रायपुर: छात्र जीवन से अपनी राजनीति की शुरुआत करने वाले रायपुर के मेयर एजाज ढेबर ने दावा किया है कि "तालाबों की सफाई और गहरीकरण की वजह से शहर का जल स्तर बढ़ा है". ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए महापौर एजाज ढेबर ने निगम से जुड़े कई सवालों का जवाब दिया. ढेबर पहले, एनएसयूआई के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. आइये जानते हैं शहर में जलभराव की समस्या पर क्या कहा महापौर एजाज ढेबर ने.
सवाल : हाल ही में, रायपुर नगर निगम के स्टडी दल को लेकर आपने इंदौर और चंडीगढ़ का दौरा किया. क्या कुछ नया और उपयोगी लगा आपको ? जिसे आप रायपुर शहर में भी इंप्लीमेंट करने की सोच रहे हैं.
जवाब : नई जगह में काफी कुछ सीखने को मिलता है. हम, लगातार स्वच्छता सर्वेक्षण में टॉप में रहने वाले शहर इंदौर और देश के खूबसूरत शहरों में से एक चंडीगढ़ अध्ययन करने गए थे. हमने वहां देखा कि इन शहरों में कैसे कचरे को डिस्पोज किया जाता है और उसे कैसे उपयोगी बनाते हैं. कैसे उसका खाद बना रहे हैं. पानी और प्लास्टिक का कैसे इस्तेमाल कर रहे हैं. इन सारे प्रबंधनों का हमारी टीम ने अध्ययन किया. दौरे के बाद वहां की कुछ बातों को हमने शहर के कुछ वार्डों में इंप्लीमेंट करवाने की शुरुआत भी कर दी है.
सवाल : आप लोगों के इस दौरे में हुए खर्च को लेकर विपक्ष ने सवाल खड़े किए हैं. क्या दौरे में खर्च हुए 40 लाख रुपए शहर के लिए उपयोगी साबित होंगे ?
जवाब : हमारे इस दौरे में, विपक्ष के लोग भी साथ में थे. रही बात 40 लाख रुपए खर्च होने की तो अगर हमने कोई गुनाह किया है, तो विपक्ष भी उतना ही गुनाहगार है. टीम को अध्ययन के लिए बाहर ले जाने में खर्च तो होता ही है. इसलिए ऐसी बातें नहीं की जानी चाहिए. इन शहरों से हम कई अच्छी चीजें सीखकर आये हैं, जिसका लाभ हमारे शहर में भी मिलेगा.
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सवाल : शहर के तालाबों की सफाई के लिए क्या कोई नई मशीन खरीदने पर आप लोग विचार कर रहे हैं ?
जवाब : तालाबों के संरक्षण और संवर्धन के लिए, प्रदेश की पिछली सरकार ने बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया. इतिहास में रायपुर शहर की पहचान तालाबों और मंदिरों के शहर के रूप में होती थी.15 साल तक बीजेपी की सरकार ने तालाबों को दबाने का काम किया. कमर्शियल यूज के लिए तालाबों को पाट दिया गया. उस दौरान बहुत सारे तालाब छोटे हो गए. अब हम उन्हीं तालाबों को वापस जीवित करने की दिशा में काम कर रहे हैं. इससे रायपुर का अंडर ग्राउंड वाटर लेवल बढ़ा है. इसी वजह से इस बार रायपुर में बोर सूखने की समस्याओं में कमी आई. शहर में पानी की समस्या भी कम हुई है. रही बात तालाबों की सफाई के लिए मशीन खरीदने की, तो निश्चित तौर पर यह प्रयोग जगदलपुर में किया गया है, जो सफल साबित हो रहा है.
सवाल : राज्य शासन ने यह दावा किया था, कि साल 2022 में प्रदेश के सभी नगर निगमों को टैंकर मुक्त करेंगे. क्या आपको लगता है कि इस काम में, अभी समय लगेगा ?
जवाब : मुझे नहीं लगता, कि इस काम में ज्यादा समय लगेगा. रायपुर शहर में कई पानी टंकियां निर्माणाधीन हैं, जो जल्द तैयार हो जाएंगी. जिसके बाद शहर में पीने के पानी को टैंकरों से नहीं भिजवाना पड़ेगा.
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सवाल : बरसात में जलभराव एक बड़ी समस्या रही है, रायपुर शहर की. क्या इस बार उम्मीद की जानी चाहिए, कि इस समस्या से निजात मिल जाएगी ?
जवाब : नगर निगम में हमारे आने के बाद बहुत सारे काम किए गए हैं. जैसे जवाहर बाजार और नया बस स्टैंड का निर्माण, गोल बाजार सहित सभी मार्केट में सफाई व्यवस्था दुरुस्त और कई नए निर्माण कार्य किए गए हैं. रही बात शहर में जलभराव की, तो रायपुर में काफी पहले से ड्रेनेज सिस्टम ठीक नहीं है. बिना प्लानिंग के शहर में नालियों का निर्माण करवाया गया था. जब तक ठोस प्लानिंग के साथ ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त नहीं करेंगे, तब तक यह समस्या शहर में रहेगी. हम विशेषज्ञों से ड्रेनेज के लिए, सर्वे करवा रहे हैं