रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को कुल लगभग पौने दो साल बचे हैं. ऐसे में अभी से ही महिला कांग्रेस चुनाव की तैयारी में जुट गई है. यहां तक कि छत्तीसगढ़ में हो रहे खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव में भी कांग्रेस ने महिला उम्मीदवार को मैदान में उतारा है. जिससे साफ है कि आगामी विधानसभा चुनाव में महिला कांग्रेस की एक अहम भूमिका रहेगी.
महिला कांग्रेस के द्वारा आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए बैठकों का दौर शुरू हो गया है. इस बैठक के माध्यम से महिला कांग्रेस मिशन 2023 के लिए रणनीति बनाने में जुट गई है. इसी कड़ी में महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष ने नेटा डिसूजा छत्तीसगढ़ पहुंची. जहां उन्होंने कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में महिला कांग्रेस पदाधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक ली. जिसमे महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष फूलों देवी नेताम सहित कई पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे. इस बैठक के दौरान जहां उन्होंने एक देश में बढ़ती महंगाई को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने एलान किया. तो वहीं दूसरी और आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए महिला कांग्रेस की भूमिका को लेकर रणनीति तैयार की.
बैठक के बाद महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष ने नेटटा डिसूजा ने बताया कि आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए प्रदेश कांग्रेस के सभी संगठनों ने काम शुरू कर दिया. इसी कड़ी में महिला कांग्रेस के पदाधिकारियों को भी आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं. इनके द्वारा लगातार काम किया जा रहा है और आगे भी यह लोग काम करते रहेंगे. प्रदेश में एक बार फिर कांग्रेस की सरकार बनायेंगे.
उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी ने 40 फीसद महिलाओं को उम्मीदवार बनाने की बात कही थी. क्या इस फार्मूला को आगामी दिनों में छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में अपनाया जाएगा. जब यह सवाल डिसूजा से किया गया तो उनका कहना था कि प्रियंका गांधी ने सिर्फ घोषणा नहीं की थी. बल्कि 40 फीसद महिलाओं को टिकट भी दी थी जो कि हमारे लिए गर्व की बात है. छत्तीसगढ़ में भी संगठन की 11 महिलाएं विधानसभा में है. ऐसा पहली बार हुआ है जब इतनी महिला विधानसभा पहुंची है और मुझे विश्वास है कि कांग्रेस पार्टी में हमें मांगने की जरूरत नहीं है. आज ना सिर्फ कांग्रेस की बल्कि दूसरे राजनीतिक दलों की यदि महिलाएं चुनाव लड़ रही है. अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही है, वह कहीं न कहीं कांग्रेस की विचारधारा से प्रभावित हैं.कांग्रेस नेतृत्व की सोच के कारण यह संभव हुआ है.
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए 40 फीसद महिलाओं को टिकट देने का ऐलान किया था, जिसके बाद अब छत्तीसगढ़ में भी इसे लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है. यहां नए राजनीतिक समीकरण बनने भी शुरू हो गए हैं. छत्तीसगढ़ में साल 2023 के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में प्रियंका के फार्मूले की वजह से यहां के दिग्गज नेताओं की नींद उड़ गई है उन्हें टिकट कटने का डर सताने लगा है.
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प्रियंका गांधी वाड्रा का यह फार्मूला यदि छत्तीसगढ़ में लागू होता है तो कांग्रेस को प्रदेश की 90 में से 36 विधानसभा सीटों पर महिला उम्मीदवार उतारने पड़ेंगे. मौजूदा विधानसभा में कांग्रेस के पास 11 महिला विधायक हैं. इस लिहाज से अगर मौजूदा सभी विधायक को अगले चुनाव में रिपीट भी किया जाता हो तो 25 और सीटों पर महिला प्रत्याशियों को टिकट देना पड़ेगा.
हालांकि, कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ में 33 फीसद महिलाओं को टिकट देने पर जोर दिया था, लेकिन राजनीतिक समीकरणों की वजह से कांग्रेस ने 27 विधानसभा सीटों की जगह सिर्फ 13 सीटों पर महिलाओं को मौका दिया. इसमें 11 महिलाओं ने जीत दर्ज की. 90 सदस्यीय विधानसभा में अभी भाजपा और कांग्रेस की कुल 12 महिला विधायक हैं. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस में महिलाओं की जीत का औसत पुरुषों की तुलना में बेहतर रहा है. कांग्रेस ने 13 महिलाओं को मौका दिया था, जिनमें 10 ने जीत दर्ज की.दंतेवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में हुए उपचुनाव में यह संख्या बढ़कर 11 हो गई.पार्टी ने शेष 77 विधानसभा सीटों में पुरुषों को मौका दिया था, जिनमें 59 सीटों पर पुरुषों ने जीत दर्ज की. इससे पहले वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 10 महिलाओं को टिकट दिया था.
वहीं, साल 2018 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 14 विधानसभा क्षेत्रों पर महिला उम्मीदवार उतारे. लेकिन उन्हें सिर्फ एक सीट पर ही जीत मिली. भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में मंत्री रहीं. महिलाएं भी चुनाव हार गईं.मौजूदा विधानसभा में अभी दंतेवाड़ा, सारंगढ़, सिहावा, संजारी बालोद, पंडरिया, खुज्जी, तखतपुर, कसडोल, धरसीवा, बैकुंठपुर, डौंडीलोहारा सीट से कांग्रेस की महिला विधायक हैं.