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आदिवासियों को 32 फीसदी आरक्षण पर विधानसभा में लगेगी मुहर: खाद्य मंत्री अमरजीत भगत - आरक्षण के मुद्दे

Politics on special session of cg Legislative Assembly छत्तीसगढ़ विधानसभा के विशेष सत्र पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि "विधानसभा के विशेष सत्र में आदिवासियों को 32 फीसदी आरक्षण पर सदन में मुहर लगेगी. हम बीजेपी को बेनकाब करेंगे" Minister Amarjit Bhagat

special session of cg Legislative Assembly
आरक्षण पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत का बड़ा बयान
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Published : Nov 30, 2022, 9:06 PM IST

रायपुर: Politics on special session of cg Legislative Assembly एक दिसंबर से छत्तीसगढ़ विधानसभा का विशेष सत्र शुरू हो रहा है. इस सत्र में आरक्षण पर बघेल सरकार विधेयक लाएगी. सत्र में और क्या खास होगा. इस मुद्दे पर ईटीवी भारत संवाददाता प्रवीण कुमार सिंह ने खाद्य मंत्री अमरजीत भगत से खास बात की है. उन्होंने ईटीवी भारत से बातचीत में दावा किया कि सरकार इस सत्र में आरक्षण पर विधेयक को पास कराएगी. Minister Amarjit Bhagat statement on reservation of tribals

आरक्षण पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत का बड़ा बयान



सवाल : आरक्षण के मुद्दे को लेकर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है. इस सत्र के दौरान क्या खास रहने वाला है ?
जवाब : विशेष सत्र में आदिवासियों के 32 फीसदी आरक्षण पर मुहर लगेगी. मेरा दावा है कि" देश की आजादी से लेकर के अब तक जितने भी मामले आरक्षण के रहे हैं. आदिवासियों के लिए यदि किसी ने कुछ किया है तो वह कांग्रेस ने किया है. शिक्षा, नौकरी, पदोन्नति में आरक्षण जैसे जितने भी फैसले हैं उसमें कांग्रेस ने आदिवासियों को हक और अधिकार दिया है. कोर्ट के पिछले आदेश में जो 32 से घटकर के 20 परसेंट आरक्षण हुआ था. भारतीय जनता पार्टी सरकार की गलती का नतीजा था. कल उस गलती को हम लोग धो पोछकर, सुधारेंगे और उसमें मुहर लगाने का काम करेंगे"

सवाल : भाजपा का कहना है कि हम तो 2012 से आदिवासियों को आरक्षण का लाभ देते आ रहे थे लेकिन कांग्रेस सरकार में यह लाभ नहीं मिल रहा है और कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया है
जवाब : कोर्ट में जब केस दायर हुआ उस समय किसकी सरकार थी और किस को दस्तावेज उपलब्ध कराना था. उसको अगर आपने 58% बढ़ाया था तो जस्टिफाई करने के लिए डाटा भी तो उनकी सरकार को ही उपलब्ध कराना था.

सवाल : भाजपा का कहना है कि 4 साल से राज्य में कांग्रेस सरकार है तो आपने इस मामले को लेकर क्यों पहल नहीं की.
जवाब: आज हम को मौका मिला है. तो हम उन दस्तावेजों को पेश कर रहे हैं और डंके की चोट पर कह रहे हैं कि आदिवासियों के साथ सरकार है और रहेगी. यदि 32% आरक्षण है तो वह मिलेगा.

ये भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ विधानसभा का विशेष सत्र: आरक्षण पर चर्चा, हंगामे के आसार



सवाल : आरक्षण के मुद्दे को लेकर सदन में चर्चा के लिए विपक्ष ने भी तैयारी कर रखी है.
जवाब: विपक्ष का कल चेहरा बेनकाब होगा, एक बार उन्होंने आरक्षण पर राजनीति करने का प्रयास किया और जब विशेष सत्र बुलाने की घोषणा की गई, तो उनका कहना था कि इसकी क्या आवश्यकता है. ऐसे में आप दो तरह की बात कर रहे हैं एक तरफ आप मांग, सभा, रैली कर आरोप आरोप लगा रहे हैं, और जब 32% आरक्षण देने के लिए विशेष सत्र बुलाया जाता है तो आप उसका विरोध भी करते हैं.

सवाल : संविधान के जानकार कहते हैं कि किसी भी परिस्थिति में 50% से अधिक आरक्षण नहीं दिया जा सकता है, ऐसे में छत्तीसगढ़ में इसे कैसे लागू जाएगा.
जवाब : सामान्य परिस्थिति में 50% आरक्षण का प्रावधान है. यदि 50% से ज्यादा आरक्षण है तो उसे आपको जस्टिफाइड करना पड़ेगा. उसके लिए डाटा पेश करना पड़ेगा जो हमारी सरकार पेश करेगी इसके लिए हमारी तैयारी है.

