रायपुर: चिटफंड कंपनियों के झांसे में आकर अपनी गाढ़ी कमाई गंवाने वाले निवेशकों के लिए राहत की खबर है. इन चिटफंड कंपनियों के खिलाफ एक के बाद एक कुर्की के आदेश जारी हो रहे हैं. रायपुर जिला एवं सत्र न्यायालय ने एक बार फिर एक चिटफंड कंपनी की संपत्ति को कुर्क करने का फैसला सुनाया है. यह फैसला रायपुर जिला सत्र न्यायाधीश अरविंद कुमार वर्मा की कोर्ट ने सुनाया है. दरअसल प्रार्थी बोधिराम साहू समेत अन्य निवेशकों ने चिटफंड कंपनी आरोग्य धन वर्षा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड में लाखों रुपए का निवेश किया था. लेकिन सालों बाद भी रकम नहीं लौटाई गई और कंपनी के डायरेक्टर फरार हो गए थे. प्रार्थी ने इसकी लिखित शिकायत थाने में दर्ज कराई थी. कोर्ट में मामला पहुंचने के बाद कंपनी के डायरेक्टर रघुवीर सिंह राठौर की संपत्ति को कुर्क करने का फैसला सुनाया गया.
यह भी पढ़ें: निलंबित IPS जीपी सिंह की 14 दिन बढ़ाई गई न्यायिक रिमांड, अब 28 को होगी सुनवाई
कंपनी के डायरेक्टर की संपत्ति होगी कुर्क
दरअसल, चिटफंड कंपनी आरोग्य धन वर्षा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ प्रार्थी बोधिराम साहू समेत अन्य निवेशकों ने गंज थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी. जिसके आधार पर रायपुर पुलिस ने कंपनी के संचालक उज्जैन निवासी रघुवीर सिंह राठौर को गिरफ्तार किया था. पुलिस जांच में पता चला था कि आरोपी की संपत्ति मंदिर हसौद इलाके में हैं. जिसे रायपुर जिला सत्र न्यायाधीश अरविंद कुमार वर्मा ने कुर्क करने का फैसला सुनाया है. साथ ही संपत्ति को नीलाम कर निवेशकों के पैसे लौटाने के आदेश दिए हैं. वहीं, इस मामले में शासन की ओर से लोक अभियोजक केके शुक्ला ने पैरवी की है.
सीएम के निर्देश के बाद जारी है कार्रवाई
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चिटफंड कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे. इतना ही नहीं बल्कि प्रदेशभर से चिटफंड कंपनी में डूबे निवेशकों से सरकार ने आवेदन भी मंगाए थे. उसके बाद से लगातार कार्रवाई की जा रही है. इसी संबंध में चिटफंड कंपनियों की संपत्ति कुर्क की जा रही है. इससे पहले भी चिटफंड कंपनी की संपत्ति को कुर्की के आदेश दिए हैं. जिसमें से दिव्यानी कंपनी की तीन प्रॉपर्टी को 6 जनवरी को नीलाम हुई है. प्रशासन को 4 करोड़ से अधिक रुपए मिले हैं. पीड़ितों के खाते में पैसे ट्रांसफर करने की प्रक्रिया भी प्रशासन की ओर से शुरू कर दी गई है. 8 फरवरी को भी कोर्ट ने एक और चिटफंड कंपनी की संपत्ति कुर्क करने के आदेश दिए थे.
रायपुर में दर्ज हैं 103 अपराध, 58 डायरेक्टर गिरफ्तार
चिटफंड सम्बंधित सभी थानों में कुल 103 अपराध पंजीबद्ध किए गए थे. राज्य में 15 जुलाई को छत्तीसगढ़ निवेशक अधिनियम बना. उसके बाद पंजीबद्ध 47 प्रकरण दर्ज हुए हैं. जिसमें करीब 28 कंपनियों की संपत्ति के संबंध में जानकारी लेकर के उसकी कुर्की के संबंध में कलेक्टर कार्यालय को भेजा गया है. जिसमें अबतक 3 प्रकरण में न्यायालय द्वारा आदेश भी जारी हो गया है. इसमें दिव्यानी कंपनी की संपत्ति का कुर्की भी हो गया है.
इसी प्रकार कुल 58 ऐसे आरोपी हैं, जो डायरेक्टर हैं जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. अभी 74 डायरेक्टर बचे हैं. जिसमें से लगभग 15 डायरेक्टर अलग-अलग प्रकरणों में दूसरे जेल में हैं. जिन्हें न्यायिक रिमांड के लिए प्रोडक्शन वारंट न्यायालय से जारी करके उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा. पिछले 2 महीने में पुलिस के द्वारा लगातार विशेष अभियान चलाकर 10 डायरेक्टरों को गिरफ्तार किया गया है. बाकी जितने भी फरार डायरेक्टर हैं. उसके लिए अलग-अलग विशेष टीम बनाकर गिरफ्तारी की कार्रवाई की जा रही है.
इस तरह आए थे आवेदन
जिला | आवेदन |
रायपुर | 3,66,330 |
बलोदा बाजार | 1,68,435 |
गरियाबंद | 1,90,465 |
गरियाबंद | 40,658 |
सूरजपुर | 49,270 |
राजनांदगांव | 1,10,240 |
बलरामपुर | 31,943 |
धमतरी | 89,920 |
अंबिकापुर | 47,265 |
महासमुंद | 1,22,343 |
नारायणपुर | 6,452 |
कोंडागांव | 31,279 |
कोरबा | 77, 320 |
सुकमा | 4,454 |
बिलासपुर | 1,50,000 |
बस्तर | 3,000 |
बीजापुर | 18,324 |
दंतेवाड़ा | 2,100 |
जशपुर | 22,033 |
दुर्ग | 1,65,328 |