रायपुर: राजधानी के एक्सप्रेस वे विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. नगर निगम महापौर प्रमोद दुबे ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई है. इसके सदस्य एमआइसी मेंबर सतनाम सिंह पनाग, कुमार मेनन और समीर अख्तर होंगे, जो निगम की टेक्निकल टीम के साथ जांच कर 3 दिनों के भीतर रिपोर्ट जमा करेंगे.
रिपोर्ट के आधार पर निगम तय करेगा कि एक्सप्रेस-वे निगम अपने अधीन ले या नहीं. एक्सप्रेस वे पर महापौर प्रमोद दुबे ने एक्सप्रेस वे के निर्माण पर सवाल खड़े किए हैं.
मेयर का कहना है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पीडब्ल्यूडी के रहते हुए रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने एक्सप्रेस वे का निर्माण किया. वहीं सबसे बड़ा सवाल है कि रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने यह काम कैसे किया.
मेयर ने कहा कि डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन में न ही कोई एक्सपर्ट है, न कोई टेक्निकल टीम होती है और न इंजिनियर होते हैं और ये उनका काम नहीं है.
मेयर ने कहा कि तकनीकी बात यह है कि निर्माण किए गए एक्सप्रेस वे को रोड डेवलेपमेंट कॉरपोरेट हैंड ओवर किसको करेगी.
कोई भी नगर निगम या स्वायत्तशासी संस्था ही इस काम को करती है। पीडब्ल्यूडी इस काम को करती तो बात अलग थी । वही जो निर्माण कार्य किया गया है उसे भी संवैधानिक प्रकिया के तहत किया गया कार्य है ऐसा नही कहा जा सकता.
वहीं महापौर ने रोड डेवलेपमेंट कॉरपोरेशन संस्था पर ही सवाल खड़े करते हुए कहा दिया कि वह कौन सी संस्था है. उसका निर्माण किस लिए किया गया है. वहीं आगे का मेंटेनेंस का कौन करेगा. इन सभी चीजों को लेकर हमने जांच कमेटी बनाई है.
महापौर ने बताया कि पूर्व में भी पिछली सरकार ने दबाव बनाकर पीडब्ल्यूडी के द्वारा बनाए गए नाले और रोड को नगर निगम को सौंपा है. आज जबरदस्ती उनका भुगतान नगर निगम भोगना पड़ रहा है. मेयर ने कहा कि कई आरोप नगर निगम पर लगते हैं लेकिन हमने उसका निर्माण कराया ही नहीं है.