सवाल : तो क्या माना जाए कि 3 तारीख से प्रदेश में आदिवासियों को 32% आरक्षण का लाभ नौकरी सहित अन्य जगहों पर मिलना शुरू हो जाएगा.
जवाब : इसीलिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है.

रायपुर: Politics on special session of cg Legislative Assembly एक दिसंबर से छत्तीसगढ़ विधानसभा का विशेष सत्र शुरू हो रहा है. इस सत्र में आरक्षण पर बघेल सरकार विधेयक लाएगी. सत्र में और क्या खास होगा. इस मुद्दे पर ईटीवी भारत संवाददाता प्रवीण कुमार सिंह ने खाद्य मंत्री अमरजीत भगत से खास बात की है. उन्होंने ईटीवी भारत से बातचीत में दावा किया कि सरकार इस सत्र में आरक्षण पर विधेयक को पास कराएगी. Minister Amarjit Bhagat statement on reservation of tribals

आरक्षण पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत का बड़ा बयान



सवाल : आरक्षण के मुद्दे को लेकर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है. इस सत्र के दौरान क्या खास रहने वाला है ?
जवाब : विशेष सत्र में आदिवासियों के 32 फीसदी आरक्षण पर मुहर लगेगी. मेरा दावा है कि" देश की आजादी से लेकर के अब तक जितने भी मामले आरक्षण के रहे हैं. आदिवासियों के लिए यदि किसी ने कुछ किया है तो वह कांग्रेस ने किया है. शिक्षा, नौकरी, पदोन्नति में आरक्षण जैसे जितने भी फैसले हैं उसमें कांग्रेस ने आदिवासियों को हक और अधिकार दिया है. कोर्ट के पिछले आदेश में जो 32 से घटकर के 20 परसेंट आरक्षण हुआ था. भारतीय जनता पार्टी सरकार की गलती का नतीजा था. कल उस गलती को हम लोग धो पोछकर, सुधारेंगे और उसमें मुहर लगाने का काम करेंगे"

सवाल : भाजपा का कहना है कि हम तो 2012 से आदिवासियों को आरक्षण का लाभ देते आ रहे थे लेकिन कांग्रेस सरकार में यह लाभ नहीं मिल रहा है और कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया है
जवाब : कोर्ट में जब केस दायर हुआ उस समय किसकी सरकार थी और किस को दस्तावेज उपलब्ध कराना था. उसको अगर आपने 58% बढ़ाया था तो जस्टिफाई करने के लिए डाटा भी तो उनकी सरकार को ही उपलब्ध कराना था.

सवाल : भाजपा का कहना है कि 4 साल से राज्य में कांग्रेस सरकार है तो आपने इस मामले को लेकर क्यों पहल नहीं की.
जवाब: आज हम को मौका मिला है. तो हम उन दस्तावेजों को पेश कर रहे हैं और डंके की चोट पर कह रहे हैं कि आदिवासियों के साथ सरकार है और रहेगी. यदि 32% आरक्षण है तो वह मिलेगा.

ये भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ विधानसभा का विशेष सत्र: आरक्षण पर चर्चा, हंगामे के आसार



सवाल : आरक्षण के मुद्दे को लेकर सदन में चर्चा के लिए विपक्ष ने भी तैयारी कर रखी है.
जवाब: विपक्ष का कल चेहरा बेनकाब होगा, एक बार उन्होंने आरक्षण पर राजनीति करने का प्रयास किया और जब विशेष सत्र बुलाने की घोषणा की गई, तो उनका कहना था कि इसकी क्या आवश्यकता है. ऐसे में आप दो तरह की बात कर रहे हैं एक तरफ आप मांग, सभा, रैली कर आरोप आरोप लगा रहे हैं, और जब 32% आरक्षण देने के लिए विशेष सत्र बुलाया जाता है तो आप उसका विरोध भी करते हैं.

सवाल : संविधान के जानकार कहते हैं कि किसी भी परिस्थिति में 50% से अधिक आरक्षण नहीं दिया जा सकता है, ऐसे में छत्तीसगढ़ में इसे कैसे लागू जाएगा.
जवाब : सामान्य परिस्थिति में 50% आरक्षण का प्रावधान है. यदि 50% से ज्यादा आरक्षण है तो उसे आपको जस्टिफाइड करना पड़ेगा. उसके लिए डाटा पेश करना पड़ेगा जो हमारी सरकार पेश करेगी इसके लिए हमारी तैयारी है.

सवाल : तो क्या माना जाए कि 3 तारीख से प्रदेश में आदिवासियों को 32% आरक्षण का लाभ नौकरी सहित अन्य जगहों पर मिलना शुरू हो जाएगा.
जवाब : इसीलिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है.

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