रायपुर: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि छत्तीसगढ़ बीजेपी किसानों को गुमराह कर रही है. मरकाम ने कहा कि प्रदेश में भाजपा लगातार धान खरीदी को लेकर अनर्गल बयानबाजी कर रही है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के स्थानीय नेता और प्रदेश प्रभारी झूठे आरोप लगा रहे हैं. मरकाम ने बीजेपी प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी पर निशाना साधा.
मोहन मरकाम ने कहा कि कांग्रेस सरकार किसानों के साथ खड़ी है. भाजपा धान खरीदी को बाधित करने की कोशिश कर रही है. केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ भाजपा नेताओं की मंशा के तहत धान खरीदी में अड़ंगा डाल रही है. राज्य सरकार द्वारा एफसीआई से चावल जमा करने के अनुरोध पर केंद्रीय खाद्य मंत्री ने पूछा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत बोनस दिया जा रहा है क्या ?
किसानों को सहायता, बोनस नहीं: मरकाम
पीसीसी चीफ ने कहा कि राज्य सरकार ने साफ किया है कि ये किसानों की सहायता राशि है, बोनस नहीं. धान का समर्थन मूल्य केंद्र सरकार तय करती है और राज्य सरकार एजेंसी के तौर पर धान खरीदती है. ये चावल एफसीआई में जमा होता है.
केंद्र ने नहीं दिए 9 हजार करोड़: कांग्रेस
डी पुरंदेश्वरी के बयान का जवाब पीसीसी चीफ मरकाम ने दिया. मरकाम ने कहा कि पुरंदेश्वरी गलत बयान दे रही हैं कि केंद्र ने धान खरीदी के लिए 9 हजार करोड़ का अग्रिम भुगतान किया है. केंद्र ने कोई भुगतान नहीं किया.
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मार्कफेड के जरिए धान खरीदी: मरकाम
राज्य सरकार मार्कफेड के जरिए धान खरीदी करती है. मार्कफेड विभिन्न वित्तीय संस्थाओं से ऋण लेता है. जिसका ब्याज समेत वापसी मार्केफेड करता है. इस साल 16 हजार करोड़ कर्ज लेने की योजना है. 9 हजार 5 सौ करोड़ का लोन मार्कफेड ने नेशनल कॉपरेटिव डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन से लिया. जिसका ब्याज राज्य सरकार देगी. इसमें केंद्र सरकार की एक पैसे की सहायता नहीं.
'किसान विरोधी है मोदी सरकार'
केंद्र सरकार ने 60 लाख मीट्रिक टन चावल लेने का कमिटमेंट सरकार ने किया था. 24 लाख की अनुमति मिली है. इससे साफ है कि मोदी सरकार किसान विरोधी है.
डी पुरंदेश्वरी ने पूछा था सवाल
डी पुरंदेश्वरी ने कहा था कि राज्य सरकार को केंद्र की ओर से धान खरीदी के लिए पिछले साल 28 लाख मीट्रिक टन का कोटा दिया गया था, लेकिन सरकार कोटा पूरा नहीं कर सकी थी. उन्होंने केंद्र की राशि का सही से उपयोग न करने का भी आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि सरकार केंद्र के दिए गए 9 हजार करोड़ की राशि का उपयोग ठीक से नहीं कर रही है.