रायपुर: अयोध्या में भगवान श्री राम मंदिर का भव्य निर्माण कार्य चल रहा है. साल 2024 तक राम मंदिर निर्माण का काम पूरा हो जाएगा. भले ही अयोध्या के राम मंदिर को पूरा होने में अभी समय है लेकिन रायपुर में अयोध्या राम मंदिर का निर्माण हो चुका है. रायपुर के एक सराफा कारोबारी ने सवा किलो चांदी से अयोध्या राम मंदिर की हूबहू कृति बनवाई है. चांदी से बने इस राम मंदिर को बनवाने में 1.50 लाख रुपये लगे हैं. 1250 ग्राम चांदी का इस्तेमाल हुआ है.
सराफा कारोबारी संजय कानूंगा ने राम मंदिर का नक्शा सामने आने के तुरंत बाद अयोध्या राम मंदिर की कृति बनवाने की इच्छा जाहिर की. इसका नक्शा उन्होंने कारीगरों को दिया और हूबहू चांदी का अयोध्या राम मंदिर बनवाने का काम शुरू करवाया.
कितने दिनों में बना चांदी का राम मंदिर: चांदी का राम मंदिर बनने में लगभग 3 से 4 महीने लगे. मुंबई के 4 से 5 कारीगरों ने बारीक कारीगरी कर मंदिर का निर्माण कराया. मंदिर के हर एक पिलर पर बारीक नक्काशी की गई.
कितनी चांदी लगी: चांदी का राम मंदिर बनवाने में 1250 ग्राम चांदी का उपयोग किया गया. जिसमें लगभग डेढ़ लाख रुपये खर्च हुए. जिसमें 1 लाख रुपए की 1250 ग्राम चांदी और 50 हजार रुपये कारीगरों को दिया गया.
चांदी से राम मंदिर की कृति बनाने का उद्देश्य: सराफा कारोबारी संजय कानूंगा चांदी के राम मंदिर को अयोध्या राम मंदिर में दान देना चाहिते हैं. विहिप और बजरंग दल के माध्यम से संजय इस चांदी के राम मंदिर को अयोध्या भिजवाएंगे.
इसे बनवाने का मेरा उद्देश्य यही था कि हमारा भी कुछ अंश श्री राम मंदिर निर्माण कार्य के लिए जाए. इसलिए बजंरग दल और विश्वहिंदू परिषद के माध्यम से मैं अयोध्या के राम मंदिर तक भेज सकूं.-संजय कानूंगा, सराफा कारोबारी
बजरंग दल के जिला अध्यक्ष रवि वाधवानी ने बताया कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर भक्तों में उत्साह है. सराफा कारोबारी संजय कानूंगा ने जब हमें चांदी से बनी राम मंदिर के बारे में जनकारी दी. जब हमने मूर्ति देखी और तो हमें ऐसा लगा कि हम अयोध्या आ गए हैं. बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी चांदी से निर्मित श्री राम मंदिर को देखने के लिए आए. हमारी पूरी कोशिश रहेगी कि यह मंदिर अयोध्या श्री राम मंदिर ट्रस्ट तक जरूर पहुंचे.