रायपुर: छत्तीसगढ़ भाजपा प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी लगातार प्रदेश का दौरा कर रहीं हैं और जमीनी हकीकत से रूबरू हो रही हैं. फरवरी से मई तक पिछले 4 महीनों में प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी और प्रदेश सह प्रभारी नितिन नवीन 4 बार छत्तीसगढ़ का दौरा कर चुके हैं. डी पुरंदेश्वरी के बस्तर दौरे से अनुमान लगाया जा रहा था कि इस बार आदिवासी चेहरे को भाजपा विधानसभा चुनाव में आगे रखकर चुनाव लड़ सकती है. लेकिन पिछले दिनों डी पुरंदेश्वरी ने साफ कर दिया कि 2023 विधानसभा चुनाव में भाजपा नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ेगी.
'मोदी सबसे बड़ा चेहरा': रायपुर दक्षिण विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा ''पूरे देश के लिए प्रधानमंत्री सबसे बड़ा चेहरा हैं. उनकी लोकप्रियता देश में सबसे ज्यादा है. यह स्वाभाविक है कि जिन राज्यों में मुख्यमंत्री होते हैं, वहां मुख्यमंत्री के चेहरे पर चुनाव होता है. जिन राज्यों में मुख्यमंत्री नहीं होते वहां पार्टी चुनाव लड़ती है. पार्टी का सबसे बड़ा चेहरा नरेंद्र मोदी हैं. प्रदेश प्रभारी और प्रदेश सह प्रभारी ने भी यह कहा है कि भाजपा अब कमल और नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ेगी.''
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भूपेश ने रमन पर कसा तंज: सीएम भूपेश बघेल ने भाजपा पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा ''रमन सिंह कहते हैं कि मोदी बड़ा चेहरा है. मतलब रमन सिंह अपने आपको अब भी छोटा चेहरा बता रहे हैं. पुरंदेश्वरी के मना करने पर भी डॉ रमन सिंह ढिठाई पर लगे हुए हैं. पुरंदेश्वरी ने जब कह दिया कि प्रदेश में कोई चेहरा नहीं है, तब भी वह कहते हैं कि मैं छोटा चेहरा हूं.''
क्या स्थानीय चेहरा जरूरी है: वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी ने बताया ''पिछले 15 साल भाजपा प्रदेश में डॉ. रमन सिंह के चेहरे पर चुनाव लड़ती आई है. लेकिन भाजपा ने साफ कर दिया कि 2023 विधानसभा चुनाव में डॉ. रमन सिंह और स्थानीय नेताओं के चेहरे पर वह चुनाव नहीं लड़ेगी. नरेंद्र मोदी पूरे देश के सबसे लोकप्रिय नेता हैं. लेकिन विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव के अलग-अलग मुद्दे होते हैं. विधानसभा चुनाव में राज्य की समस्याएं, संस्कृति और विकास इंपॉर्टेंट होते हैं. प्रदेश के मुद्दों को हल करने के लिए स्थानीय मजबूत नेता होना जरूरी है.''
क्या मोदी के नाम पर चुनाव लड़ने से मिलेगा फायदा?: स्थानीय नेताओं की तलाश में भाजपा लंबे समय तक रही है, लेकिन स्थानीय नेताओं की अंतर्कलह भारी पड़ रही है. दूसरी तरफ भूपेश बघेल जैसा दबंग और पिछड़ा वर्ग का चेहरा है. भाजपा के हाथ ऐसा कोई बड़ा मुद्दा भी नहीं लग रहा कि भूपेश बघेल सरकार को घेरा जा सके. लिहाजा भाजपा में मजबूत चेहरा नहीं होने के कारण राष्ट्रीय नेता को चेहरा बनाना पड़ रहा है. पार्टी को उम्मीद है कि मोदी के नाम पर सभी भाजपा कार्यकर्ता-नेता एक्टिव हो जाएंगे.