रायपुर: विकास मानव जीवन की मांग है. लेकिन विकास के नाम पर जब पर्यावरण से ही खिलवाड़ किया जाए तो परिणाम भी घातक साबित होते हैं. आज पूरा विश्व पर्यावरण संरक्षण के लिए चिंता जाहिर कर रहा है. आज औद्योगिकरण की बड़ी कीमत राजधानी रायपुर के इंडस्ट्रियल एरिया के आसपास के गांव और इस क्षेत्र में बहने वाले नदी-नाले चुका रहे हैं. रायपुर के उरला-सिलतरा क्षेत्र में कई कारखाने स्थापित हैं. इससे निकलने वाला धुंआ और गंदा पानी सीधे खारुन नदी में मिल रहा है. जिससे नदी का पानी दिनों दिन जहरीला होता जा रहा है. इसके साथ ही तालाब का पानी भी अब निस्तारी के लायक नहीं बचा है.
ईटीवी भारत की टीम ने अन इलाकों का दौरा किया है. यहां के जनप्रतिनिधियों के साथ ही आम लोगों से बातचीत की है. यहां पर्यावरण के साथ भारी खिलवाड़ साफ देखा जा सकता है. फिलहाल हालात ऐसे हैं कि आसपास के इलाकों में लोगों को पीने के लिए साफ पानी तक नहीं मिल पा रहा है.
फिल्टर पलांट से पहुंच रहा गंदा पानी
बिरगांव गाजिनगर के पार्षद रियाज खान ने बताया कि जब बिरगांव नगर पालिका की घोषणा हुई है तो वार्डों में पानी के लिए पाइप डाला गया है. खारुन नदी से उरला और बिरगांव में पानी पहुंचता है. खारून नदी से पानी निकल कर फिल्टर प्लांट में जाता है. फिल्टर प्लांट से उरला और बिरगांव में पानी की सप्लाई होती है. लेकिन खारून नदी में पानी कम होने के कारण या फिल्टर प्लांट में जो केमिकल्स पानी को साफ करने के लिए डाले जाते हैं वह सही तरीके से पानी में नहीं डालने के कारण लगातार वार्ड में लोगों को गंदे पानी के परेशानी से जूझना पड़ रहा है. उनका कहना है कि बिरगांव में कुल 40 वार्ड हैं. सभी वार्ड में यही परेशानी वार्ड वासियों को हो रही है. इसको लेकर कई बार बिरगांव नगर निगम में शिकायत भी की गई, लेकिन सुनवाई करने वाला कोई नहीं है.
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वार्ड में रहने वाले इंद्रजीत तिवारी ने बताया कि यहां का पानी बेहद गंदा आता है. पीने का तो सवाल ही नहीं उठता है. यहां तक की लोग कपड़ा धोना और नहाना भी पसंद नहीं करते हैं. निगम में लगातार लोग शिकायत कर रहे हैं. लेकिन उनकी कोई भी नहीं सुन रहा है. शिकायत करने पर निगम की ओर से कहा जाता है कि अगली बार से साफ पानी भेजा जाएगा.
बोर से भी नहीं मिल रही राहत
लोगों ने बताया कि बिरगांव में कुछ वार्डों में बोर भी कराए गए हैं. लेकिन उस बोर से भी उनकी समस्या का हल नहीं हो रहा है. कुछ वार्डों में एक ही गली में दो से तीन बोर कराए गए हैं. वहां पानी का स्रोत कैसे मिलेगा. ऐसे में बोर 2 दिन चलता है और तीसरे दिन बंद हो जाता है. पानी की कमी देखने को मिल रही है.
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पानी से निकल रहा कीड़ा
धर्मेंद्र कुमार वासनी ने बताया कि यहां पानी की बहुत अधिक परेशानी है. पानी पीने योग्य नहीं है. कभी-कभी पानी में कीड़े भी निकल आते हैं. कई बार हमने नगर निगम जाकर शिकायत किया है. लेकिन वहां से आश्वासन मिल जाता है कि अगली बार साफ पानी भेजा जाएगा. पानी की स्थिति देख कर के ऐसा लगता है कि उस पानी से हम नहा भी नहीं सकते हैं.
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पूर्व महापौर ने कांग्रेस सरकार पर साधा निशाना
बिरगांव नगर निगम की पूर्व महापौर अंबिका यदु का कहना है कि उरला के बंदरी गांव में फिल्टर प्लांट लगा है. खारून नदी से उरला और बिरगांव में पानी सप्लाई किया जाता है. जब से कांग्रेस सरकार आई है, तब से नदी में पानी ही नहीं है. बार-बार निवेदन करने के बावजूद सही तरीके से पानी की सप्लाई नहीं हो रही है. जल विभाग और कलेक्टर को बोलने के साथ ही मुख्यमंत्री को कई बार लेटर देने के बाद मुश्किल से पानी भेजा जाता है. पानी कम होने के कारण यहां पूरे वार्ड वासियों को गंदा पानी पीना पड़ रहा है. पानी की व्यवस्था के लिए निगम ने कुछ वार्ड में बोर भी कराए गए हैं.