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cm bhupesh on Ramcharitmanas issue : 'रामचरितमानस के मूल तत्व को समझना जरूरी, किसी के लिए राम राम तो किसी के लिए मरा मरा'

छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने रामचरितमानस के अपमान को लेकर हो रही राजनीति पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. सीएम भूपेश ने साफ शब्दों में कहा कि किसी भी ग्रंथ के मूल तत्व को समझना चाहिए. इस बारे में वाद विवाद करना ही गलत है. हमें रामचरितमानस के मूल तत्व को समझना होगा.

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Published : Feb 4, 2023, 7:11 PM IST

cm bhupesh on Ramcharitmanas issue
रामचरितमानस के मूल तत्व को समझना जरूरी

रायपुर : छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने रामचरित मानस पर उपजे विवाद पर अपनी बात रखी है. सीएम भूपेश ने कहा कि ''रामचरित मानस पर जो लोग वाद विवाद कर रहे हैं वो गलत है. रामचरित मानस के मूल तत्व को समझना होगा.उसके सकारात्मक पहलुओं को हमें जानना होगा. किसी भी ग्रंथ के दो चार दोहों को आधार मानकर उस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करना गलत है. हर एक बात किसी एक व्यक्ति के लिए सही नहीं हो सकती.''

कहां से शुरु हुआ विवाद : आपको बता दें कि ये सारा विवाद समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के दिए एक बयान के बाद शुरु हुआ. स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि ''रामचरितमानस की कुछ चौपाईयां धर्म, आदिवासियों, दलित, पिछड़े और महिलाओं का अपमान करती है. इसमें शूद्रों के सत्यानाश करने की बातें लिखी हैं. इसलिए ऐसे धर्म का ही सत्यानाश हो.''

  • #WATCH | Chhattisgarh: We can see Lord Ram in any way, some say 'Mara Mara' while some say 'Ram Ram', what difference does it make?... There're positive aspects of Ramcharitramanas that should be accepted...: CM Bhupesh Baghel (03.02) pic.twitter.com/yJA22jHvdS

    — ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) February 4, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

रामचरितमानस के आपत्तिजनक अंश पर प्रतिबंध की हुई थी मांग : स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि ''रामचरितमानस में कुछ ऐसी पंक्तियां हैं, जिनमें 'तेली' और 'कुम्हार' जैसी जातियों के नामों का उल्लेख है. इनके कारण लाखों लोगों की भावनाएं आहत होती हैं. रामचरितमानस के आपत्तिजनक अंश पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए.''

ये भी पढ़ें- कथावाचक देवी चित्रलेखा भक्ति में चमत्कार करने वालों पर बरसी, कहा भक्ति में विश्वास होता है चमत्कार नहीं

रामचरित मानस की प्रतियां जलाने के बाद विरोध बढ़ा : स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान के बाद रामचरितमानस की कई प्रतियों को जलाने की खबर आई थी. जिसके बाद संत समाज ने इसका कड़ा विरोध किया था. संत समाज ने रामचरितमानस का विरोध करने और ग्रंथ को जलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की अपील की है. संत समाज की मानें तो यदि समय रहते ऐसे लोगों पर कार्रवाई नहीं की गई तो आने वाले समय में सनातन धर्म को लेकर भी सवाल खड़े करने वाले सामने आने लगेंगे. किसी भी ग्रंथ और रचना के आधार पर विरोध प्रदर्शित करना गलत है.

रायपुर : छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने रामचरित मानस पर उपजे विवाद पर अपनी बात रखी है. सीएम भूपेश ने कहा कि ''रामचरित मानस पर जो लोग वाद विवाद कर रहे हैं वो गलत है. रामचरित मानस के मूल तत्व को समझना होगा.उसके सकारात्मक पहलुओं को हमें जानना होगा. किसी भी ग्रंथ के दो चार दोहों को आधार मानकर उस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करना गलत है. हर एक बात किसी एक व्यक्ति के लिए सही नहीं हो सकती.''

कहां से शुरु हुआ विवाद : आपको बता दें कि ये सारा विवाद समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के दिए एक बयान के बाद शुरु हुआ. स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि ''रामचरितमानस की कुछ चौपाईयां धर्म, आदिवासियों, दलित, पिछड़े और महिलाओं का अपमान करती है. इसमें शूद्रों के सत्यानाश करने की बातें लिखी हैं. इसलिए ऐसे धर्म का ही सत्यानाश हो.''

  • #WATCH | Chhattisgarh: We can see Lord Ram in any way, some say 'Mara Mara' while some say 'Ram Ram', what difference does it make?... There're positive aspects of Ramcharitramanas that should be accepted...: CM Bhupesh Baghel (03.02) pic.twitter.com/yJA22jHvdS

    — ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) February 4, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

रामचरितमानस के आपत्तिजनक अंश पर प्रतिबंध की हुई थी मांग : स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि ''रामचरितमानस में कुछ ऐसी पंक्तियां हैं, जिनमें 'तेली' और 'कुम्हार' जैसी जातियों के नामों का उल्लेख है. इनके कारण लाखों लोगों की भावनाएं आहत होती हैं. रामचरितमानस के आपत्तिजनक अंश पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए.''

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रामचरित मानस की प्रतियां जलाने के बाद विरोध बढ़ा : स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान के बाद रामचरितमानस की कई प्रतियों को जलाने की खबर आई थी. जिसके बाद संत समाज ने इसका कड़ा विरोध किया था. संत समाज ने रामचरितमानस का विरोध करने और ग्रंथ को जलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की अपील की है. संत समाज की मानें तो यदि समय रहते ऐसे लोगों पर कार्रवाई नहीं की गई तो आने वाले समय में सनातन धर्म को लेकर भी सवाल खड़े करने वाले सामने आने लगेंगे. किसी भी ग्रंथ और रचना के आधार पर विरोध प्रदर्शित करना गलत है.

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