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आस्था का अपमान! कचरे की गाड़ी में गणपति की प्रतिमा, फेंक कर मूर्तियों का विसर्जन, लोगों में गुस्सा

नगर निगम कर्मचारी (municipal employees) की तरफ से लापरवाह तरीके से गणेश मूर्तियों को उछाल कर विसर्जित करने का मामला सामने आया है. मूर्तियों को उछालकर विसर्जित करने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वहीं इस मामले में नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने कहा कि निगम अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभा पा रहा है. इससे लोगों की आस्था को ठेस पहुंची है.

Raipur Municipal Corporation accused of insulting faith
रायपुर नगर निगम पर लगा आस्था के अपमान का आरोप
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Published : Sep 20, 2021, 7:13 PM IST

Updated : Sep 20, 2021, 8:21 PM IST

रायपुर: राजधानी में रविवार से ही मूर्ति विसर्जन का उत्साह (Idol immersion enthusiasm) नजर आ रहा है. वहीं रायपुर में भगवान गणेश की मूर्तियों के अपमान (Disrespect to Lord Ganesha Idols) का मामला सामने आया है. नगर निगम कर्मचारी (municipal employees) की तरफ से असंवेदनशील तरीके से गणेश मूर्तियों को उछाल कर विसर्जित किया जा रहा है. मूर्तियों को उछालकर विसर्जित करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो रायपुर के महादेव घाट के विसर्जन कुंड (immersion pool of mahadev ghat) का बताया जा रहा है. जहां नगर निगम के कर्मचारी लापरवाह तरीके से मूर्तियों को विसर्जन कुंड में फेंक रहे हैं.

फेंक कर मूर्तियों का विसर्जन, लोगों में गुस्सा

कचरे की गाड़ियों में लाई गई 'मूर्तियां'

इतना ही नहीं, नगर निगम की ओर से शहर के अलग-अलग इलाकों में स्थापित तालाबों के पास टेंट लगाकर मूर्तियां एकत्र की जा रही है. वहीं उन मूर्तियों को विसर्जन करने की जिम्मेदारी नगर निगम के पास है. जिनमे भगवान गणेश की मूर्तियों को कचरा लादने वाली गाड़ियों में रखकर महादेव घाट में बने अस्थाई कुंड में विसर्जित किया जा रहा है. ऐसे में नगर निगम की कार्यशैली से लोगों में नाराजगी देखी जा रही है.

वहीं इस मामले पर ईटीवी भारत (ETV BHARAT) से बात करते हुए नगर निगम नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने कहा कि नगर निगम जिस व्यवस्था को ठीक ढंग से नहीं निभा पा रहा है. उसे उसकी जिम्मेदारी नहीं लेनी चाहिए. लोगों ने विश्वास करके भगवान गणेश की मूर्तियों (idols of lord ganesh) को विसर्जन के लिए निगम पर भरोसा जताया था. लेकिन नगर निगम प्रशासन इसे सही ढंग से कर पाया. इससे लोगों की आस्था को ठेस पहुंची है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जिस तरह से मूर्तियों का अपमान किया जा रहा है, ऐसे में आमजनों में भी बेहद नाराजगी है. निगम प्रशासन ने इस व्यवस्था की जिम्मेदारी ली है. ऐसे में लोगों की आस्था को ठेस नहीं पहुंचाना चाहिए. इसके साथ ही मूर्तियों का विसर्जन सही तरह से हो इसका खास ध्यान रखना चाहिए.

नहीं हो रहा नियमों का पालन

जिला प्रशासन की ओर से जारी की गई गाइडलाइन में सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद मूर्ति विसर्जन पर प्रतिबंध (Idol immersion ban) है. लेकिन नगर निगम की टीम (municipal team) की ओर से रोज देर रात तक विसर्जन कुंड में मूर्तियों का विसर्जन (Immersion of idols in Visarjan Kund) किया गया है. इसके अलावा आमजनों द्वारा भी नियमों को ताक में रखते हुए देर रात तक मूर्तियों का विसर्जन किया जा रहा है.

