रायपुर: कोरोना संक्रमण के डर से छत्तीसगढ़ के जेलों से 20 हजार कैदियों को सशर्त रिहा किया गया था, जिससे महामारी जेलों में न फैले. प्रदेश की जेलों में क्षमता से ज्यादा कैदी हैं, ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करना मुश्किल होता लिहाजा जेल प्रशासन ने ये फैसला लिया था. 30 नवंबर तक रिहा हुए कैदियों की वापसी होनी है. प्रबंधन ने इसके इंतजाम भी कर लिए हैं.
आइए आंकड़ों के जरिए जानते हैं कि कितने कैदियों को सशर्त रिहा किया गया. कितने कैदियों को 30 नवंबर तक वापस आना है और कितने कैदियों के वापस आने पर अदालत को फैसला लेना है.
26 मार्च 2020 से 15 नवंबर 2020 तक के आंकड़े
अंतरिम जमानत पर रिहा | 2698 |
नियमित जमानत पर रिहा | 15718 |
जिला मजिस्ट्रेट से छुट्टी | 444 |
जेल मुख्यालय से पेरोल | 851 |
शासन से सजा माफ | 148 |
सजा पूरी करने वाले कैदी | 280 |
कुल रिहा किए गए कैदी | 20139 |
वर्तमान में जेल में बंद कैदी | लगभग 17000 |
इन कैदियों की होनी है वापसी
मजिस्ट्रेट द्वारा दी गई छुट्टी वाले 444 कैदी और जेल मुख्यालय द्वारा पेरोल पर छोड़े गए 851 कैदियों की वापसी 30 नवंबर तक होनी है. वहीं अंतरिम जमानत पर छोड़े गए 2698 कैदियों की वापसी का फैसला न्यायालय के द्वारा किया जाएगा.
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जेल प्रशासन ने किए इंतजाम
कोविड-19 को लेकर जेल प्रशासन पूरी तरह से सजग है. इन कैदियों की जेल वापसी के दौरान इन्हें 14 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन रखा जाएगा और लगातार इन का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जाएगा. सब कुछ सामान्य होने के बाद ही इन्हें अन्य कैदियों के साथ मिलने की छूट मिलेगी.
परिजनों से मिलने पर रोक बरकरार
कोरोना काल के दौरान जेल में बंद कैदियों के परिजनों से मुलाकात पर रोक लगाई गई थी. जिसे वर्तमान में भी बरकरार रखा गया है कोविड-19 को देखते हुए अभी भी जेल में बंद कैदी अपने परिजनों से नहीं मिल सकते हैं.
रायपुर, बिलासपुर जैसे बड़ी जेलों में कोविड-19 के कई मामले सामने आ चुके हैं इसलिए प्रशासन अपनी तरफ से पूरी सावधानी बरत रहा है.