रायपुर: नींबू जितना सेहत के लिए फायदेमंद है उतना ही ये दिमाग को भी स्वस्थ रखता है. कई लोग नींबू की खुश्बू के लिए उसके पत्तियों का इस्तेमाल चाय में करते हैं. हालांकि एक ऐसा घास भी पाया जाता है. जिसे लोग लेमनग्रास कहते हैं. अक्सर लोग डाइट में लेमनग्रास के चाय का इस्तेमाल करते हैं. इस घास की चाय में नींबू की खुश्बू और स्वाद भी होता है. लेमनग्रास का उपयोग औषधि के तौर पर सबसे अधिक किया जाता है. लेमन ग्रास को सौंदर्य के उत्पादों में भी यूज किया जाता है. लेमनग्रास ऊपर से नीचे तक पूरी तरह से औषधीय गुणों से भरा हुआ है. अक्सर स्पा सेंटर में इस्तेमाल किए जाने वाले ऑयल में भी लेमनग्रास यूज होता है. ये ऑयल काफी महंगा बिकता है.
किसानों की बढ़ेगी आय: अब छत्तीसगढ़ के किसान लेमन ग्रास से अपनी आय बढ़ाएंगे. किसान व्यवसायिक दृष्टि से इसका लाभ उठा सकेंगे. लेमनग्रास को उगाने में बहुत ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है. इसे बेचने पर मुनाफा अधिक होता है. यही वजह है कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय अब लेमन ग्रास पर शोध कर रहा है.समय- समय पर प्रशिक्षण केंद्र लगाकर किसानों को इस की महत्ता समझा रहा है. साथ ही इससे होने वाले फायदे से भी लोगों को अवगत करा रहा है.
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक ने दी जानकारी: इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के औषधीय विभाग के कृषि वैज्ञानिक यमन कुमार देवांगन ने लेमन ग्रास के बारे में ईटीवी भारत को बताया कि " छत्तीसगढ़ में धान की खेती सबसे ज्यादा की जाती है. उसी तरह लेमन ग्रास की खेती भी की जा सकती है. आप इसे एक बार उगाते हैं तो 4 से 5 साल तक उत्पादन ले सकते हैं. लेमन ग्रास के तेल का आर्थिक महत्व बहुत ज्यादा है और यह तेल इसकी पत्तियों से ही निकलता है. इसमें करीब-करीब पॉइंट सिक्स से पॉइंट 7 तक तेल प्राप्त होता है. किसान अन्य वैकल्पिक फसलों के अंतर्गत इसकी खेती भी कर सकते हैं. क्योंकि यह आर्थिक रूप से किसानों को और भी मजबूत करेगा."
लेमनग्रास ऑयल भी है उपयोगी: कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि" लेमनग्रास की कुछ अन्य प्रजातियां हैं, जैसे कृष्णा, कावेरी, प्रगति,सीके आदि. यूनिवर्सिटी के माध्यम से समय-समय पर फील्ड विजिट कर किसानों को इसकी खेती कैसे करें छत्तीसगढ़ में इसकी जलवायु कितनी उपयुक्त है. यह भी समझाया जाता है. लेमन ग्रास के परफ्यूम अगरबत्ती खुशबू जैसे प्रोडक्ट बनाने में इस्तेमाल किया जाता है. इसके अतिरिक्त ब्यूटी से जुड़े हुए प्रोडक्ट में भी लेमनग्रास का उपयोग किया जाता है. इस फसल की बुवाई मई जून में की जाती है, जिसके 120 दिन बाद बारिश में इसकी कटाई की जा सकती है. किसान 80 से 90 किलो प्रति एकड़ तेल का उत्पादन कर सकते हैं. वर्तमान में इसका मूल्य 11 से लेकर 12 सौ रुपए प्रति किलो है. बाकी किसान जानकारी के लिए यूनिवर्सिटी आ सकते हैं."
इन मरीजों के लिए लेमनग्रास फायदेमंद: लेमनग्रास औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. यदि किसी व्यक्ति को अस्थमा की समस्या है या वो स्ट्रेस की बीमारी से ग्रसित है तो लेमनग्रास उसके लिए काफी उपयोगी है. डायबिटीज, गठिया, मुहांसे, अनिद्रा जैसी बीमारियों में इसका इस्तेमाल करने से काफी राहत मिलता है. कोलेस्ट्रोल से परेशान लोग लेमनग्रास का इस्तेमाल कर इन बीमारियों से काफी हद तक राहत पा सकते हैं. लेमन ग्रास दर्द निवारक के रूप में भी काफी अच्छा काम करता है. यदि किसी को अपने दर्द को कम करना है तो वह लेमन ग्रास का उपयोग कर सकता है. लेमनग्रास को वह गर्म पानी में उबालकर पी सकता है. या चाय में डालकर उसका सेवन कर सकता है. लेमन ग्रास में एनाल्जेसिक होने के कारण ये दर्द से राहत देने वाला होता है.
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लेमनग्रास में पाए जाने वाले पोषक तत्व: लेमनग्रास में प्रत्येक पोषक तत्व पाया जाता है. करीब 100 ग्राम पोषक तत्व पाया जाता है. इसमें पानी, ऊर्जा, प्रोटीन, फैट, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, पोटेशियम, सोडियम, जिंक, सेलेनियम, विटामिन बी सिक्स, सी विटामिन ए आई यू , फैटी एसिड, टोटल सैचुरेटेड , फैटी एसिड, टोटल पॉली अनसैचुरेटेड आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं.