रायपुर: यूसीसी पर छत्तीसगढ़ में सियासी संग्राम कम होता नहीं दिख रहा है. उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने समान नागरिक संहिता को लेकर मोदी सरकार को घेरा है. यूसीसी पर पहले ही छत्तीसगढ़ में सर्व आदिवासी समाज ने चिंता जाहिर की है. उसके बाद अब टीएस सिंहदेव ने अपनी शंकाएं और चिंताओं के जरिए मोदी सरकार पर हमला बोला है.
सिंहदेव ने यूसीसी को लेकर दिया बड़ा बयान: सिंहदेव ने यूसीसी को भावनात्मक तौर वोटों के विभाजन के लिए लाने की बात कही है. मोदी सरकार के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है. इसलिए आने वाले चुनाव में वह ध्रुवीकरण की राजनीति करना चाहती है. ताकि वह चुनावों में जीत हासिल कर सकें. यह बातें टीएस सिंहदे ने मंगलवार को रायपुर में कही है.
"समान नागरिक संहिता के जरिए हिंदू मुस्लिम के जरिए ध्रुवीकरण की कोशिश की जा रही है. हिंदू और मुस्लिम वोटों के बहाने वोटों का विभाजन करने की कोशिश हो रही है.ध्रुवीकरण करने का प्रयास किया जा रहा है ताकि वोट विभाजित हो जाएं"- टीएस सिंहदेव
यूसीसी पर यूपी अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष को सिंहदेव का जवाब: टीएस सिंहदेव ने कहा कि जागरूक मतदाता कई बातों को ध्यान में रखकर अपना वोट डालेंगे और वे इन भावनात्मक बातों में नहीं पड़ेंगे. सिंहदेव ने यह बातें उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अशफाक सैफी की उस टिप्पणी के जवाब में कही. जिसमें उन्होंने कहा था कि जो लोग समान नागरिक संहिता का विरोध कर रहे हैं. वे मुसलमानों के विकास, शिक्षा और समानता का विरोध रहे हैं.
कर्नाटक चुनाव में बीजेपी की इस कोशिश का मिला है जवाब: टीएस सिंहदेव ने बीजेपी पर हमला जारी रखा और कर्नाटक विधानसभा चुनाव का हवाला दिया. मुस्लिम आरक्षण को खत्म करने के लिए भगवान हनुमान, केरल की कहानी, हिजाब के मुद्दों को उठाया गया और कर्नाटक में ध्रुवीकरण के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास किए गए. लेकिन अंत में मतदाताओं ने अपना स्पष्ट जनादेश दिया. कांग्रेस की सरकार कर्नाटक में बनी. इसलिए ध्रुवीकरण हर बार सफल नहीं होता
यूसीसी चुनाव के लिए कोई मुद्दा नहीं: टीएस सिंहदेव ने साफ किया है कि आगमी विधानसभा और लोकसभा चुनावों में यूसीसी कोई मुद्दा नहीं. लोक समझ चुके हैं. ऐसे भी मोदी सरकार की तरफ से उछाले जाने वाले सर्जिकल स्ट्राइक, पुलवामा हमला, अनुच्छेद 370 और राम मंदिर जैसे मुद्दे लोगों को अपील करने लिए अब नहीं बचे हैं. इसलिए अब भावनात्मक तौर पर इस तरह का प्रयास किया जा रहा है. भावनात्मक आधार पर लोगों के बीच विभाजन पैदा करने और वोट मांगने का प्रयास किया जा रहा है.
टीएस सिंहदेव ने कहा कि" कपिल सिब्बल ने हाल में गोलवलकर के बयान को आधार बनाकर यूसीसी को देश में लागू नहीं होने वाला बताया था. उसके आधार पर सिंहदेव ने कहा कि भारत में कई तरह की विविधताएं है. ऐसे में यूसीसी नहीं होना चाहिए. इस देश में बहुत विविधता है और विविधता में सामंजस्य बनाए रखने के लिए हमें काम करना होगा. आदिवासी हो या कोई अन्य समुदाय, सबकी अपनी-अपनी संस्कृति और परंपराएं होती है. यूसीसी में सभी को एक कर दिया जाएगा."
यूसीसी का मुद्दा अब देश की सियासत में सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बनता जा रहा है. सर्व आदिवासी समाज के साथ देश के कई आदिवासी वर्गों ने इस कोशिश का विरोध किया है. अब इस मामले में टीएस सिंहदेव की शंकाओं से एक नई बहस छिड़ गई है.