डीजे और बैंड बाजे के नियमों का भी उल्लंघन

जिला प्रशासन की ओर से जारी की गई गाइडलाइन के तहत नियत स्थान पर ही बैंड बाजा और डीजे बजाने की अनुमति है. जिनमें 200 वाट के साउंड सिस्टम (sound system) का ही इस्तेमाल किया जा सकता है. लेकिन मूर्ति विसर्जन के दौरान (during idol immersion) शहर के कई जगहों पर इन नियमों का पालन नहीं किया गया है और ना ही साउंड लिमिट का ध्यान रखा गया है.

रायपुर: राजधानी में रविवार से ही मूर्ति विसर्जन का उत्साह (Idol immersion enthusiasm) नजर आ रहा है. वहीं रायपुर में भगवान गणेश की मूर्तियों के अपमान (Disrespect to Lord Ganesha Idols) का मामला सामने आया है. नगर निगम कर्मचारी (municipal employees) की तरफ से असंवेदनशील तरीके से गणेश मूर्तियों को उछाल कर विसर्जित किया जा रहा है. मूर्तियों को उछालकर विसर्जित करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो रायपुर के महादेव घाट के विसर्जन कुंड (immersion pool of mahadev ghat) का बताया जा रहा है. जहां नगर निगम के कर्मचारी लापरवाह तरीके से मूर्तियों को विसर्जन कुंड में फेंक रहे हैं.

फेंक कर मूर्तियों का विसर्जन, लोगों में गुस्सा

कचरे की गाड़ियों में लाई गई 'मूर्तियां'

इतना ही नहीं, नगर निगम की ओर से शहर के अलग-अलग इलाकों में स्थापित तालाबों के पास टेंट लगाकर मूर्तियां एकत्र की जा रही है. वहीं उन मूर्तियों को विसर्जन करने की जिम्मेदारी नगर निगम के पास है. जिनमे भगवान गणेश की मूर्तियों को कचरा लादने वाली गाड़ियों में रखकर महादेव घाट में बने अस्थाई कुंड में विसर्जित किया जा रहा है. ऐसे में नगर निगम की कार्यशैली से लोगों में नाराजगी देखी जा रही है.

वहीं इस मामले पर ईटीवी भारत (ETV BHARAT) से बात करते हुए नगर निगम नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने कहा कि नगर निगम जिस व्यवस्था को ठीक ढंग से नहीं निभा पा रहा है. उसे उसकी जिम्मेदारी नहीं लेनी चाहिए. लोगों ने विश्वास करके भगवान गणेश की मूर्तियों (idols of lord ganesh) को विसर्जन के लिए निगम पर भरोसा जताया था. लेकिन नगर निगम प्रशासन इसे सही ढंग से कर पाया. इससे लोगों की आस्था को ठेस पहुंची है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जिस तरह से मूर्तियों का अपमान किया जा रहा है, ऐसे में आमजनों में भी बेहद नाराजगी है. निगम प्रशासन ने इस व्यवस्था की जिम्मेदारी ली है. ऐसे में लोगों की आस्था को ठेस नहीं पहुंचाना चाहिए. इसके साथ ही मूर्तियों का विसर्जन सही तरह से हो इसका खास ध्यान रखना चाहिए.

नहीं हो रहा नियमों का पालन

जिला प्रशासन की ओर से जारी की गई गाइडलाइन में सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद मूर्ति विसर्जन पर प्रतिबंध (Idol immersion ban) है. लेकिन नगर निगम की टीम (municipal team) की ओर से रोज देर रात तक विसर्जन कुंड में मूर्तियों का विसर्जन (Immersion of idols in Visarjan Kund) किया गया है. इसके अलावा आमजनों द्वारा भी नियमों को ताक में रखते हुए देर रात तक मूर्तियों का विसर्जन किया जा रहा है.

डीजे और बैंड बाजे के नियमों का भी उल्लंघन

जिला प्रशासन की ओर से जारी की गई गाइडलाइन के तहत नियत स्थान पर ही बैंड बाजा और डीजे बजाने की अनुमति है. जिनमें 200 वाट के साउंड सिस्टम (sound system) का ही इस्तेमाल किया जा सकता है. लेकिन मूर्ति विसर्जन के दौरान (during idol immersion) शहर के कई जगहों पर इन नियमों का पालन नहीं किया गया है और ना ही साउंड लिमिट का ध्यान रखा गया है.

Last Updated : Sep 20, 2021, 8:21 PM IST
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