रायपुर: छत्तीसगढ़ में पिछली बार की तरह इस साल भी धान खरीदी एक महीने की देरी यानी एक दिसंबर से शुरू हो रही है. इस साल बारदाने को लेकर सरकार और विपक्षी पार्टी बीजेपी आमने-सामने हैं. कांग्रेस सरकार ने केंद्र पर मांग के हिसाब से बारदाना नहीं देने के आरोप लगाए हैं.
जहां एक तरफ पूर्व कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ओर कृषि मंत्री रविंद्र चौबे को बारदाना तोहफे में भेजने की बात कही है, वहीं दूसरी तरफ चौबे ने कहा है कि वे विपक्ष का भेजा बारदाना प्रधानमंत्री तक पहुंचाएंगे. हालांकि कृषि मंत्री चौबे ने ये भी कहा कि उन्हें भाजपा का भेजा बारदाना अब तक नहीं मिला है.
पीएम मोदी से करेंगे आग्रह
बीजेपी के बारदाना गिफ्ट करने के बयान पर कृषि मंत्री रविंद्र चौबे कहा कि वे बारादाना पीएम मोदी को भेजकर लिखेंगे कि छत्तीसगढ़ में भाजपा चाहती है कि धान की खरीदी 25 सौ रुपए प्रति क्विंटल में हो इसलिए केंद्र सरकार ने समर्थन मूल्य से अधिक दर पर किसानों से धान खरीदी पर जो रोक लगाई है, उसे वापस ले ले. चौबे ने धान खरीदी में केंद्र सरकार द्वारा अड़ंगा डालने का आरोप लगाया है.
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नेता प्रतिपक्ष को दी सलाह
इस दौरान उन्होंने नेता प्रतिपक्ष को अध्ययन करने की नसीहत दी. उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को पता होना चाहिए कि बारदाने का इस्तेमाल कितनी बार हो सकता है. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल साहू ने कहा था कि राज्य के पास जितना बारदाना है, उसमें धान खरीदी शुरू की जा सकती है.
खाद्य मंत्री ने भी केंद्र को ठहराया जिम्मेदार
वहीं खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने भी धान खरीदी में देरी के लिए बारदाने की कमी को जिम्मेदार ठहराया है. मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि धान खरीदी में लगने वाला वारदाना केंद्र ने नहीं दिया, जितना उन्होंने देने को कहा था वो भी अब तक अप्राप्त है इसलिए धान खरीदी में देरी हो रही है. भगत ने कहा कि प्रदेश में ही बारदाने की व्यवस्था हो रही है. जिसके बाद तय समय यानी एक दिसंबर से धान खरीदी शुरू की जाएगी.