भोपाल/रायपुर: भोपाल के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में 'मेरा बूथ, सबसे मजबूत' अभियान के तहत मंगलवार को पीएम मोदी ने कार्यकर्ताओं को तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव 2024 में जीत का मंत्र दिया. आयोजन में जहां छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान के तीन हजार कार्यकर्ता भी शामिल हुए, वहीं 543 लोकसभाओं से 10 लाख कार्यकर्ता वर्चुअल जुड़े रहे. छत्तीसगढ़ के कार्यकर्ताओं ने सूबे में पार्टी की चुनौतियों और किसानों की परेशानियों को लेकर पीएम मोदी से सवाल भी किए. पीएम मोदी ने कार्यकर्ताओं की जिज्ञासाओं को शांत करते हुए विधानसभा और लोकसभा चुनाव में जीत की रणनीति साझा की.
बिचौलिए खा जाते थे किसानों को मिलने वाली मदद: सवाल जवाब सेशन में सुकमा से आए संजय सोढ़ी ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि "नक्सलगढ़ के किसान उपजाऊ जमीन होने के बावजूद पिछड़े हैं. हम किसानों के प्रति कांग्रेस की अप्रोच और भाजपा सरकार की अप्रोच में अंतर को कैसे बता सकते हैं और उन्हें कैसे समझा सकते हैं?" इस पर पीएम मोदी ने कहा कि "आप पहले का अनुभव याद करें. पहले किसानों के साथ क्या होता था? कांग्रेस की सरकारों के दौरान सूखा पड़ता था तो परेशानी किसानों की होती थी. बाढ़ आती थी तो किसानों की सुध लेने वाला कोई नहीं होता था. किसान के नाम पर मदद को बिचौलिए खा जाते थे. कांग्रेस की एक ही नीति थी. पहले किसानों को संकट में पड़ने दो फिर कर्जमाफी के नाम पर झूठ बोलकर वोट की फसल काटो. यह उनका तरीका रहता था."
कांग्रेस ने दस साल में कुछ हजार करोड़ कर्जमाफी का एलान किया, लेकिन असली किसानों को यह लाभ कभी पहुंचा ही नहीं. ज्यादातर छोटे किसानों का तो बैंक में खाता भी नहीं होता है. वो साहूकार के अलावा और लोगों से पैसा लेकर अपनी गाड़ी चलाते हैं. कर्जमाफी के नाम पर कांग्रेसी राजनीति करते थे, कुछ देते नहीं थे. छोटे किसानों को तो नसीब ही नहीं होता था. भाजपा सरकार आज पीएम सम्मान किसान निधि से सीधा किसानों के बैंक खाते में पैसा भेज रही है. इससे छोटे से छोटा किसान भी लाभ उठा रहा है. अब तक सवा दो लाख करोड़ रुपए किसानों के खाते में जमा हो चुके हैं. 11 करोड़ किसान इस स्कीम के लाभार्थी हैं. -नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
'किसानों पर नहीं पड़ने दिया महंगे खाद का बोझ': पीएम मोदी ने कहा कि "भाजपा की सरकार ने किसानों पर महंगे यूरिया, महंगे फर्टिलाइजर का बोझ भी पड़ने नहीं दिया. सरकार ने दो लाख करोड़ रुपए से ज्यादा कर्ज किया ताकि किसान को फर्टिलाइजर सस्ता मिल सके. आज अमेरिका में यूरिया के 50 किलो बैग की कीमत 3 हजार, ब्राजील में उसी बोरे की कीमत साढ़े तीन हजार, चीन में 2100, बांग्लादेश में 700, पाकिस्तान में 800 रुपए है. भारत के किसानों को वही यूरिया 270 रुपए से भी कम कीमत में मिल रहा है, क्योंकि भारत सरकार यह बोझ उठा रही है."
मिस्त्र में हो रही हमारे मिलेट्स की चर्चा: पीएम मोदी ने अपने मिस्त्र दौरे का अनुभव भी साझा किया. पीएम मोदी ने बताया कि "मिस्त्र में मिलेट्स की काफी चर्चा हुई. वहां के लोगों को गेहूं बाहर से मंगाना पड़ता है. मैंने उन्हें भारत के मिलेट्स यानी मोटे अनाज के बारे में बताया. भारत के ढाई करोड़ किसान मोटे अनाज की खेती करते हैं. वह कम पानी में, विपरीत परिस्थितियों में मिलेट्स पैदा करते हैं. मिलेट्स की सबसे बड़ी ताकत यह होती है कि यह सुपर फूड होता है. यह पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाता. श्रीअन्न अभियान का मुख्य उद्देश्य हमारे छोटे किसानों को ताकत देना है. भाजपा कार्यकर्ता को भी सोचना चाहिए की वह श्रीअन्न को बढ़ावा देने के लिए हरसंभव प्रयास करें."
मिलेट्स के बहाने किसानों और युवाओं को साधने के लिए प्रदेश की भूपेश बघेल सरकार जहां पहले से ही कोशिश में लगी है वहीं केंद्र की भाजपा सरकार का भी फोकस किसानों और नौजवानों पर ही है. इस प्रशिक्षण का कितना असर कार्यकर्ताओं पर हुआ यह तो आने वाला विधानसभा चुनाव बताएगा, लेकिन मुकाबला दिलचस्प होने की पूरी गारंटी है.