रायपुर: राष्ट्रीय अधिवेशन में शनिवार शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ. इसका जिम्मा सांस्कृतिक समिति को दिया गया था. जिस वक्त मंच में देश भक्ति नाटक मंगल से महात्मा तक और भारत कि नवनिर्माण यात्रा मंचन हो रहा था, उस समय कार्यक्रम देखने के लिए गिने-चुने लोग ही बचे थे. नाट्य मंचन के बाद पंथी नृत्य का कार्यक्रम रखा गया था. हालांकि इस दौरान भी कार्यक्रम देखने वालों की संख्या बेहद कम थी.
"जीवन के कलाक्षेत्र में मेरी पहली यात्रा": पंथी नृत्य की प्रस्तुति देने पहुंचे पद्मश्री राधेश्याम बारले ने कहा कि "जीवन के कलाक्षेत्र में मेरी पहली यात्रा है. जब मुझे कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में प्रस्तुति देने का मौका मिल रहा है. किसी भी कलाकार को दर्शक चाहिए. इस विषय में सबका अपनी अलग-अलग मत है. कला की प्रस्तुति के समय अगर दर्शक रहते हैं तो प्रस्तुति में भी उमंग रहता है. दर्शकों के बीच में अगर प्रस्तुति होती तो और भी अच्छा होता.''
"नेता जा चुके हैं, इसलिए भीड़ कम है": सांस्कृतिक समिति के चेयरमैन अटल श्रीवास्तव ने कहा कि "मंगल से महात्मा तक और भारत नवनिर्माण यात्रा का कार्यक्रम शुरू हुआ था. शुरुआत के समय सभी नेता बैठे हुए थे. क्योंकि आज का सेशन सुबह 9 बजे से लगातार चलता रह इसलिए लोग थके हुए हैं. यही वजह है कि लोग कम हैं. एक अच्छी बात यह है कि जहां लोग खाना खा रहे हैं, वहां भी स्क्रीन लगी हुई है. सभी जगहों पर स्क्रीन लगी है. वे लोग वहां से यह कार्यक्रम देख रहे हैं. सेशन सुबह 9 बजे से चल रहा है. सांस्कृतिक कार्यक्रम शुरू होने में लेट हो गया. इसलिए लोग यहां बैठे नहीं हैं. लोगों को 25 किलोमीटर वापस जाना है. जहां वे रुके हैं. जो लोग जहां भी बैठे हैं, वे कार्यक्रम आनंद ले रहे हैं."
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कांग्रेस प्रवक्ता ने बताई ये वजह: रिटायर्ड विंग कमांडर और कांग्रेस प्रवक्ता अनुमा आचार्य ने कहा कि "लोग सुबह से आए थे और लोगों के खाने का समय भी हो गया है. लोग जहां रुके हैं, वहां वापस जा रहे है. जब कार्यक्रम शुरू हुआ जब तक कांग्रेस के अध्यक्ष थे. तब तक लोग बैठे थे. अधिवेशन में कला संस्कृति देखने को मिली. यहां कंथन, मणिपुरी भरतनाट्यम, ओडिसी नृत्य देखने को मिला. सांस्कृतिक कार्यक्रम देखने के लिए शुरूआत से ही कम लोग थे. लोग यहां जिस काम से आए थे, वे उस काम को करके वापस गए हैं."