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यात्रीगण कृपया ध्यान दें: यात्रियों की सुविधा के लिए इन दो ट्रेनों में लगेंगे LHB कोच

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Published : Jan 10, 2020, 10:03 PM IST

रेल यात्रियों के लिए रेलवे प्रबंधन ने ट्रेनों में सुविधाओं का इजाफा किया है. रेलवे प्रबंधन ट्रेनों में मौजूदा ICF कोच की जगह LHB कोच लगा रहा है. जानें क्या है LHB कोच.

Railway management will install LHB coaches in trains
ट्रेनों में लगेंगे LHB कोच

रायपुर: रेलवे की ओर से एक्सप्रेस ट्रेनों की अलग-अलग श्रेणियों में होने वाली भीड़ को ध्यान में रखकर यात्रियों के लिये समय-समय पर अतिरिक्त कोचों की व्यवस्था और कोचों के प्रकार में संशोधन किया जाता है. इस तरह से 18203/18204 दुर्ग-कानपुर-दुर्ग एक्सप्रेस और 18201/18202 दुर्ग-नवतनवा-दुर्ग एक्सप्रेस गाड़ियों में एलएचबी कोच की सुविधा प्रदान की जा रही है.

सीटों के रिअलॉटमेंट की संभावना
ट्रेनों पुराने चलन के कोचों की जगह LHB कोच लगाए जा रहे हैं. यह LHB कोच पारंपरिक कोचों के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित, आरामदायक और ज्यादा सीटों की क्षमता वाले होते हैं. चूंकि LHB कोचों में साधारण कोचों के मुकाबले ज्यादा बर्थ रहते हैं. इसलिए इन गाड़ियों में एक स्लीपर कोच कम रहते हैं. जिन यात्रियों ने इन गाडियों में आरक्षण कराया है उनकी आरक्षण सीटों को दूसरे कोचों में रिअलॉटमेंट किए जाने की संभावना रहती है. इसकी सूचना यात्रियों को चार्ट बनते समय उनके दिए गए मोबाइल नंबर पर दी जाती है.

कार्यालय से ले सकतें हैं रिअलॉटमेंट की जानकारी
चार्ट बनने के बाद यात्री भारतीय रेलवे की वेबसाइट www.indianrail.gov.in पर PNR इंक्वारी के जरिए भी अपना रिअलॉट बर्थ जान सकते हैं. साथ ही ट्रेन में मौजूद टीटीई के और स्टेशन पर टीसी कार्यालय में भी इसकी जानकारी रहती है. यात्री बुकिंग कराते समय सही मोबाइल नंबर दें ताकि उन्हे बदले हुए बर्थ की जानकारी भेजी जा सके.

LHB कोच के प्रकार और तारीख
18203/18204 दुर्ग -कानपुर -दुर्ग एक्सप्रेस, दुर्ग से 14 जनवरी 2020 और कानपुर से 15 जनवरी 2020 से ट्रेनों का संचालन शुरू होगा.
18201/18202 दुर्ग -नवतनवा -दुर्ग (वाया-बनारस) एक्सप्रेस दुर्ग से 15 जनवरी 2020 से और नौतनवा से 17 जनवरी को LHB कोच ट्रेनों का संचालन शुरू किया जाएगा.

