रायपुर: छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए एक अच्छी खबर है. अब लोगों को जाति प्रमाण पत्र बनावाने के लिए मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी. प्रदेश सरकार ने जाति प्रमाण पत्र बनाने में आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए कागजी प्रक्रिया को कुछ कम किया है. जिससे प्रदेश के ज्यादा से ज्यादा लोगों को जाति प्रमाण पत्र बनाने में आसानी होगी.
प्रदेश सरकार ने ये फैसला लिया है कि, साल 1984 के पहले के जाति संबंधित दस्तावेज न होने की स्थिति में ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम सभा और शहरी क्षेत्रों में निकायों के द्वारा जो निर्धारित किया जाएगा, उस आधार पर संबंधित सक्षम अधिकारी को जाति प्रमाण पत्र देना होगा.
- इस बात की जानकारी देते हुए वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि, 'जो पिछड़ा वर्ग है उनको जाति प्रमाण पत्र मिलने में काफी कठिनाई होती है. उनके लिए दो तरह के मापदंड निर्धारित किए गए हैं.'
- मोहम्मद अकबर ने कहा कि, 'यह प्रक्रिया तत्कालीन सरकार के समय थी, लेकिन आधे अधूरे काम के चलते यह काम रुका हुआ था. साल 1984 के पहले के दस्तावेज जिनके पास नहीं होते थे, उन्हें जाति प्रमाण पत्र बनाने में काफी दिक्कत होती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा और लोगों को इससे काफी सहुलियत होगी.'
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शासकीय योजनाओं का लाभ लेने में होगी आसानी
सरकार के इस फैसले के बाद अब प्रदेशवासियों को जाति प्रमाण पत्र बनवाने में किसी तरह की दिक्कत नहीं आएगी और उन्हें तत्काल जाति प्रमाण पत्र मिल जाएगा. जाति प्रमाण पत्र मिलने से लोगों को आरक्षण के आधार पर निर्धारित शासकीय योजनाओं का लाभ लेने में आसानी होगी.