रायपुर: मार्च महीने की दस्तक के साथ ही छत्तीसगढ़ में गर्मी की शुरुआत हो चुकी है. 1 मार्च को रायपुर में 37.2 डिग्री अधिकतम तापमान दर्ज किया गया. राजधानी वासियों का कहना है कि मार्च महीने की शुरुआत में ही टेंप्रेचर पिछले सालों के मुकाबले बहुत ज्यादा है.
दिल्ली मौसम विज्ञान केंद्र ने मार्च से मई महीने तक का पूर्वानुमान जारी किया है. इन महीनों में सामान्य तापमान, औसत तापमान से ज्यादा रहेगा. मौसम पूर्वानुमान केंद्र के मुताबिक 4 फरवरी को वेस्टर्न डिस्टरबेंस आया था. जिसके बाद मौसम में बदलाव आया है और गर्मी बढ़ी है. मौसम वैज्ञानिक एचपी चंद्रा का भी कहना है कि वर्तमान में अलनीनो की कंडीशन है और ला नीनो न्यूट्रल है. लिहाजा गर्मी बढ़ने की संभावना है.
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राजधानी रायपुर की बात करें तो मार्च महीने के बीते 10 साल के अधिकतम तापमान के आंकड़े इस बात की तस्दीक करते हैं. ऐसा ट्रेंड देखा गया है कि लगातार मार्च महीने में तापमान में इजाफा होता है. लेकिन इस बार मार्च के शुरुआती दिनों में पारा चढ़ गया है.
- 30 मार्च 2011 को 40 डिग्री सेल्सियस
- 22 मार्च 2012 को 40 डिग्री सेल्सियस
- 29 मार्च 2013 को 39.1 डिग्री सेल्सियस
- 31 मार्च 2014 को 40.3 डिग्री सेल्सियस
- 28 मार्च 2015 को 39.6 डिग्री सेल्सियस
- 27 मार्च 2016 को 39.6 डिग्री सेल्सियस
- 30 मार्च 2017 को 40.6 डिग्री सेल्सियस
- 31 मार्च 2018 को 40.4 डिग्री सेल्सियस
- 31 मार्च 2019 को 40.5 डिग्री सेल्सियस
- 28 मार्च 2020 को 37 डिग्री सेल्सियस
अल नीनो प्रभाव से चढ़ता है पारा
ला नीनो और अल नीनो प्रशांत महासागर से जुड़ी प्रक्रियाएं हैं. यह मध्य और पूर्वी प्रशांत महासागर में होने वाली घटनाएं हैं, जो बड़े पैमाने पर वैश्विक जलवायु को प्रभावित करती है. अल नीनो के कारण गर्म हवाएं चलती हैं. तापमान 2 से 4 डिग्री बढ़ जाता है. ला नीनो के कारण पूर्वी प्रशांत महासागर में सर्द हवाएं चलती हैं. यहां तापमान सामान्य से 3 से 5 डिग्री सेल्सियस तक कम हो जाता है. इससे वैश्विक तापमान में कमी आती है.
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गर्मी से बचने के लिए इन उपाय को अपनाएं
मौसम के बदलते तेवर और प्रचंड गर्मी के बीच आप कैसे अपने आप को फिट रख सकते हैं. ये सबसे बड़ी चुनौती है. ऐसे में डॉक्टर और हेल्थ एक्सपर्ट लोगों को गर्मी में कई एहतियात बरतने की सलाह दे रहे हैं. डॉक्टर्स के मुताबिक शरीर में पानी की मात्रा ज्यादा होनी चाहिए. डॉक्टरों का कहना कि गर्मी के मौसम में लोगों को तरल पदार्थ और फल का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करना चाहिए. नींबू के साथ-साथ नींबू के पेय पदार्थों का भी उपयोग करने से लोगों को गर्मी में राहत मिलेगी. डॉक्टर ने तेल मसाले से बचने की सलाह दी है.
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पशु-पक्षियों पर दिख रहा प्रभाव
लगातार तापमान बढ़ने से इसका असर पशु-पक्षियों पर भी पड़ा है. बेमेतरा के कटई गांव में बीते 40 वर्षों से आ रहे विदेशी मेहमान भी गर्मी की आहट से आशियाना छोड़ चले हैं. अब गांव के पेड़ वीरान हो गए हैं. कटई में लगभग 40 वर्षो से लगातार जून से फरवरी तक विदेशी पक्षियों का कलरव ग्रामीण सुनते थे. लेकिन इस बार फरवरी के बाद से ही विदेशी मेहमान यहां से चले गए हैं. पूरे इलाका वीरान हो गया है.
बढ़ती गर्मी के बीच राजधानी रायपुर में अभी से जूस और फल की बिक्री बढ़ गई है. लोग लगातार शीतल पेय का इस्तेमाल कर रहे हैं.
मार्च महीने की शुरुआत होते ही तापमान में तेजी से इजाफा हुआ है. जिससे जनजीवन प्रभावित हो रहा है. जब मार्च में गर्मी का आलम ऐसा है तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि अप्रैल, मई और जून में कैसे हालात होंगे.