रायपुर: रायपुर में इंदिरा प्रियदर्शिनी महिला सहकारी बैंक घोटाला मामले की जांच आगे बढ़ रही है. मामले में आरोपी बैंक मैनेजर उमेश सिन्हा के नार्को टेस्ट की एफएसएल रिपोर्ट और सीडी रायपुर पुलिस को सौंपी गई. न्यायालय के आदेश के बाद विशेष लोक अभियोजक और उप महाधिवक्ता संदीप दुबे ने पुलिस को सीडी और रिपोर्ट सौंपी है. अब पुलिस सीडी और एफएसएल रिपोर्ट के आधार पर दोबारा जांच शुरू करेगी.
"इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक घोटाले में माननीय प्रथम श्रेणी न्यायाधीश ने आदेश दिया है, कि हम चाहते थे फर्दर इन्वेस्टिगेशन हो, क्योंकि इस प्रकरण में जो रिपोर्ट आई थी, उसमें बहुत सारे ऐसे तथ्य हैं, जिसमें बड़े लोगों के नाम शामिल हैं. इस संबंध में जो रिपोर्ट है, वो कोर्ट में पहले जमा हो चुकी थी. इसकी हमने सेकंड कॉपी निकाली थी. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अभियोजन में आगे की कार्रवाई कर सकती है. रिकॉर्ड हमको कोर्ट ने सौंपा है. कोर्ट में रिकॉर्ड सौंपने के बाद उच्च स्तरीय बैठक के बाद अपनी राय के साथ सिटी कोतवाली के टीआई विनीत दुबे को रिकॉर्ड सौंप दिया है. अब आगे की कार्रवाई होगी." -संदीप दुबे, उप महाधिवक्ता
जानिए क्या है प्रियदर्शनी घोटाला: दरअसल, साल 2006-2007 में इंदिरा प्रियदर्शिनी महिला सहकारिता बैंक में 20 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ था. इस मामले में बैंक मैनेजर सहित 18 लोगों के खिलाफ कोतवाली थाने में धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. मामले को बंद कर दिया गया था. हालांकि एक बार फिर बिलासपुर हाईकोर्ट ने मामले की जांच की मंजूरी दे दी है. बिलासपुर हाईकोर्ट से मंजूरी मिलने के बाद एक बार फिर जांच शुरू हो गई है. बता दें कि इस केस में कई भाजपा के बड़े नेताओं का नाम सामने आया था.