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कब जागेगा सिस्टम? जान हथेली पर रख हर दिन सफर कर रहे हैं हजारों लोग

ग्रामीण इलाकों से हजारों से लोग रोजी मजदूरी और काम धंधे के सिलसिले में राजधानी रायपुर आते हैं. हाईवे पर चलती तेज रफ्तार गाड़ियों की वजह से इन्हें संभल कर चलना पड़ता है. हादसे का डर भी बना रहता है.

traffic system in raipur
रायपुर में ट्रैफिक की समस्या
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Published : Jan 18, 2021, 8:40 PM IST

Updated : Jan 18, 2021, 8:49 PM IST

रायपुर: राजधानी रायपुर में तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं. विकास के साथ-साथ वाहनों की संख्या भी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. ग्रामीण और अंदरूनी इलाकों से रोजाना सैकड़ों लोग रोजाना के काम के लिए राजधानी पहुंचते हैं. राजधानी पहुंचने के लिए खासतौर पर दूध और सब्जी वालों को हाईवे से होकर गुजरना पड़ता है. जिसके चलते दुर्घटना का भय भी बना रहता है. ग्रामीण इलाकों से राजधानी आने वाले लोगों को सड़क पर संभल कर चलना होता है.

जान हथेली पर रख हर दिन सफर कर रहे हैं हजारों लोग

दूधवाले के साथ ही सब्जी वाले हर सुबह अपनी रोजी-रोटी की शुरुआत करने के लिए राजधानी रायपुर पहुंचते हैं. हाई-वे पर चलती तेज रफ्तार गाड़ियों की वजह से इन्हें संभल कर चलना पड़ता है. आए दिन हादसे का डर बना रहता है.

पढ़ें-SPECIAL: राजधानी में ट्रैफिक जाम की समस्या हुई आम, लोग हो रहे परेशान

राजधानी रायपुर महानगर का रूप लेता जा रहा है. दिनों-दिन दोपहिया और चारपहिया वाहनों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है. दूध वाले भी मानते हैं कि शहर में ट्रैफिक ज्यादा होने के कारण उन्हें हाईवे और राजधानी की सड़कों पर जान हथेली पर रखकर चलना पड़ता है.

traffic system in raipur
रायपुर में ट्रैफिक की समस्या

ट्रैफिक विभाग की तैयारी

ट्रैफिक विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ग्रामीण इलाकों से लोग रोजी-मजदूरी और अपने काम धंधे के लिए शहर आते हैं. ऐसे कई इलाके हैं, जहां पर सड़क हादसे की आशंका रहती है. उन जगहों पर पुलिस बल तैनात रहने के साथ ही अतिरिक्त बल भेजकर ट्रैफिक को नियंत्रित किया जाता है. जिन जगहों पर सड़क हादसे की आशंका ज्यादा रहती है, वहां पर सुबह 6 बजे से लेकर रात 12 बजे तक भारी और बड़े वाहनों के आवागमन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया जाता है.

पढ़ें-SPECIAL: 'तीसरी नजर' से राजधानी की निगहबानी, हाईटेक तरीकों से रखी जा रही पल-पल की खबर

हाई-वे पर पेट्रोलिंग गाड़ियां भी तैनात

हजारों लोगों का जीवन शहर पर निर्भर करता है. सब्जी बेचने वाले घरों में घूम कर या फिर चौक-चौराहों के साथ ही सब्जी मंडी में जाकर अपनी सब्जियां बेचते हैं. दूधवाले घरों या फिर डेयरी में जाकर दूध बेचते हैं. सड़क दुर्घटना ना हो, इसके लिए हाईवे पर पेट्रोलिंग गाड़ियां भी तैनात रहती हैं ताकी ट्रैफिक को कंट्रोल करने के साथ ही किसी तरह का हादसा होने पर उन्हें इलाज के लिए अस्पताल पहुंचा सके.

रायपुर: राजधानी रायपुर में तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं. विकास के साथ-साथ वाहनों की संख्या भी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. ग्रामीण और अंदरूनी इलाकों से रोजाना सैकड़ों लोग रोजाना के काम के लिए राजधानी पहुंचते हैं. राजधानी पहुंचने के लिए खासतौर पर दूध और सब्जी वालों को हाईवे से होकर गुजरना पड़ता है. जिसके चलते दुर्घटना का भय भी बना रहता है. ग्रामीण इलाकों से राजधानी आने वाले लोगों को सड़क पर संभल कर चलना होता है.

जान हथेली पर रख हर दिन सफर कर रहे हैं हजारों लोग

दूधवाले के साथ ही सब्जी वाले हर सुबह अपनी रोजी-रोटी की शुरुआत करने के लिए राजधानी रायपुर पहुंचते हैं. हाई-वे पर चलती तेज रफ्तार गाड़ियों की वजह से इन्हें संभल कर चलना पड़ता है. आए दिन हादसे का डर बना रहता है.

पढ़ें-SPECIAL: राजधानी में ट्रैफिक जाम की समस्या हुई आम, लोग हो रहे परेशान

राजधानी रायपुर महानगर का रूप लेता जा रहा है. दिनों-दिन दोपहिया और चारपहिया वाहनों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है. दूध वाले भी मानते हैं कि शहर में ट्रैफिक ज्यादा होने के कारण उन्हें हाईवे और राजधानी की सड़कों पर जान हथेली पर रखकर चलना पड़ता है.

traffic system in raipur
रायपुर में ट्रैफिक की समस्या

ट्रैफिक विभाग की तैयारी

ट्रैफिक विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ग्रामीण इलाकों से लोग रोजी-मजदूरी और अपने काम धंधे के लिए शहर आते हैं. ऐसे कई इलाके हैं, जहां पर सड़क हादसे की आशंका रहती है. उन जगहों पर पुलिस बल तैनात रहने के साथ ही अतिरिक्त बल भेजकर ट्रैफिक को नियंत्रित किया जाता है. जिन जगहों पर सड़क हादसे की आशंका ज्यादा रहती है, वहां पर सुबह 6 बजे से लेकर रात 12 बजे तक भारी और बड़े वाहनों के आवागमन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया जाता है.

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हाई-वे पर पेट्रोलिंग गाड़ियां भी तैनात

हजारों लोगों का जीवन शहर पर निर्भर करता है. सब्जी बेचने वाले घरों में घूम कर या फिर चौक-चौराहों के साथ ही सब्जी मंडी में जाकर अपनी सब्जियां बेचते हैं. दूधवाले घरों या फिर डेयरी में जाकर दूध बेचते हैं. सड़क दुर्घटना ना हो, इसके लिए हाईवे पर पेट्रोलिंग गाड़ियां भी तैनात रहती हैं ताकी ट्रैफिक को कंट्रोल करने के साथ ही किसी तरह का हादसा होने पर उन्हें इलाज के लिए अस्पताल पहुंचा सके.

Last Updated : Jan 18, 2021, 8:49 PM IST
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