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छत्तीसगढ़ का गुलाबी गेहूं बना विदेशियों के आकर्षण का केन्द्र - Mahasamund's Pink Wheat

प्रदेश में की जाती है गुलाबी गेहूं की पैदावार. इस गेहूं की पैदावार से किसान बहतरीन मुनाफा कमा लेते हैं. यही नहीं यह गेहूं विदेशियों के आकर्षण का केंद्र भी बना हुआ है.

छत्तीसगढ़ का गुलाबी गेहूं
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Published : Sep 21, 2019, 11:59 PM IST

Updated : Sep 22, 2019, 12:08 AM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ क्रेता विक्रेता सम्मेलन में विभिन्न किसानों और व्यापारियों ने अपने-अपने स्टाल लगाए हैं, जिसमें एक स्टाल गुलाबी गेहूं का भी लगाया गया है. इस स्टाल में रखा गुलाबी गेहूं लोगों के आकर्षण का केंद्र है. इसके साथ ही ही विदेशी नेताओं को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है.

छत्तीसगढ़ का गुलाबी गेहूं बना विदेशियों के आकर्षण का केन्द्र

गेहूं की खासियत यह है कि 'इससे मधुमेह, हृदय संबंधी रोग सहित कई बीमारियों को नियंत्रित किया जा सकता है और यही वजह है कि इस गेहूं को लेकर अब धीरे-धीरे लोगों का खासा रुझान देखा जा रहा है. हालांकि इस गेहूं की कीमत काफी ज्यादा है इस गेहूं का दाम लगभग 150 रुपये प्रति किलो है.

महासमुंद से इस गेहूं को लेकर क्रेता विक्रेता सम्मेलन में पहुंचे मोहन चंद्राकर का दावा है कि इस गुलाबी गेहूं की खेती प्रदेश में सिर्फ उनके यहां ही की जाती है और कोई किसान इसे नहीं लगाता है. वहीं मोहन ने बताया कि इसका बीज वो 3 साल पहले पंजाब से लाए थे और उसके बाद से ही उनके ओर से इस गेहूं की फसल की जा रही है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ क्रेता विक्रेता सम्मेलन में विभिन्न किसानों और व्यापारियों ने अपने-अपने स्टाल लगाए हैं, जिसमें एक स्टाल गुलाबी गेहूं का भी लगाया गया है. इस स्टाल में रखा गुलाबी गेहूं लोगों के आकर्षण का केंद्र है. इसके साथ ही ही विदेशी नेताओं को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है.

छत्तीसगढ़ का गुलाबी गेहूं बना विदेशियों के आकर्षण का केन्द्र

गेहूं की खासियत यह है कि 'इससे मधुमेह, हृदय संबंधी रोग सहित कई बीमारियों को नियंत्रित किया जा सकता है और यही वजह है कि इस गेहूं को लेकर अब धीरे-धीरे लोगों का खासा रुझान देखा जा रहा है. हालांकि इस गेहूं की कीमत काफी ज्यादा है इस गेहूं का दाम लगभग 150 रुपये प्रति किलो है.

महासमुंद से इस गेहूं को लेकर क्रेता विक्रेता सम्मेलन में पहुंचे मोहन चंद्राकर का दावा है कि इस गुलाबी गेहूं की खेती प्रदेश में सिर्फ उनके यहां ही की जाती है और कोई किसान इसे नहीं लगाता है. वहीं मोहन ने बताया कि इसका बीज वो 3 साल पहले पंजाब से लाए थे और उसके बाद से ही उनके ओर से इस गेहूं की फसल की जा रही है.

Intro:रायपुर प्रदेश में की जाती है गुलाबी गेहूं की पैदावार इस गेहूं की पैदावार पर किसान कमा रहे हैं बेहतरीन मुनाफा इतना ही नहीं यह गेम विदेशियों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है



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छत्तीसगढ़ क्रेता विक्रेता सम्मेलन में विभिन्न किसानों व व्यापारियों द्वारा स्टाल लगाए गए हैं जिसमें एक स्टाल गुलाबी गेहूं का भी लगाया गया है इस स्टाल में रखा गुलाबी गेहूं लोगों के आकर्षण का केंद्र है साथ ही विदेशी नेताओं को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है

गेहूं की खासियत है कि इससे मधुमेह हृदय संबंधी रोग सहित विभिन्न बीमारियों को नियंत्रित किया जा सकता है और यही वजह है कि इस गेहूं को लेकर अब धीरे-धीरे लोगों का खासा रुझान देखा जा रहा है हालांकि इस गेहूं की कीमत काफी ज्यादा है इस गेहूं का दाम लगभग 150 रुपये प्रति किलो है

महासमुंद से इस गेहूं को लेकर क्रेता विक्रेता सम्मेलन में पहुंचे मोहन चंद्राकर का दावा है कि इस गुलाबी गेहूं की खेती प्रदेश में सिर्फ उनके द्वारा ही की जाती है और कोई किसान इसे नहीं लगाता है मोहन ने बताया कि इसका बीज उनके द्वारा 3 साल पहले पंजाब से लाया गया था और उसके बाद से ही उनके द्वारा इस गेहूं की फसल ली जाती रही है।




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Last Updated : Sep 22, 2019, 12:08 AM IST
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