी.
सीएम ने बताया खेलों का महत्व: सीएम बघेल ने हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के योगदान को याद करते हुए कहा कि मेजर ध्यानचंद ने अपने खेल से देश सहित पूरे भारतवासियों का सिर गर्व से ऊंचा किया है. उनके सम्मान और याद में हर साल ध्यानचंद के जन्मदिवस को खेल दिवस के रूप में मनाते हैं. बघेल ने कहा कि खेलों का जीवन में बहुत महत्व होता है. खेल से किसी भी व्यक्ति में नेतृत्व, समर्पण, अनुशासन विकसित होता है. छत्तीसगढ़ में स्थानीय खेल प्रतिभाओं को पहचानने, निखारने और एक मंच देने के लिए छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरुआत की गई है. इससे युवाओं को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ने का मौका मिलेगा.
ओणम की शुभकामनाएं: भूपेश बघेल ने प्रदेश के मलयाली लोगों को ओणम की बधाई दी. सीएम ने इस मौके पर कहा है कि ओणम दक्षिण भारत के जन-जीवन की गहराईयों से जुड़ा प्राचीन और पारम्परिक उत्सव है, जो आपसी प्रेम और सौहार्द्र का संदेश देता है. बता दें कि छत्तीसगढ़ में काफी संख्या में मलयाली लोग रहते हैं. हर साल ओणम के दिन धूमधाम से ये त्योहार छत्तीसगढ़ में मनाया जाता है.