रायपुर: धान खरीदी पर आज खाद्य मंत्री अमरजीत भगत और अधिकारियों के बीच मंत्रालय में बैठक जारी है. बैठक में विभागीय अधिकारियों के साथ धान खरीदी की व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त करने और धान तस्करी रोकने की तैयारी को लेकर चर्चा हो रही है. छत्तीसगढ़ में बारदानों की कमी धान खरीदी के लिए समस्या बन गई है, जिसे दूर करने के लिए भी बैठक में विचार-विमर्श किया जा रहा है. इधर बेमौसम बारिश भी किसानों की परेशानी का सबब बनी हुई है.
बैठक से पहले धान खरीदी के संबंध में मंत्री अमरजीत भगत ने चर्चा कर कहा कि इस बार पहले से ज्यादा धान के आवक की संभावना है. जिसे देखते हुए तैयारियां की जा रही हैं. केंद्र ने धान खरीदी में लगने वाला बारदाना नहीं दिया है. जितना बारदाना देने का वादा केंद्र सरकार ने किया था, वो अभी तक नहीं मिला है इसलिए खरीदी में देरी हो रही है. इस बार धान की बंपर पैदावार हुई है, लेकिन बारदाना नहीं मिलना धान खरीदी में एक बड़ी चुनौती है. उन्होंने कहा कि बार पुराने बारदाने का उपयोग करने की व्यवस्था बनाई जा रही है. उन्होंने कहा कि लर्स के पास में जो बारदाने हैं, उसे हम कलेक्ट करा रहे हैं साथ ही पीडीएस में जो बारदाने हैं उसे भी इकठ्ठे करवा रहे हैं. इसके बाद भी जो गैप आ रहा है, उसको एसडीबी (प्लास्टिक के बैग) उपयोग के लिए हमने टेंडर किया है. उन्होंने कहा कि आज बैठक में इसी मुद्दे पर चर्चा होनी है.
पढ़ें: 'कोरोनाकाल में किसानों को रुला रही सरकार, एक हाथ से धान ले, एक हाथ से 2500 रुपए दे'
बिचौलियों के खिलाफ होगी कार्रवाई
उन्होंने कहा कि बिचौलियों को लेकर भी सरकार ने प्लान तैयार किया है. दूसरे प्रदेश से आकर धान खपाने की कोशिश करने वाले आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार अपने राज्य के किसानों को फायदा पहुंचाना चाहति है और उन्ही के लाभ के लिए 2500 समर्थन मूल्य में धान खरीदी कि नीति बनाई है, लेकिन अन्य प्रदेश के लोग यहां धान खपाने की कोशिश कर रहे जिससे यहां की व्यवस्था बिगड़ेगी. इसलिए कड़ाई से काम करने के निर्देश दिे गए है. साथ ही सीमावर्ती जिलों के कलेक्टरों को भी सतर्क रहने के निर्देश दिए है.
पढ़ें:छत्तीसगढ़: इस साल हो सकती है धान की बंपर पैदावार, कहीं मुश्किल में न फंस जाए सरकार
धान खरीदी की लेटलतीफी पर मंत्री का बयान
विपक्ष के आरोपों पर अमरजीत भगत ने कहा कि ना ही इनके बात में आधार है, ना सिर पैर है, इतनी अच्छी व्यवस्था है जो शायद ही कहीं और होगी. उन्होंने कहा कि धान खरीदी के 1 सप्ताह के बाद ही राशि का भुगतान हो रहा है. राशि का तीन किश्त हम दे चुके हैं अंतिम किस्त देना बाकी है वह भी हो जाएगा. उन्होंने कहा कि विपक्ष को जब किसानों के लिए लड़ना था, संघर्ष करना था उस दिन तो कहीं नहीं दिखे. उन्होंने कहा कि जब सब व्यवस्था दुरुस्त कर ली गई है, तो सब लोग कूद पड़े हैं. जितना अच्छी व्यवस्था और योजना मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में की है वह दूसरे प्रदेश में देखने को नहीं मिलता.