रायपुर: छत्तीसगढ़ के झीरम घाटी मामले में हाइकोर्ट ने केंद्र सरकार और NIA को नोटिस भेजा है. मामले में NIA ने पूरी जांच नहीं की और इस फाइल को हमेशा के लिए बंद कर दिया है, जिस पर राज्य सरकार ने SIT को जांच के लिए फाइल सौंपने याचिका लगाई गई है.
दरअसल, प्रदेश में सरकार बदलते ही कांग्रेस सरकार ने झीरम घाटी नक्सली हमले की SIT जांच के आदेश दिए थे और और कमेटी भी गठित कर दी गई थी, लेकिन इस मामले की जांच अब तक पूरी नहीं हुई है.
सरकार के पास जांच के अधिकार
मामले में वकील सुदीप श्रीवास्तव ने बताया कि विवेक वाजपेयी और दौलत रोहरा की याचिका स्वीकार हुई है. जब NIA यह कह दे कि जांच हो चुकी है, तब राज्य सरकार का यह अधिकार है कि इस मामले में SIT से जांच करा सकती है. इसी संबंध में यह याचिका लगी है.
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याचिकाकर्ता दौलत रोहड़ा ने लगाया आरोप
वहीं याचिकाकर्ता दौलत रोहड़ा का आरोप है कि 'झीरम घाटी मामले में एनआईए द्वारा कई बिंदुओं पर जांच नहीं की गई. यहां तक कि एनआईए की टीम ने झीरम घाटी हमले से संबंधित व्यक्तियों के बयान भी नहीं लिए और यही वजह है कि इस मामले की सही जांच हो और दोषी सलाखों के पीछे हो'.
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24 सितंबर को होगी अगली सुनवाई
बता दें कि झीरम घाटी हत्याकांड की एनआईए जांच को लेकर चीफ जस्टिस की बेंच ने सुनवाई करने के बाद केंद्र, एनआईए और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है, जिस पर मामले की अगली सुनवाई 24 सितंबर को भीमा मंडावी को लेकर लगाई गई याचिका के साथ होगी.