LHB कोच की विशेषताएं

  • LHB कोच लिंक हॉफमैन बुश कंपनी का डिजाइन है. पुरानी पारंपरिक कोच आईसीएफ कोच है.
  • कोच दुर्घटना के समय पलटते नहीं है. ये एक दूसरे पर चढ़ते नहीं है. इस कारण यह यात्रियों की सुरक्षा के नजरिए से जरूरी है, जिससे दुर्घटना के समय जान-माल का नुकसान कम होता है.
  • कोच की अधिकतम रफ्तार सीमा 160 किलोमीटर प्रति घंटा से 180 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकती है.
  • कोच का सस्पेंशन सिस्टम काफी आरामदायक होता है, जिससे यात्रा करने वाले यात्रियों को कम झटके महसूस होते हैं.
  • कोचों की ब्रेकिंग प्रणाली एक्सेल माउंटेन डिस्क ब्रेक पर आधारित होती है, जिससे पहियों का घीसाव कम होता है.
  • कोच आपकी बॉडी में कम अपोजिट मटेरियल का उपयोग है, जिससे यह वजन में हल्के होते हैं. कोचों में बायो टायलेट उपयोग किया गया है.
  • आपातकालीन परिस्थिति में यात्रियों के जल्द निकास के लिए बेहजतरीन एग्जिट सिस्टम हैं.
  • कोचों को एक दूसरे से जोड़े रखने के लिए सेंटर बफर कपलर का इस्तेमाल किया गया है.
  • LHB कोच की लंबाई 23540 एमएम है. आईसीएफ कोचों की लंबाई 21337 एमएम है, जिसके कारण इन कोचों में बैठक क्षमता बढ़ जाती है.
  • अभी के ICF कोचों में स्लीपर श्रेणी में अधिकतम 72 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था है. जबकि LHB कोचों में 80 लोग स्लीपर श्रेणी में बैठ सकते हैं.
  • इसी तरह से AC थ्री में 64 की जगह 72 एसी टू में 46 की जगह 52 लोग बैठ सकते हैं.
  • साधारण कोचों की बात करें, तो जहां पहले 90 लोगों के बैठने की व्यवस्था थी. वहां अब 100 लोग आसानी से बैठ सकते हैं.

रायपुर: रेलवे की ओर से एक्सप्रेस ट्रेनों की अलग-अलग श्रेणियों में होने वाली भीड़ को ध्यान में रखकर यात्रियों के लिये समय-समय पर अतिरिक्त कोचों की व्यवस्था और कोचों के प्रकार में संशोधन किया जाता है. इस तरह से 18203/18204 दुर्ग-कानपुर-दुर्ग एक्सप्रेस और 18201/18202 दुर्ग-नवतनवा-दुर्ग एक्सप्रेस गाड़ियों में एलएचबी कोच की सुविधा प्रदान की जा रही है.

सीटों के रिअलॉटमेंट की संभावना
ट्रेनों पुराने चलन के कोचों की जगह LHB कोच लगाए जा रहे हैं. यह LHB कोच पारंपरिक कोचों के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित, आरामदायक और ज्यादा सीटों की क्षमता वाले होते हैं. चूंकि LHB कोचों में साधारण कोचों के मुकाबले ज्यादा बर्थ रहते हैं. इसलिए इन गाड़ियों में एक स्लीपर कोच कम रहते हैं. जिन यात्रियों ने इन गाडियों में आरक्षण कराया है उनकी आरक्षण सीटों को दूसरे कोचों में रिअलॉटमेंट किए जाने की संभावना रहती है. इसकी सूचना यात्रियों को चार्ट बनते समय उनके दिए गए मोबाइल नंबर पर दी जाती है.

कार्यालय से ले सकतें हैं रिअलॉटमेंट की जानकारी
चार्ट बनने के बाद यात्री भारतीय रेलवे की वेबसाइट www.indianrail.gov.in पर PNR इंक्वारी के जरिए भी अपना रिअलॉट बर्थ जान सकते हैं. साथ ही ट्रेन में मौजूद टीटीई के और स्टेशन पर टीसी कार्यालय में भी इसकी जानकारी रहती है. यात्री बुकिंग कराते समय सही मोबाइल नंबर दें ताकि उन्हे बदले हुए बर्थ की जानकारी भेजी जा सके.

LHB कोच के प्रकार और तारीख
18203/18204 दुर्ग -कानपुर -दुर्ग एक्सप्रेस, दुर्ग से 14 जनवरी 2020 और कानपुर से 15 जनवरी 2020 से ट्रेनों का संचालन शुरू होगा.
18201/18202 दुर्ग -नवतनवा -दुर्ग (वाया-बनारस) एक्सप्रेस दुर्ग से 15 जनवरी 2020 से और नौतनवा से 17 जनवरी को LHB कोच ट्रेनों का संचालन शुरू किया जाएगा.

