कोरबा: रक्षाबंधन पर बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और रक्षा का वचन लेती हैं. बहनों के रक्षा के वचन के साथ भाइयों को नजर से बचाने के लिए इस बार बाजार में एक खास तरह की राखी आई है. जिसे बहनें खूब पसंद कर रहीं हैं. भाइयों के लिए राखियां खरीदने पहुंच रही बहनें इस राखी को खासतौर पर पसंद कर रही है.
क्या है नज़रबट्टू राखी? : इस साल कोरबा के बाजार में खास "नजरबट्टू राखी" आई है. जो बहनों की पहली पसंद बन चुकी है. बहनों अपने भाइयों के लिए नजरबट्टू राखी खरीद रहीं है. ताकि जब वे भाइयों के कलाई पर इस राखी को बांधें, तो सभी बुरी नजरों से उनकी रक्षा हो सके. इस राखी की डिमांड सबसे ज्यादा है.
मार्केट में नजरबट्टू राखियों का ट्रेंड: कोरबा की राखी कारोबारी सुप्रित कौर ने बताया कि नजरबट्टू राखी इस बार खास ट्रेंड में है. बहनें आ रही हैं और हमसे नजरबट्टू राखी की मांग कर रही हैं. कोरोना के बाद इस बार राखी का बाजार काफी अच्छा है. सभी की पहली पसंद नजरबट्टू राखी है. इसके दाम 50 से 80 रुपए के बीच है.
"नजरबट्टू एक तरह का टोटका होता है, जो हमें बुरी नजर से बचाता है. आमतौर पर हम अपने घरों के बाहर नजरबट्टू लगाते हैं. छोटे बच्चों को भी काला टीका लगाया जाता है, ताकि उन्हें बुरी नजर से बचाया जा सके. अब इस तरह की राखियां भी मार्केट में मिल रही हैं. जिसे बहनें काफी खरीद रहीं हैं." - सुप्रित कौर, राखी कारोबारी
खुशबूदार चंदन की राखी का भी ट्रेंड: नजरबट्टू राखी के अलावा इस बार चंदन की लकड़ी से बनी खुशबूदार राखियों की मांग तेज है. बहनें छोटे-छोटे रुद्राक्ष जैसे दिखने वाले चंदन की लकड़ियों से बनी राखियां जमकर खरीद रहीं हैं. इस राखी से चंदन की खुशबू भी आती है. चंदन की इन राखियों को रक्षाबंधन के बाद भी कई दिन तक बांधे रखे जा सकता है.
इस बार राखियों के दाम बढ़ें: मार्केट में सभी चीजों के साथ ही इस बार राखियों के दाम भी बढ़े हुए हैं. 20 रुपये से शुरू होकर 500 रुपये तक राखी बाजार में मिल रही है. जिनमें सबसे ज्यादा डिमांड इस बार नजरबट्टू राखी की है.
30 अगस्त को मनाया जाएगा रक्षाबंधन का त्यौहार: रक्षाबंधन के त्योहार पर इस साल भद्रा का साया है. इस साल 30 अगस्त की सुबह 9:01 मिनट से भद्रा शुरू हो जाएगा. इसी दिन 10 बजे के करीब पूर्णिमा तिथि शुरू होगी. इसलिए रक्षाबंधन पर भद्रा के दौरान प्रकांड पंडितों ने राखी बांधना सही नहीं माना है. उन्होंने भद्रा खत्म होने के बाद ही रक्षा बंधन मनाने को शुभ बताया है.