ETV Bharat / state

छत्तीसगढ़ में मुंह और गले का कैंसर बनी गंभीर समस्या, स्वास्थ विभाग ने शुरू किया पायलट प्रोजेक्ट

छत्तीसगढ़ में मुंह का कैंसर एक बहुत बड़ी समस्या है. स्वास्थ्य विभाग ने अब घर-घर दस्तक देकर मुंह और दांत की जांच करने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है.

cancer problem in Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में मुंह और गले का कैंसर
author img

By

Published : Feb 10, 2022, 3:25 PM IST

Updated : Feb 10, 2022, 6:24 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ का 40% हिस्सा आदिवासी क्षेत्र है. इन इलाकों में ज्यादातर लोग गुड़ाखू करते हैं. इसी वजह से छत्तीसगढ़ में पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं के मुंह में भी कैंसर देखने को मिलता है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने रायपुर में एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है. रायपुर में एएनएम अब घर-घर जाकर लोगों के मुंह और दांत की करेंगे. 103 एएनएम को जिम्मेदारी दी गई है. वे घर-घर जाकर मुंह और दांत से जुड़ी बीमारियों की जांच रिपोर्ट तैयार करेंगे. एएनएम के द्वारा चिन्हांकित मरीजों को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद चिकित्सकों की निगरानी में टेस्ट और इलाज मुहैया कराया जाएगा. जरूरत पड़ने पर मरीजों को अंबेडकर अस्पताल रेफर किया जाएगा.

छत्तीसगढ़ में मुंह और गले का कैंसर

मेकाहारा अस्पताल में कैंसर के इलाज की व्यवस्था

मेकाहारा कैंसर डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ. प्रदीप चंद्राकर ने बताया कि छत्तीसगढ़ में मुंह और गले का कैंसर कॉमन है. यह हमारे आचरण और व्यवहार से रिलेटेड है. गले के कैंसर में सबसे ज्यादा ओरल कैविटी के कैंसर होते हैं, जिसमें टंग कैंसर, जबड़े का कैंसर और गले के कैंसर शामिल हैं. इसके अलावा मुंह के पीछे का कैंसर भी ज्यादातर लोगों में देखने को मिलता है. 60 से 70% कैंसर तंबाकू सेवन से होता है. गले और मुंह का कैंसर करीब 40 से 45% पुरुषों में और 10 से 15% महिलाओं में होता है. छत्तीसगढ़ में गुड़ाखू की वजह से कैंसर होता है.

world cancer day 2022: कैंसर के क्या हैं शुरुआती लक्षण, कैसे होता है कैंसर ?

अगर अर्ली स्टेज में मरीज अस्पताल पहुंचें तो 80 से 90% कैंसर ठीक हो सकता है. छत्तीसगढ़ में ज्यादातर मुंह और गले के कैंसर स्टेज 3 और स्टेज 4 में देखने को मिलते हैं. जिस वजह से हमारा रिजल्ट ज्यादा अच्छा नहीं रहता है. अगर किसी भी तरह से यह कैंसर स्टेज 1 और स्टेज 2 में हमारे पास आ गए तो 80 से 90% कैंसर ठीक हो सकता है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ का 40% हिस्सा आदिवासी क्षेत्र है. इन इलाकों में ज्यादातर लोग गुड़ाखू करते हैं. इसी वजह से छत्तीसगढ़ में पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं के मुंह में भी कैंसर देखने को मिलता है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने रायपुर में एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है. रायपुर में एएनएम अब घर-घर जाकर लोगों के मुंह और दांत की करेंगे. 103 एएनएम को जिम्मेदारी दी गई है. वे घर-घर जाकर मुंह और दांत से जुड़ी बीमारियों की जांच रिपोर्ट तैयार करेंगे. एएनएम के द्वारा चिन्हांकित मरीजों को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद चिकित्सकों की निगरानी में टेस्ट और इलाज मुहैया कराया जाएगा. जरूरत पड़ने पर मरीजों को अंबेडकर अस्पताल रेफर किया जाएगा.

छत्तीसगढ़ में मुंह और गले का कैंसर

मेकाहारा अस्पताल में कैंसर के इलाज की व्यवस्था

मेकाहारा कैंसर डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ. प्रदीप चंद्राकर ने बताया कि छत्तीसगढ़ में मुंह और गले का कैंसर कॉमन है. यह हमारे आचरण और व्यवहार से रिलेटेड है. गले के कैंसर में सबसे ज्यादा ओरल कैविटी के कैंसर होते हैं, जिसमें टंग कैंसर, जबड़े का कैंसर और गले के कैंसर शामिल हैं. इसके अलावा मुंह के पीछे का कैंसर भी ज्यादातर लोगों में देखने को मिलता है. 60 से 70% कैंसर तंबाकू सेवन से होता है. गले और मुंह का कैंसर करीब 40 से 45% पुरुषों में और 10 से 15% महिलाओं में होता है. छत्तीसगढ़ में गुड़ाखू की वजह से कैंसर होता है.

world cancer day 2022: कैंसर के क्या हैं शुरुआती लक्षण, कैसे होता है कैंसर ?

अगर अर्ली स्टेज में मरीज अस्पताल पहुंचें तो 80 से 90% कैंसर ठीक हो सकता है. छत्तीसगढ़ में ज्यादातर मुंह और गले के कैंसर स्टेज 3 और स्टेज 4 में देखने को मिलते हैं. जिस वजह से हमारा रिजल्ट ज्यादा अच्छा नहीं रहता है. अगर किसी भी तरह से यह कैंसर स्टेज 1 और स्टेज 2 में हमारे पास आ गए तो 80 से 90% कैंसर ठीक हो सकता है.

Last Updated : Feb 10, 2022, 6:24 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.