LHB कोच की विशेषताएं

  • LHB कोच लिंक हॉफमैन बुश कंपनी का डिजाइन है. पुरानी पारंपरिक कोच आईसीएफ कोच है.
  • कोच दुर्घटना के समय पलटते नहीं है. ये एक दूसरे पर चढ़ते नहीं है. इस कारण यह यात्रियों की सुरक्षा के नजरिए से जरूरी है, जिससे दुर्घटना के समय जान-माल का नुकसान कम होता है.
  • कोच की अधिकतम रफ्तार सीमा 160 किलोमीटर प्रति घंटा से 180 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकती है.
  • कोच का सस्पेंशन सिस्टम काफी आरामदायक होता है, जिससे यात्रा करने वाले यात्रियों को कम झटके महसूस होते हैं.
  • कोचों की ब्रेकिंग प्रणाली एक्सेल माउंटेन डिस्क ब्रेक पर आधारित होती है, जिससे पहियों का घीसाव कम होता है.
  • कोच आपकी बॉडी में कम अपोजिट मटेरियल का उपयोग है, जिससे यह वजन में हल्के होते हैं. कोचों में बायो टायलेट उपयोग किया गया है.
  • आपातकालीन परिस्थिति में यात्रियों के जल्द निकास के लिए बेहजतरीन एग्जिट सिस्टम हैं.
  • कोचों को एक दूसरे से जोड़े रखने के लिए सेंटर बफर कपलर का इस्तेमाल किया गया है.
  • LHB कोच की लंबाई 23540 एमएम है. आईसीएफ कोचों की लंबाई 21337 एमएम है, जिसके कारण इन कोचों में बैठक क्षमता बढ़ जाती है.
  • अभी के ICF कोचों में स्लीपर श्रेणी में अधिकतम 72 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था है. जबकि LHB कोचों में 80 लोग स्लीपर श्रेणी में बैठ सकते हैं.
  • इसी तरह से AC थ्री में 64 की जगह 72 एसी टू में 46 की जगह 52 लोग बैठ सकते हैं.
  • साधारण कोचों की बात करें, तो जहां पहले 90 लोगों के बैठने की व्यवस्था थी. वहां अब 100 लोग आसानी से बैठ सकते हैं.
Intro:रायपुर - रेलवे द्वारा एक्सप्रेस ट्रेनों की अलग-अलग श्रेणियों में होने वाली भींड़ को ध्यान में रखकर यात्रियों के लिये समय-समय पर अतिरिक्त कोचों की व्यवस्था एवं कोचो के प्रकार में संशोधन किया जाता है। इसी प्रकार 18203/18204 दुर्ग-कानपुर-दुर्ग एक्सप्रेस एवं 18201/18202 दुर्ग-नवतनवा-दुर्ग एक्सप्रेस गाडियों में एलएचबी कोच की सुविधा प्रदान की जा रही है । पारंपरिक कोचों के स्थान पर एलएचबी कोच लगाए गए हैं। यह एलएचबी कोच पारंपरिक कोचों की अपेक्षा अधिक सुरक्षित, काफी आरामदायक एवं अधिक सीटों की क्षमता वाले होते हैं। चूंकि एलएचबी कोचों में साधारण कोचों की अपेक्षा अधिक बर्थ रहते है, इसलिए इन गाड़ियों मं एक स्लीपर कोच कम रहते है । जिन यात्रियों ने इन गाडियों में आरक्षण कराया है उनकी आरक्षण सीटों को दूसरे कोचों में रिअलोट किये जाने की सम्भावना है । इसकी सूचना यात्रियों को चार्ट बनते समय उनके द्वारा आरक्षण कराते समय दिए गए मोबाईल नंबर पर उपलब्ध कराई जा रही है । चार्ट बनने के बाद यात्रीगण भारतीय रेलवे की वेबसाईट www.indianrail.gov.in पर पीएनआर इंक्वारी के माध्यम से भी अपना रिअलोटमेंट बर्थ जान सकते है । साथ ही ट्रेन में उपस्थित टीटीई के एवं स्टेशन पर टीसी कार्यालय में भी इसकी जानकारी उपलब्ध रहती है। यात्रियों से अनुरोध है कि वह बुकिंग कराते समय सही मोबाईल नम्बर दें ताकि उन्हे परिवर्तित बर्थ का एसएमएस भेजा जा सके। उनके पास प्राप्त मैसेज के आधार पर अपने परिवर्तित सीट पर बैठकर अपनी यात्रा का आनंद लें।
Body:एलएचबी कोच के प्रकार एवं तिथि का विस्तृत विवरण इस प्रकार है :-

