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Mediastinal hydatid cyst surgery: छत्तीसगढ़ में पहली बार हुई मेडियास्टिनल हाइडेटिड सिस्ट की सर्जरी, जानिए क्या है यह बीमारी ?

ambedakar hospital raipur प्रदेश में पहली बार मेडियास्टिनल हाइडेटिड सिस्ट की सर्जरी की गई है. यह सर्जरी डॉ भीमराव अंबेडकर अस्पताल में की गई, जिसे सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है. इस ऑपरेशन की खास बात यह रही कि सीटी गाइडेड बायोप्सी के बाद भी मरीज के कैंसर का पता नहीं चल पाया. लेकिन जब ऑपरेशन किया गया, तब पता चला कि युवक को मेडियास्टिनल हाइडेटिड सिस्ट की बीमारी है.

Mediastinal hydatid cyst surgery
रायपुर में मेडियास्टिनल हाइडेटिड सिस्ट की सर्जरी
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Published : Feb 28, 2023, 6:01 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में पहली बार मेडियास्टिनल हाइडेटिड सिस्ट की सर्जरी की सफलतापूर्वक की गई है. यह सर्जरी डॉ भीमराव अंबेडकर अस्पताल के हार्ट चेस्ट और वैस्कुलर सर्जरी विभाग में की गई. विभागाध्यक्ष डॉ कृष्ण कांत साहू के नेतृत्व में की गई सर्जरी सफल भी रही. फिलहाल मरीज की हालत में काफी सुधार है और वह स्वस्थ भी है.


हृदय के ऊपर था गांठ: बालोद जिला निवासी 21 वर्षीय युवक को 2 महीने से सांस लेने में तकलीफ और खांसी भी हो रही थी. उसने स्थानीय डॉक्टर को दिखाया और खांसी की दवाई लेने पर खांसी रुक तो जाती, लेकिन सांस ज्यादा फूलने लगी. जिसके बाद युवक का अंबेडकर अस्पताल में एक्स-रे कराया गया. जिसके बाद इस बीमारी का खुलासा हुआ. मरीज के हृदय के ऊपर कुछ गांठ थे, जिस वजह से मरीज को इस तरह की परेशानी हो रही थी.

ऑपरेशन के दौरान बीमारी का पता चला: यह ऑपरेशन इसलिए थोड़ा अलग इसलिए था, क्योंकि जब ऑपरेशन की तैयारी की गई, तो डॉक्टरों को पता नहीं था कि उसे हार्ट के कैंसर की जगह मेडियास्टिनल हाइडेटिड सिस्ट की बीमारी है. डॉक्टर ने बताया कि "युवक के हार्ट के ऊपर कैंसर का थर्ड ग्रेड का ट्यूमर है. मरीज की बहन अंबेडकर अस्पताल में नर्स का काम करती थीं. इसलिए उसने समय न गंवाते हुए इस बीमारी का इलाज के लिए अस्पताल के हार्ट चेस्ट और वैस्कुलर सर्जरी विभाग में संपर्क किया. डॉक्टर केके साहू द्वारा सीटी गाइडेड बायोप्सी के बाद भी मरीज के कैंसर का पता नहीं चल पाया. लेकिन डॉक्टर ने सिम्टम्स को ध्यान में रखते हुए ऑपरेशन की.

यह भी पढ़ें: National science day: दसवीं की छात्रा ने बनाई फोल्डिंग सपोर्ट सीट बेल्ट, जानिए कैसे इसका मेडिकल क्षेत्र में होगा इस्तेमाल ?

क्या होता है हाइडेटिड सिस्ट: यह बीमारी ऐसी बीमारी है, जिससे लीवर और फेफड़े प्रभावित होते हैं. यही कारण है कि लगातार खांसी और सांस लेने में तकलीफ होती है. कुत्तों के साथ ज्यादा समय बिताने वाले लोगों को यह बीमारी जल्दी घेरती है. यह बीमारी कुत्ते के मल द्वारा फैलती है. इस कृमि का इकाईनोककस ग्रेन्यूलोसस कहा जाता है. मरीज भी करीब 2 साल पहले कुत्तों की काफी सेवा करता था आशंका जताई गई कि मरीज की यह हालत इसी वजह से हुई है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में पहली बार मेडियास्टिनल हाइडेटिड सिस्ट की सर्जरी की सफलतापूर्वक की गई है. यह सर्जरी डॉ भीमराव अंबेडकर अस्पताल के हार्ट चेस्ट और वैस्कुलर सर्जरी विभाग में की गई. विभागाध्यक्ष डॉ कृष्ण कांत साहू के नेतृत्व में की गई सर्जरी सफल भी रही. फिलहाल मरीज की हालत में काफी सुधार है और वह स्वस्थ भी है.


हृदय के ऊपर था गांठ: बालोद जिला निवासी 21 वर्षीय युवक को 2 महीने से सांस लेने में तकलीफ और खांसी भी हो रही थी. उसने स्थानीय डॉक्टर को दिखाया और खांसी की दवाई लेने पर खांसी रुक तो जाती, लेकिन सांस ज्यादा फूलने लगी. जिसके बाद युवक का अंबेडकर अस्पताल में एक्स-रे कराया गया. जिसके बाद इस बीमारी का खुलासा हुआ. मरीज के हृदय के ऊपर कुछ गांठ थे, जिस वजह से मरीज को इस तरह की परेशानी हो रही थी.

ऑपरेशन के दौरान बीमारी का पता चला: यह ऑपरेशन इसलिए थोड़ा अलग इसलिए था, क्योंकि जब ऑपरेशन की तैयारी की गई, तो डॉक्टरों को पता नहीं था कि उसे हार्ट के कैंसर की जगह मेडियास्टिनल हाइडेटिड सिस्ट की बीमारी है. डॉक्टर ने बताया कि "युवक के हार्ट के ऊपर कैंसर का थर्ड ग्रेड का ट्यूमर है. मरीज की बहन अंबेडकर अस्पताल में नर्स का काम करती थीं. इसलिए उसने समय न गंवाते हुए इस बीमारी का इलाज के लिए अस्पताल के हार्ट चेस्ट और वैस्कुलर सर्जरी विभाग में संपर्क किया. डॉक्टर केके साहू द्वारा सीटी गाइडेड बायोप्सी के बाद भी मरीज के कैंसर का पता नहीं चल पाया. लेकिन डॉक्टर ने सिम्टम्स को ध्यान में रखते हुए ऑपरेशन की.

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क्या होता है हाइडेटिड सिस्ट: यह बीमारी ऐसी बीमारी है, जिससे लीवर और फेफड़े प्रभावित होते हैं. यही कारण है कि लगातार खांसी और सांस लेने में तकलीफ होती है. कुत्तों के साथ ज्यादा समय बिताने वाले लोगों को यह बीमारी जल्दी घेरती है. यह बीमारी कुत्ते के मल द्वारा फैलती है. इस कृमि का इकाईनोककस ग्रेन्यूलोसस कहा जाता है. मरीज भी करीब 2 साल पहले कुत्तों की काफी सेवा करता था आशंका जताई गई कि मरीज की यह हालत इसी वजह से हुई है.

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