रायपुर : राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के समापन समारोह में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बड़ी घोषणा की. उन्होंने राज्योत्सव के साथ हर साल आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन करने की बात कही.
सीएम बघेल ने कहा कि अब राज्योत्सव कुल पांच दिनों का होगा, जिसमें पहले दो दिन राज्य के स्थानीय कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे. वहीं शेष तीन दिन राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन किया जाएगा.
'अनेकता में एकता का संदेश दिया'
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में पहली बार देश-विदेश के कलाकारों ने एक साथ मंच साझा किया है. लोगों को महोत्सव में देश-विदेश की जनजातीय संस्कृतियों को करीब से जानने का मौका मिला. उन्होंने कहा कि इस महोत्सव ने अनेकता में एकता का संदेश दिया.
आयोजन की सफलता की बधाई
सीएम बघेल ने कहा कि इस आयोजन की सफलता को लेकर उनके मन में आशंका थी, लेकिन आयोजन को सफल बनाने के लिए उन्होंने मंत्रिमंडल, अधिकारी, लोक कलाकार, मीडिया प्रतिनिधि और प्रदेशवासियों को बधाई दी. उन्होंने आजादी की लड़ाई और समाज सुधार के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ के अनेक महापुरूषों का उल्लेखनीय योगदान होने की बात कही.
संस्कृति को पहचान दिलाने का काम
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 15 सालों में छत्तीसगढ़ की पहचान लुप्त हो गई थी. इसे केवल देश के नक्शे पर नक्सल हिंसा की गतिविधियों में स्थान मिलता था. उन्होंने कहा कि पूर्वजों ने एक समृद्ध छत्तीसगढ़, मजबूत छत्तीसगढ़ की परिकल्पना की थी. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद पुरखों के सपनों को पूरा करने की दिशा में काम शुरू किया है. सीएम बघेल ने कहा कि राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के आयोजन से छत्तीसगढ़ का नाम देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी गया है.