01         18203/18204
दुर्ग -कानपुर -दुर्ग एक्सप्रेस         दुर्ग से 14 जनवरी, 2020 से कानपुर से 15 जनवरी 20 से
         
02         18201/18202
दुर्ग -नवतनवा -दुर्ग (वाया- बनारस) एक्सप्रेस         दुर्ग से 15 जनवरी, 2020 से नवतन्वा से 17 जनवरी 20 से
                  

Conclusion:एलएचबी कोच की विशेषताऐं

एलएचबी कोच की प्रमुख विशेषताएं एलएचबी कोच लिंक हॉफमैन बुश कंपनी का डिजाइन है पुरानी पारंपरिक कोच आईसीएफ कोच है ।

एलएचबी कोच दुर्घटना के समय पलटते नहीं है एवं एक दुसरे पर चढते नहीं है इस कारण यह यात्रियों की संरक्षा की दृष्टि से अति मत्वपूर्ण है जिससे दुर्घटना के समय जान माल की हानि कम होती है ।

एलएचबी कोच की अधिकतम सीमा 160 किलोमीटर प्रति घंटा से 180 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकती है।

एलएचबी कोच का सस्पेंशन सिस्टम काफी आरामदायक है जिससे यात्रा करने वाले यात्रियों को बहुत कम झटके महसूस होते है।

एलएचबी कोचों की ब्रेकिंग प्रणाली एक्सेल माउंटेन डिस्क ब्रेक पर आधारित होती है जिससे पहियों का घर्षण कम होता है।

एलएचबी कोच आपकी बॉडी में कम अपोजिट मटेरियल का उपयोग है जिससे यह वजन में हल्के होते हैं एलएचबी कोचों में बायो टायलेट उपयोग किया गया है, इनका लेवोट्री मॉड्यूल भी परिवर्तित है काफी आरामदायक है।

आपातकालीन परिस्थिति में यात्रियों के जल्द निकास के लिए बेहजतरीन एग्जिट सिस्टम हैं ।

कोचों को एक दूसरे से जोड़े रखने के लिए सेंटर बफर कपलर का इस्तेमाल किया गया है ।

एलएचबी कोच की लंबाई 23540 एमएम है । परापरागत आईसीएफ कोचों की लंबाई 21337 एमएम है जिसके कारण इन कोचों में बैठने की क्षमता अधिक बढ़ जाती है।

वर्तमान में परापरागत आईसीएफ कोचों में स्लीपर श्रेणी में अधिकतम 72 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था है। जबकि एलएचबी कोचों में 80 लोग स्लीपर श्रेणी में बैठ सकते हैं

इसी प्रकार एसी।।। में 64 के स्थान पर 72 एसी ।। में 46 के स्थान पर 52 लोग बैठ सकते हैं

साधारण कोचों की बात करें तो जहां पहले 90 लोगों के बैठने की व्यवस्था थी वहां अब 100 लोग आसानी से बैठ सकते हैं।



रितेश कुमार तम्बोली ईटीवी भारत रायपुर
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